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जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में क्षमता 29 की, भर्ती किए 80 मरीज

स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह की चेतावनी के बाद भी बच्चा वार्ड में एक बेड पर तीन-तीन मरीज भर्ती किए गए। अब उनके लिए अलग वार्ड का इंतजाम किया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Sep 2018 05:35 PM (IST)Updated: Mon, 24 Sep 2018 05:35 PM (IST)
जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में क्षमता 29 की, भर्ती किए 80 मरीज
जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में क्षमता 29 की, भर्ती किए 80 मरीज

बरेली(जेएनएन)। स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह की चेतावनी के बाद बुखार के मरीजों को भर्ती करने के लिए पर्याप्त स्थान मिल गया, लेकिन जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड की स्थिति नहीं सुधर रही है। रविवार को वहा करीब 80 मरीज भर्ती किए गए। इस कारण पूरी व्यवस्था बिगड़ गई। मरीजों की संख्या बढ़ने से शुरू किया गया एक अतिरिक्त वार्ड भी छोटा पड़ गया।

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सूबे के स्वास्थ्य मंत्री 11 सितंबर को जिला अस्पताल के निरीक्षण पर आए तो उन्होंने एक बेड पर तीन-तीन मरीज भर्ती होने पर नाराजगी जताई थी। इसके बाद बुखार के मरीजों को भर्ती करने के लिए महिला अस्पताल की नई बिल्डिंग में वार्ड खोल दिए गए। सवा सौ से अधिक मरीजों को भर्ती करने की अतिरिक्त व्यवस्था की गई है। बावजूद इसके जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड का हाल बुरा है। यहा मात्र 29 मरीजों को भर्ती करने के लिए बेड हैं। रविवार को भर्ती होने वाले बच्चों की संख्या 80 पहुंच गई। इस कारण एक बेड पर तीन-तीन मरीजों को भर्ती करके इलाज किया गया। दस बेड का एल्डर्ली वार्ड फुल हो गया। वही, डॉक्टरों की माने तो दोबारा बारिश होने से हालात और गंभीर होने की आशका है। मलेरिया समेत अन्य बीमारिया बढ़ सकती हैं। --डॉक्टर व स्टाफ भी परेशान

जिला अस्पताल में तीन बाल रोग विशेषज्ञ हैं। बीते दिनों दस बेड का एल्डर्ली वार्ड खोल दिया गया है। वहा भी स्टाफ लगाया है। इधर, बच्चा वार्ड में मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण स्टाफ की दिक्कतें बढ़ गई हैं। पीलीभीत, बदायूं से भी बच्चे रेफर होकर आ रहे हैं। इस कारण डॉक्टर समेत पूरा स्टाफ परेशान है।

--बच्चों को भर्ती करने के लिए अलग से वार्ड का इंतजाम

एडीएसआइसी डॉ. केएस गुप्ता ने बताया कि बच्चा वार्ड में मरीज बढ़ रहे हैं। इसके लिए डॉक्टरों से बात की है। बच्चों को भर्ती करने के लिए अलग से वार्ड का इंतजाम किया जाएगा।

--जिले में निकले फाल्सीपेरम के 231 मरीज

स्वास्थ्य विभाग की 86 टीमों ने रविवार को जिले के बुखार प्रभावित 57 गावों में कैंप लगाए। कैंप में साढ़े तीन हजार से अधिक मरीजों का मलेरिया का कार्ड टेस्ट किया गया। इसमें वाईवेक्स के करीब साढ़े चार सौ और फॉल्सीपेरम के करीब 231 मरीज सामने आए।

--बुखार से दो और की मौत

जिले में बुखार से दो लोगों की मौत हो गई। क्षेत्र में सैकड़ों लोग बीमार हैं। बीते माह से बहेड़ी इलाके में बुखार जमकर कहर बरपा रहा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हर रोज दर्जनों बुखार के मरीज सामने आ रहे हैं। गावों में हेल्प कैंप लगाए जा रहे हैं। हालाकि ये प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। गाव ¨पदारी अशोक निवासी भोलेराम (55) को गुरुवार को बुखार आया था। चिकित्सक ने उन्हें दिमागी बुखार होना बताया था। उनका निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। बीते दिन वह दवा लेकर घर लौट थे। रात में उनकी अचानक तबीयत खराब हो गई। परिजन दोबारा अस्पताल ले जाने की तैयारी करने लगे। इस दौरान उनकी मौत हो गई। वहीं तहसील क्षेत्र में बुखार से अब तक मरने वालों की संख्या नौ पहुंच गई है।

--उपचार के बाद भी नहीं बची राजपाल की जान

दस दिन तक लगातार उपचार के बाद भी डॉक्टर राजपाल को नहीं बचा सके। आखिर बुखार ने राजपाल की जिंदगी निगल ली। गाव गोपालपुर निवासी राजपाल दो भाइयों में सबसे छोटा थे। परिजनों के अनुसार उन्हें दस दिन पूर्व बुखार आया था। हालत बिगड़ी तो जिला अस्पताल में भर्ती कराया था।


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