बरेली में बीडीए की इस कार्रवाई से उड़े बिल्डरों के होश, स्टे खारिज होते ही सील किया रिसार्ट, पढ़िए पूरा मामला
BDA Action on Builders in Bareilly निर्मल रिसोर्ट पर सीलिंग के मामले में बीडीए ने अजब कार्रवाई कर दी। बिल्डर को तो कार्रवाई के जाल में फांस लिया लेकिन अपनों की गर्दन बचा ली। उन इंजीनियरों व अफसरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
बरेली, जेएनएन BDA Action on Builders in Bareilly : निर्मल रिसोर्ट पर सीलिंग के मामले में बीडीए ने अजब कार्रवाई कर दी। बिल्डर को तो कार्रवाई के जाल में फांस लिया, लेकिन अपनों की गर्दन बचा ली। उन इंजीनियरों व अफसरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिनकी आंखों के सामने पूरा रिसोर्ट बनकर तैयार हो गया। इससे बिल्डरों में बीडीए के प्रति नाराजगी है।
बरेली विकास प्राधिकरण ने अवैध निर्माण के खिलाफ अभियान चला रखा है। अवैध रूप से किए गए निर्माण को बीडीए ध्वस्त कर रहा है। इससे बीडीए अपना खजाना भर रहा है, लेकिन शहर के तमाम बिल्डर नुकसान पहुंचाने वाली कार्रवाई को गलत बता रहे हैं। उन्हें कहना है कि बीडीए को विकल्प दिए जाने चाहिए। तमाम बिल्डर कंपाउंडिंग फीस देने को भी तैयार हैं, लेकिन निर्माण ध्वस्त कर उन्हें नुकसान पहुंचाया जा रहा है। इसके साथ ही बीडीए एकतरफा कार्रवाई ही कर रहा है। शहर में जितने भी अवैध निर्माण ध्वस्त किए गए हैं, उनमें कई पुराने हैं।
ऐसे में उस वक्त के इंजीनियरों व अफसरों की भी जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। निर्मल रिसोर्ट पर कार्रवाई के मामले में बिल्डरों का कहना है कि वर्ष 2017 में बरातघर बनकर तैयार हुआ। उस वक्त भी शहर में बीडीए की पूरी टीम थी। बीडीए के अधिकारियों व इंजीनियरों के सामने निर्माण हुआ, लेकिन किसी ने उसे नहीं रोका। अगर तब रोका जाता तो बिल्डिंग खड़ी नहीं होती और उस वक्त बिल्डर को नुकसान भी नहीं होता। अब जब लाखों रुपये लगाकर पूरा रिसोर्ट खड़ा किया है और उस पर आयोजन चल रहा है, ऐसे में सीलिंग की कार्रवाई उत्पीड़न से कम नहीं है।
ऐसा सिर्फ बिल्डर से विकास शुल्क वसूलने के लिए किया गया, जबकि बिल्डर सभी शुल्क देने को तैयार रहते हैं। स्टे खारिज होने के तुरंत बाद ही रिसोर्ट सील कर दिया गया। अगर समय दिया गया होता तो बिल्डर मान बना रहता। बावजूद इसके बिल्डर ने 24 घंटे के अंदर ही 1.99 करोड़ रुपये बीडीए को भुगतान कर दिए। उधर, बुधवार को बीडीए की टीम ने बदायूं रोड स्थित एक निर्माणाधीन कालोनी में बाउंड्री तोड़ दी, जबकि बिल्डर ने मानचित्र पास कराने के लिए समय मांगा था।