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अजब : शासन से आई टीम को इस जनपद के एसीएमओं नही बता पाए एचआईवी का फुलफार्म ... Bareilly News

बेहतर कार्यशैली और आदेशों पर अमल तो दूर की बात अफसरों को योजनाओं की पूरी जानकारी नहीं है। यह स्थिति उजागर हुई शासन से आई तीन सदस्यीय समिति की विकास भवन में हुई समीक्षा बैठक में।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Wed, 23 Oct 2019 08:28 AM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 05:55 PM (IST)
अजब : शासन से आई टीम को इस जनपद के एसीएमओं नही बता पाए एचआईवी का फुलफार्म ... Bareilly News
अजब : शासन से आई टीम को इस जनपद के एसीएमओं नही बता पाए एचआईवी का फुलफार्म ... Bareilly News

जेएनएन, बरेली : बेहतर कार्यशैली और आदेशों पर अमल तो दूर की बात अफसरों को योजनाओं की पूरी जानकारी नहीं है। यह स्थिति उजागर हुई शासन से आई तीन सदस्यीय समिति की विकास भवन में हुई समीक्षा बैठक में। एसीएमओ एचआइवी का फुलफॉर्म न बता पाए। एड्स की स्र्पेंलग में भी अटके। इस पर समिति सदस्यों का पारा चढ़ गया। साफ कहा कि आप को कुछ नहीं पता। बैठक से बाहर निकल जाइये।

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आइपीएस अपर्णा गुप्ता, पीसीएस किंशुक श्रीवास्तव और श्वेता सेन की समिति ने विभिन्न योजनाओं की हकीकत टटोली। विभागों के अफसरों से साफ कहा कि कागजों में योजनाएं चला रहे हैं। आप का मकसद लाभार्थियों तक पहुंचाना नहीं है बल्कि आंकड़े तैयार कर र्मींटग निपटाना है। कोई विजन है न प्लान।

दो मिनट में हो जाएंगे बर्खास्त 

स्वास्थ्य विभाग से एसीएमओ डॉ. आरएन गिरी पहुंचे थे। फुलफॉर्म न बता पाने पर नाराजगी जताकर कहा आपको बेसिक जानकारी तक नहीं। आप सीएमओ को भेजें। हम उन्हीं से मिल लेंगे। अगर अभी सीएम को फोन लगाकर बता दें तो दो मिनट में बर्खास्त हो जाएंगे। डीपीआरओ चंद्रिका प्रसाद को भी जमकर फटकार लगाई। कहा कि क्या बकवास प्रजेंटेशन लेकर आए हैं। यह नहीं पता है कि आपका टारगेट क्या है। महिलाओं को क्या प्रशिक्षण दिया गया।

बड़े लोग ही सब्सिडी खा जाएंगे

जिला उद्योग केंद्र के असिस्टेंट मैनेजर कौशल श्रीवास्तव से नाराजगी जताई। कहा कि योजना का मकसद छोटे छोटे कारीगरों को लाभ पहुंचाना है। बड़े-बड़े लोग तो पूरी सब्सिडी ही खा जाएंगे। कारीगरों का न्यूनतम पे तक आपने नहीं निर्धारित नहीं किया। आज के समय में 250 रुपये में क्या होता है।

बीएसए नहीं दे पाई जवाब

बेसिक शिक्षा अधिकारी तनुजा त्रिपाठी से पूछा कि क्या आपने यह जानने की कोशिश की जिन बच्चों के रजिस्टर में नाम लिखे हैं वे स्कूल आ भी रहे है या नहीं। जो नहीं आ रहे हैं वह क्यों न हीं आ रहे। माता-पिता क्यों नहीं भेज रहे। बीएसए इसका जवाब नहीं दे सकीं। पुलिस और आजीविका मिशन के अधिकारियों के भी आधी अधूरी जानकारी देने पर नाराजगी जताई।महिला थाने के निरीक्षण में रजिस्टर दुरुस्त न होने पर अधिकारी गुस्से में आ गए। इसके पहले सदस्यों ने आशा ज्योति केंद्र का निरीक्षण किया। विशेष समिति सीधे मुख्यमंत्री को रिपोर्ट सौंपेगी।


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