वो जगह... जहां छात्रों के साथ धुएं का गुब्बार उड़ाने पहुंचती है छात्राएं Bareilly News
जिंदगी को अंधेरे में डालने वाले इस गुबार में खुद को डुबाना वह अपना शौक समझ बैठा है। वह नादान सेहत के खतरों से अनजान है उससे ज्यादा बेफिक्र वे लोग हैं जिन पर ऐसे अड्डों पर रोकथाम लगाने की जिम्मेदारी है।
बरेली, [अभिषेक पाण्डेय] : हाईस्कूल में पढ़ने वाला 15 साल का छात्र। छुट्टी के बाद घर जाने के बजाय वह सीधे प्रेमनगर में एक ऐसी जगह जाता है, जहां धुआं का गुबार है। वो धुआं, जो सांसों में जहर घोल रहा। जिंदगी को अंधेरे में डालने वाले इस गुबार में खुद को डुबाना वह अपना शौक समझ बैठा है। वह नादान सेहत के खतरों से अनजान है, उससे ज्यादा बेफिक्र वे लोग हैं जिन पर ऐसे अड्डों पर रोकथाम लगाने की जिम्मेदारी है। सभी की आंखों में धूल झोंकते हुए शहर में तीन दर्जन से ज्यादा हुक्का बार चल रहे। जिनमें 80 फीसद तक ग्राहक नाबालिग हैं।
रेस्टोरेंट में परोसा जा रहा नशा
प्रेमनगर, सिविल लाइंस, बारादरी व इज्जतनगर इलाके में रेस्टोरेंट में अंदर की ओर एक-एक कमरा बनाया गया है। वहीं हल्की रंगीन रोशनी के बीच हुक्का बार चल रहे। जो नियमित ग्राहक हैं, वे सीधे उसी कमरे में जाते हैं, हुक्का से धुआं उड़ाते हैं।
लड़कियां भी पहुंच रहीं
हुक्का पीने का शौक रखने वालों में लड़कियां भी शामिल हैं। यह लड़किया स्कूल से छुट्टी के बाद कोचिंग क बाहने साथी छात्रों के साथ हुक्का बार आती हैं। चूंकि जहरीला नशा उनकी आदत बन चुका है इसलिए संचालक प्रत्येक लड़का या लड़की से आधा घंटा के तीन सौ रुपये तक वसूलते हैं।
600 रुपये प्रति छात्र-छात्र से वसूलते हैं हुक्का बार मालिक
40 हुक्का बार चोरी छिपे चल रहे, प्रेमनगर क्षेत्र में सबसे ज्यादा
पहले फ्लेवर फिर मांग करने पर गांजा सुल्फा भी उपलब्ध
नशे का कारोबार इस कदर फैल चुका कि इन हुक्का बार की आड़ में गांजा, सुल्फा भी पिलाया जा रहा। दरअसल, प्रत्येक हुक्का बार में अलग-अलग फ्लेवर होते हैं। जब लगातार इनका उपयोग किया जाता तो नशा कम महसूस होता है। ज्यादा नशा चढ़े, इसके लिए हुक्का में सुल्फा व गांजा तक दिया जा रहा।
इस तरह फैला रहे जहर
हुक्का में तेज नशे वाली तंबाकू भरी जाती है। उसे सुगंधित बनाने के लिए कई फ्लेवर की खुशबू का उपयोग किया जा रहा। युवाओं की सांसों में यह जहरीला धुआं पहुंच रहा, जिससे कैंसर जैसी बीमारी तक हो सकती है। चिकित्सक बताते हैं कि अस्थमा, स्मरण शक्ति कमजोर होने जैसी शिकायत भी हो सकती है।
कार्रवाई हुई तो लगवा दिए कैमरे
हुक्का बार चलने की सूचना मिली तो आला अधिकारियों के निर्देश पर प्रेमनगर इंस्पेक्टर बलबीर सिंह ने क्षेत्र के 14 हुक्का बार रेस्टोरेंट पर दबिश देकर हुक्का हटवा दिए थे। शपथ पत्र लिया गया कि अब वहां हुक्का बार नहीं चलेगा। संचालकों ने अब दूसरा रास्ता निकाल लिया। मुख्य दरवाजे पर सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए। जैसे ही कोई पुलिसकर्मी रेस्टोरेंट के आसपास पहुंचता है, कैमरे में दिख जाता है। तभी आनन-फानन हुक्का छिपा दिया जाता और वहां बैठे ग्राहक रेस्टोरेंट में खाना खाने के लिए आने का बहाना करने लगते हैं।
पुलिस को दिया गच्चा
कैमरों की मदद से बचने की बात पुलिस को भी पता चली। इसके लिए दूसरा रास्ता निकाला। कुछ नए सिपाहियों को सादा वर्दी में भेजा ताकि रंगेहाथ पकड़ा जा सके। मगर, संचालकों ने उन्हें हुक्का पिलाने से मना कर दिया। दरअसल, बचाव के लिए पुराने ग्राहकों पर ही भरोसा किया जा रहा।
जिला आबकारी अधिकारी ने झाड़ा पल्ला
नशे के इस अवैध कारोबार से जिला आबकारी अधिकारी देव नरायण दुबे ने पल्ला झाड़ लिया। कहा कि इस पर पुलिस ही कार्रवाई कर सकती है।
किसी भी रेस्टोरेंट या होटल वाले को हुक्का बार का लाइसेंस नहीं दिया गया है। पुलिस को इस पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। चेतावनी जारी की गई है। अब हुक्का बार पकड़ा जाएगा तो सीधे मुकदमा दर्ज किया जाएगा। - राजेश पाण्डेय, डीआइजी
युवा पहले शौक में हुक्का पीते हैं, बाद में इसके आदी हो जाते हैं। लगातार हुक्का पीने से फेफड़ों पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है। सांस के रोगी हो सकते हैं। कैंसर भी हो सकता है। - डॉ. रवीश कुमार अग्रवाल, वरिष्ठ फिजिशियन
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