थाईलैंड के तब्लीगियों को नहीं मिली जमानत, एडीजे ने किया इन्कार
थाईलैंड के नौ तब्लीगी जमातियों की जमानत अर्जी को अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय (एडीजे) किरनपाल सिंह ने खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि जमानत देने के लिए पर्याप्त आधार नहीं हैं।
शाहजहांपुर, जेएनएन। थाईलैंड के नौ तब्लीगी जमातियों की जमानत अर्जी को अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय (एडीजे) किरनपाल सिंह ने खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि जमानत देने के लिए पर्याप्त आधार नहीं हैं। जमातियों के अधिवक्ता इस मामले में हाईकोर्ट में अपील दायर करेंगे।
शुक्रवार को एडीजे की कोर्ट में जमातियों के अधिवक्ता व अपर जिला शासकीय अधिवक्ता एडीजीसी विनोद कुमार शुक्ल के बीच बहस हुई। दोनों पक्षों के वकीलों ने अपने-अपने तर्क रखे। जिसके आधार पर एडीजे किरनपाल ने एडीजीसी के तर्कों से सहमत होते हुए कहा कि तब्लीगी जमातियों ने टूरिस्ट वीजा शर्तों का उल्लंघन किया है।
उन्होंने विदेशी पंजीकरण कार्यालय को यहां आने की सूचना भी नहीं दी। वे लोग निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए थे। जहां जलसे के बाद कोरोना संक्रमण बढ़ा था। इसलिए इनकी जमानत का आधार नहीं बनता है। इसके साथ ही उन्होंने जमानत अर्जी खारिज कर दी। इससे पहले 18 मई को सीजेएम कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद जिला जज की कोर्ट में अपील की गई थी, जहां से 24 जून को सुनवाई एडीजे कोर्ट में स्थानांतरित कर दी गई थी।
अधिवक्ताओं ने दिए यह तर्क
जमातियों के अधिवक्ता एजाज हसन, अचल सक्सेना, फिरासत अली व मो. इरफान ने कहा कि जमाती वैध पासपोर्ट व वीजा से भारत आए। थाईलैंड से आए एक जमाती कोरोना पॉजिटिव थे, लेकिन अब वे भी निगेटिव हैं। ऐसे में उनसे कोई रोग फैलने की आशंका नहीं है। इन पर कोई पूर्व में आपराधिक मामला भी नहीं है। इसलिए जमानत दे दी जाए।
30 अप्रैल से जेल में है बंद
शहर के खलील शर्की मुहल्ला स्थित मरकज में रुके थाईलैंड के नौ, तमिलनाडु के दो जमातियों को मरकज के केयरटेकर के साथ दो अप्रैल को मेडिकल कालेज में क्वारंटाइन कराया गया था। थाईलैंड के एक जमाती की रिपोर्ट पॉजीटिव आई थी। 30 अप्रैल को क्वारंटाइन की अवधि पूरी होने पर सभी को अस्थायी जेल में भेज दिया गया था। मरकज के केयर टेकर व तमिलनाडु के दो जमातियों की जमानत मंजूर हो गई थी, जिसके बाद मरकज के केयर टेकर की रिहाई हो चुकी है, लेकिन तमिलनाडु के जमाती अब भी जेल में हैं।
अब सात को पेशी जमातियों की 29 जून को सीजेएम कोर्ट में न्यायिक पेशी होनी थी, लेकिन अब इस मामले में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। इसलिए सात जुलाई को इनकी कोर्ट में रिमांड पेशी होगी।
अभी नहीं दाखिल करेंगे बेल बांड
जमातियों के अधिवक्ता फिरासत अली ने बताया कि थाईलैंड के जमातियों की भाषा स्थानीय लोग नहीं समझ सकते हैं और न ही वे लोग स्थानीय भाष को समझ पाते हैं। तमिलनाडु के जमाती उनके द्विभाषिये के रूप में मदद करते हैं। इसलिए उनके बेल बांड अभी दाखिल नहीं करेंगे। एडीजे कोर्ट से जमानत खारिज हो गई है। हम अब हाईकोर्ट में अपील करेंगे। तब तक तमिलनाडु के जमाती भी थाईलैंड के जमातियों के साथ जेल में रहेंगे। फिरासत अली, जमातियों के अधिवक्ता