Terror Funding : युवाओं को धंधे में शामिल करने के लिए अपनाते थे ये ट्रिक Bareilly News
मुंबई से पकड़े गए हैकर नाइजीरिया निवासी चिनवेउबा एमेका माइकल और बरेली का पुराना नाता है। यहां धंतिया फतेहगंज पूर्वी में कई ऐसे गांव हैं जहां के युवाओं पर माइकल का हाथ रहा है।
जेएनएन, बरेली : मुंबई से पकड़े गए हैकर नाइजीरिया निवासी चिनवेउबा एमेका माइकल और बरेली का पुराना नाता है। यहां धंतिया, फतेहगंज पूर्वी में कई ऐसे गांव हैं जहां के युवाओं पर माइकल का हाथ रहा है। वह युवाओं को पैसे का लालच देकर इस धंधे में शामिल कर लेता। सदाकत भी अपने एक रिश्तेदार के जरिए दिल्ली में रह रहे माइकल के संपर्क में आ गया था। इसके बाद से ही उसका रहन-सहन बदलने लगा था। जब दिल्ली व अन्य प्रदेशों की पुलिस उसकी तलाश में गांव दबिश देने आई तो धंतिया सहित कई गांवों से पुलिस ने युवकों को उठाया था, लेकिन सदाकत हाथ नहीं लगा था। उसके जानने वाले और फहीम सहित कई उसे बॉस कहकर ही बुलाते थे।
माइकल अपनाता था यह तकनीक
लखीमपुर से 11 अक्टूबर को टेरर फंडिंग के मामले में पकड़े गए चार लोगों ने बरेली के सदाकत, सिराजुद्दीन और फहीम का नाम लिया था। इसके बाद से ही यह तीनों चर्चा में थे। फहीम और सिराजुद्दीन को तो गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन एटीएस को चकमा देकर सदाकत एक पुराने मामले में जमानत कटवा कर जेल चला गया। जिस मामले में वह जेल गया वह ठगी का ही मामला है। उसके यहां आए दिन लग्जरी गाडिय़ों से लोगों का आना-जाना लगा रहता था। लोगों की मानें तो विदेशी युवक और युवतियां भी आते थे। करीब तीन साल पहले जब धंतिया से नाइजीरियन माइकल के करीबी चार युवकों को उठाया गया था उस समय भी पुलिस सदाकत की तलाश में गांव परतापुर चौधरी आई थी, लेकिन वह हाथ नहीं लगा था। बार-बार पुलिस के हत्थे न चढऩे के बाद वह कामयाबी की सीढ़ी चढ़ता गया। उसके कई बड़े अधिकारियों और पुलिस से भी अच्छे संबंध बताए जाते हैं।