Good News : टेंशन खत्म, रुविवि में अब किसी भी उम्र में भर सकेंगे प्राइवेट परीक्षा का फार्म Bareilly News
रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने अपने नियमों में बदलाव करने का फैसला लिया है। तैयारी है कि नए सत्र से किसी भी उम्र के लोगों को प्राइवेट छात्र के रूप में पंजीकरण का मौका दिया जाएं।
हिमांशु मिश्र, बरेली : उम्र की बाध्यता के चलते फिर से पढ़ाई न शुरू कर पाने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है। अब एक बार फिर से आप अपनी पढ़ाई प्राइवेट छात्र के रूप में शुरू कर सकेंगे। रुहेलखंड विश्वविद्यालय ने इसके लिए अपने नियमों में बदलाव करने का फैसला लिया है। तैयारी है कि नए सत्र से किसी भी उम्र के लोगों को प्राइवेट छात्र के रूप में पंजीकरण कराने का मौका दिया जाएगा। इसके लिए कुलपति प्रो. अनिल शुक्ला ने परीक्षा नियंत्रक डॉ. संजीव कुमार सिंह से खाका तैयार करने को कहा है।
दरअसल, रेगुलर या प्राइवेट छात्र के पंजीकरण के लिए नियम बना हुआ है। अभी तक स्नातक या परास्नातक में चार वर्ष के अंतर वाले छात्रों को ही दाखिला मिलता था। मतलब अगर किसी छात्र ने 2012 में 12वीं की परीक्षा पास की है और वह 2016 तक कहीं भी एडमिशन नहीं लेता है तो वह रेगुलर ही नहीं प्राइवेट छात्र के रूप में भी पंजीकृत नहीं हो सकता था। अब इसमें विश्वविद्यालय प्रशासन ने छूट देने का फैसला लिया है। मतलब अगर 2012 में इंटरमीडिएट करने के बाद कोई 2025 में भी प्राइवेट छात्र के रूप में पंजीकृत होकर पढ़ाई शुरू करना चाहता है तो वह कर सकेगा।
नौकरीपेशा को मिलेगी बड़ी राहत : रुविवि के इस फैसले से सबसे बड़ी राहत नौकरी कर रहे लोगों को मिलेगी। वह नौकरी के दौरान प्राइवेट छात्र के रूप में अपनी पढ़ाई जारी रख सकेंगे। हजारों की संख्या में ऐसे लोग मौजूद हैं जिन्हें किसी न किसी कारण बीच में ही पढ़ाई छोड़कर नौकरी करना पड़ा। बाद में जब वह सक्षम हुए तो उन्हें आयु बाध्यता के चलते एडमिशन नहीं मिलता था। अब वह बेरोकटोक न केवल अपनी पढ़ाई जारी रख सकेंगे बल्कि परीक्षा देकर डिग्री भी हासिल कर सकेंगे।
छात्रों काे नहीं लेना पड़ती है क्लास : प्राइवेट परीक्षा फार्म भरने वाले छात्रों को कॉलेज में क्लास नहीं लेना पड़ती है। वह घर बैठे या नौकरी, बिजनेस के साथ भी पढ़ाई करते हैं और रेगुलर छात्रों के साथ मिलकर परीक्षा देते हैं। उनका परिणाम भी रेगुलर छात्रों के साथ ही जारी होता है। बस मार्कशीट और डिग्री पर प्राइवेट शब्द अंकित कर दिया जाता है। हालांकि यह डिग्री भी रेगुलर छात्र की डिग्री की तरह हर जगह मान्य होती है।
प्राइवेट परीक्षा के लिए आयु बाध्यता खत्म की जाएगी। नियमों का अध्ययन कर खाका तैयार करने के लिए परीक्षा नियंत्रक को कहा गया है। अगर नियमों में बदलाव की जरूरत पड़ेगी तो उसे भी किया जाएगा।
-प्रो. अनिल शुक्ला, कुलपति, रुहेलखंड विश्वविद्यालय