Temperature in Bareilly : आइवीआरआइ में 40 हजार मुर्गियों के लिए लगवाए कूलर, स्प्रिंकलर से बुझा रहे प्यास
लॉकडाउन की वजह से बड़ी संख्या में खराब पड़े कूलर पंखे नहीं बन पाए। दो दिन से अचानक पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार हो गया।इस बीच 70-80 मुर्गियां मर भी गईं।
बरेली, जेएनएन। भीषण गर्मी ने लोगों के साथ-साथ पक्षियों और जानवरों को भी बेहाल कर दिया है। रविवार को 41 डिग्री से ज्यादा पारा होने से केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान (सीएआरआइ) में 40 हजार मुर्गियों के भी पसीने छूट गए। कई मुर्गियां मर भी गईं। बड़ी तादात में ऐसा न हो, इसके लिए सोमवार को संस्थान के कार्यकारी निदेशक अपनी एक्सपर्ट टीम के साथ मुर्गियों को देखने पहुंचे। उन्होंने तत्काल वहां करीब 20 कूलर लगवाए। स्प्रिंकलर चलवाए और ठंडे पानी की भी व्यवस्था कराई।
सीएआरआइ में इस समय मुर्गी, गिनी फाउल और बटेर मिलाकर करीब 40 हजार के आसपास हैं। संस्थान के वैज्ञानिक लगातार इन पर रिसर्च करके नई-नई प्रजातियां विकसित की जाती हैं। हर बार इन्हें गर्मी से बचाने के लिए मार्च में ही कूलर, पंखे आदि की व्यवस्था कर ली जाती है। लेकिन लॉकडाउन की वजह से बड़ी संख्या में खराब पड़े कूलर, पंखे नहीं बन पाए। दो दिन से अचानक पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार हो गया।
इस बीच 70-80 मुर्गियां मर भी गईं। बढ़ती गर्मी को देखते हुए सोमवार को सुबह 10.15 बजे संस्थान के कार्यकारी निदेशक डॉ. संजीव कुमार, हेल्थ एक्सपर्ट डॉ. अजित ङ्क्षसह, लेयर फर्म इंचार्ज डॉ. एसके भांजा मौके पर पहुंचे। डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि 20 कूलर लगवा दिए गए हैं। स्प्रिंकलर भी चलवाए गए हैं ताकि हल्के पानी की बौछार से मुर्गियों, गिनी फाउल और बटेर का शरीर ठंडा बना रहे।
पानी में दिया विटामिन सी : बढ़ते पारे में मुर्गियों का स्वास्थ्य न गिरे, इसके लिए उनके पानी में विटामिन-सी मिलाकर दिया गया है। हर चार घंटे पर पानी बदलने और सुबह छह बजे तक दाना देने के निर्देश दिए गए हैं।
बड़ी संख्या में कूलर, पंखे खराब : संस्थान में बड़ी संख्या में कूलर और पंखे खराब हैं। लॉकडाउन की वजह से उन्हें ठीक नहीं कराया जा सका। कार्यकारी निदेशक डॉ. संजीव कुमार का कहना है कि एक सप्ताह में इसे ठीक करा लिया जाएगा।