आयुर्वेदिक कॉलेजों में टेली मेडिसिन से भी मिलेगा परामर्श
शहर में स्थित आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज से जल्द लोगों को घर बैठे ही परामर्श मिलेगा।
जागरण संवाददाता, बरेली : शहर में स्थित आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज से जल्द लोगों को घर बैठे ही परामर्श मिलेगा। इसके लिए आयुर्वेद कॉलेज में जल्द टेली मेडिसिन की सुविधा शुरू होने जा रही है। अभी तक यह सुविधा सिर्फ एलोपैथी चिकित्सा पद्धति में ही थी। इसके लिए लखनऊ के राजकीय आयुर्वेद कॉलेज में टेली मेडिसिन सेंटर बनाया गया है। वहीं से बरेली सहित प्रदेश के सात अन्य आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों को जोड़ा जाएगा। योजना के दूसरे चरण में सभी मेडिकल कॉलेजों को टेली मेडिसिन आयुर्वेदिक डिस्पेंसरी से भी जोड़ने की तैयारी है।
घर बैठे मिलेगा उचित परामर्श
टेली मेडिसिन सेंटर का मुख्य केंद्र लखनऊ के राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज को बनाया गया है। प्रदेश में बरेली और पीलीभीत सहित सात आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेजों को टेली मेडिसिन सुविधा से जोड़ा जाना है। आयुर्वेदिक हॉस्पिटल के डॉक्टर मरीजों को टेलीफोन के जरिए उचित परामर्श देंगे। मर्ज का इलाज फोन पर बताने से ही काम चल जाएगा तो ठीक वर्ना मरीज को अस्पताल बुलाकर इलाज किया जाएगा।
चौबीस घंटे जारी रहेगी सेवा
टेली मेडिसिन के जरिए मरीजों को परामर्श देने के लिए 24 घंटे सेवा जारी रहेगी। इसके लिए आयुर्वेदिक कॉलेज सीयूजी नंबर लेगा। इस नंबर पर कोई भी मरीज फोन करके अपनी समस्या बता सकेगा। इसमें प्रतिदिन विशेषज्ञ डॉक्टरों को लगाया जाएगा। डॉक्टर मरीजों की समस्या का निदान करने का प्रयास करेंगे।
ऑडियो कांफ्रेंसिंग की रहेगी सुविधा
टेलीमेडिसिन पद्धति से आयुर्वेदिक कॉलेज के डॉक्टर मरीजों की समस्या के निदान के लिए अन्य विशेषज्ञ डॉक्टरों से ऑडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जुड़ सकेंगे। सूबे के अन्य किसी भी आयुर्वेदिक कॉलेज के विशेषज्ञ चिकित्सकों से मरीज के संबंध में राय लेकर उसे उचित परामर्श दे सकेंगे। उसका कंट्रोल रूम आयुर्वेदिक कॉलेज में ही बनाया जाएगा।
सही जांच की सलाह भी मिलेगी
एक्स-रे, एमआरआइ, खून जाच की रिपोर्ट और अन्य जरूरी रिपोर्ट के बारे में मरीजों को बताया जा सकेगा। इसके साथ ही मरीजों को जांच से संबंधित उचित सलाह भी डॉक्टर देंगे। डॉक्टर मरीजों की समस्या को सुनकर उन्हें जरूरी जांचों के बारे में बताएंगे।
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प्रदेश के कुछ आयुर्वेदिक कॉलेजों में टेली मेडिसिन से मरीजों को परामर्श देने की योजना जल्द शुरू होगी। इससे मरीजों को काफी लाभ होगा। उन्हें फोन पर ही परामर्श मिलेगा, जरूरत पड़ने पर ही अस्पताल आना पड़ेगा। इस बाबत शासनादेश का इंतजार किया जा रहा है।
डॉ. दिनेश कुमार मौर्य, प्राचार्य, राजकीय आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज