बरेली में करंट लगने से बेहोश हुई किशोरी को परिजनों ने रेत में दबाकर की मालिश, बोले- बढ़ जाता है ब्लड सर्कुलेशन Bareilly News
शीशगढ थाना क्षेत्र के अंतगर्त रहने वाली एक किशोरी के करंट लगने से बेहोश होने पर परिजनों ने उसे कुछ समय के लिए रेत में दबा दिया। परिजनों की माने तो रेत में दबाने और उसी से हाथ पैर की मालिश करने पर जल्दी आराम मिलता है।
बरेली, जेएनएन : शीशगढ थाना क्षेत्र के अंतगर्त रहने वाली एक किशोरी के करंट लगने से बेहोश होने पर परिजनों ने उसे कुछ समय के लिए रेत में दबा दिया। परिजनों की माने तो रेत में दबाने और उसी से हाथ पैर की मालिश करने पर जल्दी आराम मिलता है। हांलाकि परिजन अभी किशोरी का घरेलू इलाज कर रहे है।
कंडे थापने के दौरान लगा करंट
शीशगढ थाना क्षेत्र के जिया नगला गांव में रहने वाली नाजमा 17 वर्ष पुत्री शाहिद रविवार को बिजली के खंभे के पास कंडेे थाप रही थी। तभी उसे अचानक 440 वोल्ट की लाइन से करंट लग गया। जिसके चलते वह बेहोश हो गई। ये देख परिजनों सहित उपस्थित लोगों में हड़कंप मच गया।
पावर हाउस से कटवाई बिजली
घटना घटते ही परिजनों सहित अन्य ग्रामीणों ने तत्काल पावर हाउस को घटना की सूचना दी। जिस पर विद्युत सप्लाई को बंद कर दिया गया। जिसके बाद परिजनों ने उसे होश में लाने का प्रयास किया। इसके साथ ही घरेलू इलाज भी शुरु कर दिया।
एक घंटे दबाने के दौरान की मालिश
करेंट लगने से आहत होने पर परिजनों ने किशोरी को अस्पताल ले जाने की बजाए सीधे रेते में दाब दिया। और उसी रेते से उसके हाथ पैर में जोरदार मालिश की। परिजनाें ने किशोरी को लगभग एक घंटे तक जमीन में दबाए रखा। जिसके बाद उसकी हालत में सुधार आने का परिजन दावा कर रहे है।
खून का दौड़ान बढ़ाने में करता है मदद
परिजनों का कहना है कि रेता यानि बालू में दबाने से फायदा होता है। रेते में दाबने और उसकी मालिश करने से शरीर में खून का दौड़ान कम बढ़ जाता है। जिससे पीडित व्यक्ति के ठीक होने की संभावना अधिक होती है। परिजनों के अनुसार अब किशोरी की हालत ठीक है। जिसका घर पर ही देसी दवाओं से ही इलाज किया जा रहा है।