शॉर्ट फिल्मों के जरिए शिष्यों को करेंगे जागरूक
बरेली जेएनएन परिषदीय स्कूलों के शिक्षक अब पढ़ाने के साथ शॉर्ट फिल्मों के जरिए बच्चों को
अखिल सक्सेना, बरेली : परिषदीय स्कूलों के शिक्षक अब पढ़ाने के साथ शॉर्ट फिल्मों के जरिए बच्चों को प्रेरक संदेश देकर जागरूक करते नजर आएंगे। बरेली के दो शिक्षकों ने साइबर क्राइम, कोरोना, महिला सुरक्षा जैसे विषयों पर कई शॉर्ट फिल्में बनाई हैं। राज्य शैक्षिक अनुसंधान संस्थान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीइआरटी) यू-ट्यूब चैनल के जरिए इन शॉर्ट फिल्मों की ब्रांडिग करेगी। खास बात कि शॉर्ट फिल्मों की स्क्रिप्ट प्राइमरी स्कूल चनहेटा की सहायक अध्यापिका पुष्पा अरुण ने लिखी है। साथ ही इन फिल्मों में बेहतरीन अभिनय भी किया।
दरअसल, प्राइमरी व जूनियर स्कूलों के शिक्षकों की ट्रेनिग के लिए सुरक्षा एवं संरक्षण मॉड्यूल है। इसमें बहुत सी थीम हैं। इसकी ट्रेनिग लेकर शिक्षक बच्चों को भी वैसे ही समझाते हैं। बीते जनवरी में 80 थीम की स्क्रिप्ट फाइनल हुई थीं। बरेली के तीन शिक्षकों को अलग-अलग स्क्रिप्ट लिखने के लिए कहा गया। प्राइमरी स्कूल चनेहटा की शिक्षिका पुष्पा अरुण को शॉर्ट फिल्में बनाने की जिम्मेदारी दी गई। उन्होंने बेस्ट स्क्रिप्ट लिखी। लाइट, कैमरा और एक्शन के साथ बढि़या किरदार निभाया। बच्चों ने भी इसमें अभिनय किया है। अब इसे देखकर छात्र मनोरंजक तरीके से जागरूक होंगे। कोरोना जागरूकता पर बनी शॉर्ट फिल्म में प्राइमरी स्कूल कुरतुरा के शिक्षक अमर द्विवेदी ने बेहतरीन किरदार निभाया। इन फिल्मों को बनाने में रंग प्रभा संस्था की टीम में शामिल पप्पू वर्मा, शुमोंत और आशुतोष ने भी अहम भूमिका निभाई है। हर फिल्म में एक संदेश
शिक्षिका पुष्पा अरुण बताती हैं कि फिल्मों के जरिए समाज में अलग संदेश जाता है। इसलिए जो भी शार्ट फिल्में बनाईं, सब में अलग संदेश है। डायल 112 में बताया है कि अगर कोई लड़का लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करे तो वे डरें नहीं, बल्कि हिम्मत से काम लें और डायल 112 से तत्काल मदद लें। इसी तरह साइबर क्राइम देश की बड़ी समस्या है। इससे बचाव के लिए फिल्म में अच्छा संदेश दिया है। बच्चों में गलत आदतों को दूर करने लिए शार्ट फिल्म नई सुबह बनाई है। ये सभी यू-ट्यूब के माध्यम से देखी जा सकेंगी। इन पर बनीं फिल्में
-कोरोना संक्रमण : गांव में फैले अंधविश्ववास को दूर करना
-डायल 112 : बालिकाओं की सुरक्षा के लिए
- नई सुबह, बच्चों का मनोविज्ञान। जिसमें बच्चों के चोरी करने या कोई गलत आदत से बचाना।
-साइबर क्राइम, जालसाजी में फंसने से रोकना, किसी को भी एटीएम नंबर न देना। अब इन विषयों की लिखी जाएगी स्क्रिप्ट
- स्वच्छता के लिए सैनेटरी नैपकिन का उपयोग
- छुआछूत और उसका समाज पर प्रभाव