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आयोग को सुनाएंगी तलाक, हलाला की दास्तां

जेएनएन, बरेली। ये दास्तां उन महिलाओं की की है, जिनकी जिंदगी तलाक और हलाला से उजड़ गई।

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Aug 2018 01:49 PM (IST)Updated: Wed, 08 Aug 2018 01:49 PM (IST)
आयोग को सुनाएंगी तलाक, हलाला की दास्तां
आयोग को सुनाएंगी तलाक, हलाला की दास्तां

जेएनएन, बरेली। ये दास्तां उन महिलाओं की की है, जिनकी जिंदगी तलाक और हलाला से उजड़ गई। उन दुल्हनों की, जिनके कदम दहलीज पर पड़ने से पहले नजरें उतारी गई थी। अब ये दुल्हनें उसी चौखट से बेदखल हैं। किसी को बेटी पैदा होने की सजा तलाक मिली। किसी के शौहर ने दूसरी शादी रचाकर तीन तलाक बोल दिया। वही तलाक.. जो इस्लाम में सबसे बड़ा गुनाह है। मगर इस कहानी की एक भी पात्र को शरई तरीके से तीन तलाक नहीं दिया गया। बल्कि शौहर एक बार में तीन तलाक बोलकर राहें जुदा कर लीं। आज ये सब महिलाएं एकजुट होकर राज्य अल्पसंख्यक आयोग जाएंगी। बताएंगी कि एक साथ तीन तलाक के कहर ने कैसे उनके आबाद घरों को वीरान कर दिया। दरअसल, राज्य अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष तनवीर हैदर उस्मानी ने निदा खान और फरहत नकवी को आठ अगस्त को आयोग बुलाया है। फरहत के साथ यह महिलाएं जाएंगी। इसमें फूलबी, फरहाना खान, रूहीना खातून, नाजरा बी, बेबी अफरोज, रजिया खातून, सोनम, फातिमा नूरी, रिफत आदि पीड़ित महिलाएं शामिल हैं।

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--केस वन : फूलबी मिनी बाईपास के पास रहती हैं। पिछले साल 31 नवंबर को कोहाड़ापीर के फैजान से उनकी शादी हुई। जबकि शौहर ने 23 दिसंबर को उन्हें तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया।

--केस दो : परतापुर चौधरी की रूहीना खातून की शादी 2010 में शाहजहांपुर के शाहनवाज से हुई। दो बेटी थीं। छोटी बेटी को कैंसर था। उसकी मौत हो गई। घर में बेटी का जनाजा पड़ा था। उधर, शाहनवाज दूसरी महिला से निकाह पढ़ा रहा था। रूहीना ने बेटी की मौत की खबर दी तो शाहनवाज ने जवाब में तीन तलाक दे दिया। दूसरी बीवी घर ले आया और रूहीना बाहर..।

--केस तीन : आवास विकास की फरहाना खान की शादी नावेद हुसैन से हुई। नावेद सऊदी में जॉब करता है। तीन तलाक दे दिया। दोबारा रखने के लिए भाई से हलाला कराने की शर्त रखी है।

--केस चार : नाजरा बी की शादी जाहुल खां से वर्ष 2000 में हुई थी। दो बेटियां, एक बेटा हुआ। दो साल पहले जाहुल ने नाजरा को तलाक दे दिया। दोबारा रखने के लिए रसूलखां नामक शख्स से हलाला कराया। इस बीच दूसरी शादी कर ली। बाद में नाजरा से तीनों बच्चे लेकर घर से निकाल दिया।

--केस पांच : जहानाबाद की बेबी अफरोज की शादी वर्ष 2010 में मुहम्मद हारून से हुई। दो साल पहले हारून ने उन्हें तलाक दे दिया। अब गलती का पछतावा है, दोबारा निकाह के लिए हलाला की शर्त रखी। बेबी ने इससे मना कर दिया।

--केस छह : बाकरगंज की सोनम को भी उनके शौहर ने तलाक दे दिया। अब वह हलाला के जरिये दोबारा साथ रखना चाहता है। इसी तरह रिफत भी तलाक के बाद बेघर हो गई।

--यह उठेगी मांग : कोर्ट के आदेश के बाद भी कई तलाक पीड़िताओं को गुजारा भत्ता नहीं मिल पा रहा है। आयोग से मांग रहेगी कि वह भत्ता दिलाने में मदद करे। गलत तरीके से हलाला कराकर महिलाओं से खिलवाड़ किया जा रहा है। उस पर रोक लगे। पीड़िताओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए भी आयोग कदम उठाए। -फरहत नकवी, अध्यक्ष मेरा हक फाउंडेशन

--इसलिए आया आयोग से बुलावा : तीन तलाक और हलाला के खिलाफ आवाज उठाने वाली निदा खान के खिलाफ फतवा जारी हुआ। उन्हें इस्लाम से खारिज कर दिया गया। मुस्लिम समाज को इस हुक्म के साथ कि वह बीमार पड़ें तो कोई देखने न जाए, मरने पर कब्रिस्तान में दफनाने को जगह न दी जाए। फतवा पूरे देश की सुर्खियों में छा गया। इतना ही नहीं, देश छोड़ने व चोटी काटने की धमकी दी गई। अल्पसंख्यक आयोग ने इसकी जांच कराई। रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी है। निदा ने फतवा देने और देश छोड़ने का एलान करने वालों पर मुकदमा दर्ज करा दिया। पर पुलिस स्तर से कोई कार्रवाई नहीं हुई।

--तत्काल कार्रवाई की रखूंगी मांग : इस्लाम से खारिज करने के फतवा और एक पीड़िता के हलाला प्रकरण में आयोग के अध्यक्ष की ओर से बुलावा आया है। पीडि़ता को लेकर लखनऊ जाऊंगी। मेरे खिलाफ जिन लोगों ने फतवा मांगा और जारी किया। देश छोड़ने, चोटी काटने की धमकी दी। उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग रखूंगी। हलाला पीड़िता भी अपना पक्ष रखेंगी। कानूनी सजा से ही ऐसी घटनाएं रुकेंगी। -निदा खान, अध्यक्ष आला हजरत हेल्पिंग सोसायटी


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