Swachh Bharat Mission : राजस्व ग्रामों के आंकड़ों ने खोला ओडीएफ का खेल Bareilly News
अधिकारियों ने फिर एक कारनामा किया है। बिना शौचालय बनाए ही पूरे जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया। इतना ही नही कई लाभार्थियों को तो पहली किश्त ही नहीं मिली है।
जेएनएन, बरेली : अधिकारियों ने फिर एक कारनामा किया है। बिना शौचालय बनाए ही पूरे जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया। इतना ही नही कई लाभार्थियों को तो पहली किश्त ही नहीं मिली है। यह हकीकत तब सामने आई जब गांव के शौचालयों का भौतिक सत्यापन किया गया। खास बात यह है कि शौचालयों को पूर्ण किए बिना ही सभी राजस्व ग्रामों 1843 को आंकड़ों में ओडीएफ दिखा दिया। नोडल अधिकारी के सामने आंकड़े भी पेश कर दिए गए। इतना नहीं बिना भौतिक सत्यापन किए बिना ही ओडीएफ की भी तैयारी कर ली गई। जबकि अभी जमीनी स्तर पर गांव ओडीएफ हुए ही नहीं हैं।
शौचालयों की गायब मिली टंकिया : उपनिदेशक पंचायत महेंद्र सिंह ने ओडीएफ घोषित ग्राम बनारा का जब निरीक्षण किया तो यहां पर तीन सौ शौचालयों में 201 शौचालय ऐसे मिले जो अधूरे पड़े थे। इतना ही नहीं 50 लाभार्थी ऐसे थे जिनको अभी पहली किस्त ही नहीं मिली। जबकि 201 लाभार्थी को दूसरी किस्त नहीं मिली। जांच में पाया गया है कि सभी शौचालयों में टंकी गायब है।
सीट, दरवाजा सहित सब मिला गायब : ओडीएफ घोषित किए गए धनौरा गांव का था। यहां पर भी कई शौचालय अपूर्ण थे तो ज्यादातर शौचालय में टंकी नही बनी मिली। इतना ही नही कुछ में तो सीट, दरवाजा, छत सब कुछ गायब थे। जांच में यह भी सामने आया कि ब्लाक आलमपुर जाफराबाद की 14 ग्राम पंचायतों में 531 लाभार्थियों को अभी तक पहली किश्त ही नहीं मिल पाई है। जबकि 1016 लाभार्थियों को दूसरी किश्त नहीं दी गई।
डीपीआरओ को लगी फटकार, मांगा जवाब : पंचायत निदेशक ने डीपीआरओ को फटकार लगाते हुए कहा कि यह गंभीर मामला है। इससे साबित होता है कि मामले में सतर्कता नहीं बरती जा रही है। निदेशक ने डीपीआरओ से जवाब मांगा है कि इसमें किस स्तर से लापरवाही हुई और इसके लिए कौन लोग दोषी हैं। उसकी जांच रिपोर्ट दी जाए।