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Jagran Exclusive : सर्विलांस से घटाएंगे रेबीज के रोगी, आइडीएसपी की होगी नजर Bareilly news

लाइलाज रेबीज पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य महकमा गंभीर हो गया है। रेबीज से लोगों को बचाने के लिए अब सर्विलांस से मरीजों पर नजर रखी जाएगी।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Sat, 21 Dec 2019 10:01 AM (IST)Updated: Sat, 21 Dec 2019 10:01 AM (IST)
Jagran Exclusive : सर्विलांस से घटाएंगे रेबीज के रोगी, आइडीएसपी की होगी नजर Bareilly news
Jagran Exclusive : सर्विलांस से घटाएंगे रेबीज के रोगी, आइडीएसपी की होगी नजर Bareilly news

जेएनएन, बरेली : लाइलाज रेबीज पर नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य महकमा गंभीर हो गया है। रेबीज से लोगों को बचाने के लिए अब सर्विलांस से मरीजों पर नजर रखी जाएगी। आइडीएसपी (इंटीग्रेटेड डिसीज सर्विलांस प्रोग्राम) सेल की टीम मरीजों का पता लगाकर उनका टीकाकरण कराएगी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक ने रेबीज से संबंधित रोगियों का आंकड़ा मांग लिया है। सीएमओ ने जिले के सभी अस्पतालों से इसके रोगियों का रिकार्ड मांगा है। नोडल अधिकारी ने टीम को अलर्ट कर दिया है।

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हर रोज सवा दो सौ मरीजों को लग रहा एआरवी इंजेक्शन: जिले में कुत्ताें का जबरदस्त आतंक है। रोजाना ही अस्पताल में कुत्ता काटे का इंजेक्शन लगाने लोग पहुंचते हैं। अकेले जिला अस्पताल में रोजाना करीब सवा सौ लोगों को एंटी रेबीज वैक्सीन (एआरवी) का इंजेक्शन लगाया जाता है। स्वास्थ्य केंद्रों पर भी लगभग सौ लोगों को इंजेक्शन लगता है।

मिशन निदेशक ने रेबीज से संबंधित ये मांगी हैं सूचनाएं : मिशन निदेशक ने रेबीज से मौत के आंकड़े, जिले में एआरवी की उपलब्धता और एंटी रेबीज सीरम की जानकारी मांगी है। सीएमओ डॉ. विनीत शुक्ला ने सभी स्वास्थ्य केंद्रों के साथ ही भारतीय चिकित्सा संघ, रेलवे व सेना के अस्पताल से भी सूचना मांगी है।

दिमाग में असर करता है रेबीज वायरस : कुत्ता काटने से फैलने वाला रेबीज वायरस मरीज के दिमाग की कोशिकाओं पर असर करता है। हिप्पोकैपल और पाइरामिडल (माथे व किनारे) का भाग प्रभावित होने से मरीज अचेत हो जाता है। वह हवा व पानी से भी डरने लगता है और अंत में उसकी मौत हो जाती है।

रेबीज संक्रमित कुत्ते की नौ दिन में हो जाती मौत: डॉक्टरों के अनुसार रेबीज से संक्रमित कुत्ते की नौ दिन में मौत हो जाती है। इस वायरस से संक्रमित कुत्ता सिर हिलाता रहता है और उसकी लार टपकती रहती है। यह कुत्ता अचानक बिना छेड़े काट लेता है। पेट से ऊपर के भाग पर ऐसे कुत्ते का काटना ज्यादा खतरनाक होता है। मरीज को 90 दिन में एआरवी के छह इंजेक्शन लगते हैं।

सरकारी डॉक्टर के लिए करीब चालीस मरीजों को देखने के नियम है, लेकिन ओपीडी में रोजाना करीब सौ मरीज पहुंचते हैं। उसी समय में सबको देखते हैं।

डॉ. वीके धस्माना, चेस्ट फिजिशियन


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