दारोगा हत्याकांड : नाले में फेंकने के लिए हत्यारों की बाइक पर बेटियों ने लादी थी पिता की लाश
शाहजहांपुर जिले में दारोगा हत्याकांड के पीछे की कहानी बेहद चौंकाने वाली है। पत्नी और बेटियों ने ही साजिश रच दारोगा की हत्या कराई। फिर लाश को ठिकाने लगा दिया।
जागरण संवाददाता, शाहजहांपुर : शाहजहांपुर जिले में दारोगा हत्याकांड में खुलासे के समय हत्यारोपी पत्नी और बेटियों ने वारदात को किस तरह अंजाम दिया गया, इसके पीछे की कहानी बयां की तो एकबारगी पुलिस भी सकते में आ गई। पत्नी और बेटियों के चाल-चलन का विरोध करने पर दारोगा को पूरी प्लानिंग के तहत भाड़े के हत्यारों की मदद से पहले घर में ही मौत के घाट उतारा गया। रात में बेटियों ने खुद ही पिता की लाश हत्यारों की बाइक पर लादी और ठिकाने लगा दिया। इस दौरान एक पल के लिए भी उनके हाथ नहीं कांपे।
पुलिस की तफ्तीश में सामने आया है कि सुपारी लेकर भाड़े के हत्यारे तहसीन और कासिम शनिवार दोपहर करीब 12 बजे मेहमान बनकर घर आए थे। दारोगा भौंदे खां उस समय घर में मौजूद थे। वारदात को अंजाम देने से पहले पत्नी जाहिदा ने बेटी जीनत, ईरम और आलिया को अलग-अलग रहकर छत, दरवाजे और गली में नजर रखने के लिए कहा। ताकि अगर कोई आ जाए तो वे लोग सचेत हो जाएं। मौका पाकर हत्यारों ने जाहिदा के सामने ही भौंदे खां को दबोच लिया और हत्या कर शव को कमरे में पड़े बेड पर लिटा दिया। जाहिदा ने पति के शव को उन्हीं की लुंगी से ढक दिया। वहीं, मकान के दूसरे हिस्से में रहने वाली दारोगा की बड़ी बेटी शवा पत्नी अनीस जब घटनास्थल पर पहुंची तो हत्यारे दिन में ही शव को ठिकाने लगाने जा रहे थे, लेकिन शवा शोर मचाने के बजाय हत्यारोपितों के साथ शामिल हो गई। उसी ने रात में शव को मकान के पीछे नाले में फेंकने की योजना बनाई। -हत्या के बाद यह गढ़ी कहानी : शनिवार को दारोगा की रात दस बजे से ड्यूटी थी। रविवार को उनका शव मिलने पर बेटियों और पत्नी ने बताया कि दोपहर एक बजे भौंदे खां बाइक से कहीं चले गए थे। देर शाम तक वह वापस नहीं आए तो उनके मोबाइल पर संपर्क किया, लेकिन उनका मोबाइल बंद जा रहा था। सोचा कि वह रात की ड्यूटी करने लगे चले गए होंगे।
-सीसीटीवी फुटेज से खुल गई पोल : करीब 11 घंटे तक घर में शव रखने के बाद रात करीब दस बजे शव को ठिकाने लगाया गया। बेटियों ने गली में कई बार टहलने के बहाने टोह ली। सन्नाटा होने पर बेटी ईरम व आलिया अंदर आई और हत्यारों की बाइक पर लुंगी से ढकी लाश लाद दी। फिर घर से बाइक को बिना स्टार्ट किए निकालने के लिए उसमें धक्का दिया। उधर, एक बेटी घर के आगे मोड़ पर खड़ी रही। गली खाली होने का इशारा मिलने के बाद तहसीम बाइक स्टार्ट कर नाले के पास ले गया। जहां दारोगा का शव फेंकने के बाद बाइक को गिरा दिया। जिससे लगे कि वह बाइक गिरने से नाले में गिर गए हैं। मगर, शव ले जाने का पूरा घटनाक्रम दामाद अनीस के घर के बाहर लगे सीसीटीवी में कैद हो गया। हत्या के तुरंत बाद से ही पुलिस ने फुटेज अपने कब्जे में ले ली थी। जिसे खंगालने पर उनकी पोल खुल गई।
-विरोध बना हत्या की वजह : दारोगा भौंदे खां पत्नी के चरित्र और बेटियों से चाल-चलन से परेशान थे। उन्होंने विरोध किया। मगर जाहिदा न तो खुद सुधरी, उलटा बेटियां को भी छूट दे दी। बेटियों के फैशन करने और मार्डन ड्रेस पहनने पर अक्सर घर में कलह होता था। सात अप्रैल को बेटी सना की हत्या के बाद से दारोगा खामोश रहने लगे थे, लेकिन जाहिदा ने पति को ही रास्ते से हटाने की साजिश रच डाली।