Move to Jagran APP

यूपी के इस विश्वविद्यालय के छात्र प्रयागराज से देहरादून, वाया बरेली चला रहे कोविड मदद एक्सप्रेस, जानिए कैसे कर रहे मदद

कोरोना संक्रमण के इस दौर में कई लोग अपने अपने तरीके से कोविड संक्रमितों की मदद में लगे हुए हैं। ऐसे ही एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुछ पूर्व छात्रों ने एक टीम बनाकर कोविड मरीजों की मदद शुरू की है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 02:43 PM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 05:24 PM (IST)
यूपी के इस विश्वविद्यालय के छात्र प्रयागराज से देहरादून, वाया बरेली चला रहे कोविड मदद एक्सप्रेस, जानिए कैसे कर रहे मदद
यूपी के इस विश्वविद्यालय के छात्र प्रयागराज से देहरादून

अंकित गुप्ता, बरेली : कोरोना संक्रमण के इस दौर में कई लोग अपने अपने तरीके से कोविड संक्रमितों की मदद में लगे हुए हैं। ऐसे ही एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुछ पूर्व छात्रों ने एक टीम बनाकर कोविड मरीजों की मदद शुरू की है। यह छात्र प्रयागराज से देहरादून तक एक कड़ी बनाकर कोविड मदद एक्सप्रेस चला रहे। इसमें हर स्टेशन पर मौजूद स्टेशन मास्टर (छात्र या पूर्व छात्र) की जिम्मेदारी है कि अगर उनके स्टेशन (शहर) पर कोई व्यक्ति परेशानी में है तो वह उसकी उसकी मदद करेंगे। विश्वविद्यालय के 22 छात्र और पूर्व छात्रों की यह टीम अब तक 50 से अधिक लोगों तक मदद कर चुके हैं।

prime article banner

केस-1 : यूएस से आया फोन, देहरादून में मित्र का फंसा था परिवार

गोरखपुर के रहने वाले हिमांशु त्रिपाठी यूएस में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है। उनके साथ देहरादून के सौरभ रहते हैँ। सौरेभ के स्वजन कोविड पॉजिटिव हुए। वहां मदद करने वाला कोई नहीं था। ऐसे में हिमांशु को फेसबुक पर इस कोविड मदद एक्सप्रेस से जुड़े कुछ लोगों का नंबर मिला। फोन कर बताया कि प्लाज्मा और ऑक्सीजन चाहिए। टीम को लीड करने वाले नवनीत शुक्ला ने जानकारी देहरादून के मनीष व हिमानी को दी। उन्होंने संक्रमितों से संपर्क कर उनके लिए ऑक्सीजन और प्लाज्मा की व्यवस्था कराई। हिमांशु ने पूरी टीम को फेसबुक पर धन्यवाद भेजा।

केस-2 : कानपुर में 30 वर्षीय युवक को दिया प्लाज्मा

कानपुर के रहने वाले 30 वर्षीय आयुष मिश्रा गंभीर हालत में थे। बी पॉजिटिव प्लाज्मा की जरूरत थी।आयुष के एक रिश्तेदार ने कोविड मदद एक्सप्रेस के सदस्यों से संपर्क किया। इस पर टीम ने कानपुर के राहुल को फोन कर पूरा मामला बताया और प्लाज्मा की व्यवस्था कराने को कहा। राहुल आरजे हैं, उन्होंने अपने संपर्क के लोगों में बी पॉजिटिव व्यक्ति को ढूंढकर प्लाज्मा डोनेट करने के लिए तैयार किया। इस तरह से आयुष को प्लाज्मा दिया गया। अब आयुष की हालत में सुधार हो रहा है।

कोविड मदद एक्सप्रेस के स्टेशन और स्टेशन मास्टर

प्रयागराज- डॉ. सनातन मिश्रा, विकास मिश्रा मेडिकल रिप्रजेंटेटर व पूर्व एमबीए छात्र एमजेपी

फतेहपुर - नील मणि त्रिपाठी पूर्व एमबीए छात्र एमजेपी (आर्थिक सहायता)

कानपुर - राहुल चावला आरजे (फेसबुक मित्र)

लखनऊ- विमलेश निगम, सुमित यादव - फार्मेसिस्ट व पूर्व छात्र बीफार्मा एमजेपी

बरेली - नवनीत शुक्ला, आकांक्षा शुक्ला, सौरभ शुक्ला, विश्वास पांडेय छात्र व पूर्व छात्र एमजेपी

देहरादून- मनीष निषाद व हिमानी बिष्ट (फेसबुक मित्र)

हरिद्वार : प्रतिभा बिष्ट और रजनी ढौंढियाल जोशी- संस्थापक- शिक्षा से शिखर तक(एनजीओ)

इस तरह पहुंचाई जाती मदद

यह मदद एक्सप्रेस इंटरनेट मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म पर दौड़ाई जा रही है। फेसबुक और वाट्सएप जैसे माध्यमों के जरिए कोविड संक्रमित का एड्रेस पहुंचाया जाता है। इसके बाद संबंधित स्टेशन पर मौजूद स्टेशन मास्टर उसकी मदद में जुट जाते हैं।

ऐसे शुरु हुआ सफर

विश्वविद्यालय के पूर्व एबीए के छात्र ओर वर्तमान में अतिथि प्रवक्ता नवनीत शुक्ला ने बीते वर्ष कोविड में इसकी शुरुआत की थी। बीते साल कोविड के दौरान फेसबुक के जरिए उन्होंने इसे अकेले शुरू किया था। लेकिन इस वर्ष उनके साथ पढ़ने वाले कई छात्र और वर्तमान छात्रों ने भी उनसे जुड़ना शुरू कर दिया। अब उनकी इस टीम में 22 लोग जुड़ चुके हैं। वह बताते हैं कि बीते वर्ष बरेली के ही लोगों की मदद हो सकी थी, लेकिन इस वर्ष अलग अलग शहरों के 50 से अधिक लोगों तक मदद पहुंचाई गई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.