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बच्चों ने सीखा पशुप्रेम और परिवार का संस्कार

दैनिक जागरण की संस्कारशाला प्रेमनगर स्थित सेक्रेड हार्ट जूनियर विंग में लगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 08:06 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 02:09 AM (IST)
बच्चों ने सीखा पशुप्रेम और परिवार का संस्कार
बच्चों ने सीखा पशुप्रेम और परिवार का संस्कार

जागरण संवाददाता, बरेली: दैनिक जागरण की संस्कारशाला प्रेमनगर स्थित सेक्रेड हार्ट जूनियर विंग में लगी। जागरण टीम इसके लिए सुबह 8.30 बजे स्कूल पहुंची। बच्चों की परीक्षा समाप्त हुई और बच्चे असेंबली मैदान में इकट्ठे हो गए। पि्रंसिपल जेबा खान ने संस्कारशाला की टीम का परिचय दिया। फिर टीम ने बच्चों को संस्कारशाला में इस बार से हुए बदलाव के बारे में बताया। संस्कारशाला में इस बार प्रश्नोत्तर नहीं होंगे, बल्कि उन्हें कहानी सुनाकर, सवाल जवाब, वाद विवाद प्रतियोगिता के साथ ही डिजिटल तरीके से नैतिक शिक्षा का ज्ञान दिया जाएगा।

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जागरण टीम की स्टोरी रीडर रुपाली सक्सेना ने बच्चों को मंगलवार के दैनिक जागरण में छपी आरुषि रिया की कहानी पढ़कर सुनाई। फिर उन्होंने बच्चों को कहानी का अर्थ भी समझाया। बच्चों ने कहानी और उसमें छिपे संदेश को बड़े ध्यान से सुना। फिर स्टोरी रीडर ने कहानी के बीच में छिपे सवाल बच्चों से पूछे, जिसका जवाब पहले देने की बच्चों में होड़ रही। कई सवालों के जवाब तो बच्चों ने सवाल पूरा पूछे जाने से पहले ही दे दिए। फिर आया संस्कारशाला का सबसे अहम पड़ाव, जिसमें स्टोरी रीडर ने बच्चों से कहानी से मिले सबके बताने को कहा। इस बार भी बच्चों में न सिर्फ संदेश बताने का उत्साह नजर आया, बल्कि कुछ बच्चों के बताए संदेश सुनकर स्कूल पि्रंसिपल और शिक्षक स्टाफ भी अचंभित हुआ। इस चरण में तीसरी कक्षा की रोमा अरोरा ने बताया कि कहानी से सुबह उठकर पशु पक्षियों को दाना पानी डालने की सीख मिलती है, जिससे वह भी आसानी से जिंदा रह सकें। उन्हें इसके लिए भटकना नहीं पड़े। वहीं मौलिक गुप्ता ने कहा कि कहानी से हमें सबक मिलता है कि परिवार में सभी परिजनों को एक साथ रहना चाहिए, जिसमें मम्मी पापा के साथ ही दादा दादी भी हों, जिससे मम्मी पापा के व्यस्त होने पर दादा दादी अच्छी बातें बता सकें। संस्कारशाला में सुनीता अरोरा, भूमिका शर्मा, रेनू अरोरा, सोनम मिश्रा, सना खान, साक्षी माहेश्वरी, सुमित कुमार आदि शिक्षक मौजूद रहे।

संस्कारशाला ने दिया नैतिक शिक्षा सिखाने का मंच: सेक्रेड हार्ट स्कूल की प्रिंसिपल

- सिलेबस में नहीं होने से नैतिक शिक्षा की किताबें बढ़ा रहीं सिर्फ लाइब्रेरी की शोभा

जागरण संवाददाता, बरेली: संस्कारशाला ने शिक्षण कार्य में उलझे स्कूलों को एक मंच दिया है, जहां बच्चों को इस दौरान नैतिक शिक्षा की बातें सिखाई जा सकती हैं। सिलेबस का हिस्सा नहीं होने से इसकी किताबें अब सिर्फ लाइब्रेरी की शोभा बढ़ाती हैं। एक या दो बच्चों को छोड़कर कोई भी इन्हें नहीं देखता है। यह बातें प्रेमनगर स्थित सेक्रेड हार्ट की प्रिंसिपल जेबा खान ने कही।

उन्होंने बताया कि दैनिक जागरण की संस्कारशाला शुरू होने के बाद से ही बच्चों को अखबार में छपी कहानी पढ़ने को बोला जाता है। लाइब्रेरी पीरियड में यह कहानी पढ़ना सभी बच्चों के लिए अनिवार्य है। कोई बात समझने में नहीं आने पर शिक्षक उन्हें समझाते हैं, जिससे बच्चे अच्छी बातें जान और सीख सकें। फिर दैनिक जागरण संस्कारशाला का तरीका भी इस बार से बदला है, जो कि काफी प्रभावी और प्रेरणादायक है। बच्चों को कोई भी बात तर्क के साथ समझाना ज्यादा आसान होता है, जिससे इस बार बच्चों को समझाने में काफी आसानी हो रही है। दैनिक जागरण की संस्कारशाला से बच्चों को अच्छी बातें सिखाने का अवसर मिलता है, जिससे बेहतर नागरिक तैयार कर अच्छे समाज और राष्ट्र का निर्माण करने में सहायता मिलती है।


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