JEE Advanced परीक्षा में नहीं दिखा कोरोना का खौफ, सिर्फ पांच छात्रों ने छोड़ी परीक्षा
देश के टॉप आइआइटी संस्थानों में दाखिले के लिए ऑनलाइन मोड पर ज्वाइंट एंट्रेस एग्जामिनेशन (जेईई) एडवांस 2020 का आयोजन रविवार को किया गया। जिले में एकमात्र केंद्र दोहना रोड स्थित श्री सिद्धि विनायक इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में दो पालियों में परीक्षा संपन्न हुई।
बरेली, जेएनएन। देश के टॉप आइआइटी संस्थानों में दाखिले के लिए ऑनलाइन मोड पर ज्वाइंट एंट्रेस एग्जामिनेशन (जेईई) एडवांस 2020 का आयोजन रविवार को किया गया। जिले में एकमात्र केंद्र दोहना रोड स्थित श्री सिद्धि विनायक इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में दो पालियों में परीक्षा संपन्न हुई। परीक्षा में कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन किया गया। परीक्षा में सौ फीसद छात्र-छात्राओं की उपस्थिति रही। एकमात्र केंद्र पर पहली पाली सुबह नौ बजे से दोपहर 12 बजे तक हुई। दूसरी पाली की परीक्षा अपराह्न ढाई बजे से साढ़े पांच बजे तक हुई।
परीक्षार्थियों को तय समय से एक घंटा पहला केंद्र में प्रवेश दिया गया। उनके अभिभावकों के वाहन करीब पांच सौ मीटर दूर खड़े करवा दिए गए थे। केंद्र के गेट पर ही छात्र-छात्राओं की थर्मल स्क्रीनिंग की गई और उन्हें हाथों को सैनिटाइज कराया गया। इसके बाद उन्हें सेंटर में प्रवेश मिला। परीक्षार्थियों को मास्क पहनकर और सैनिटाइजर की शीशी लेकर साथ ही पारदर्शी बोतल में पानी लेकर कक्ष में भेजा गया। वहां शारीरिक दूरी के साथ बैठाया गया। हालांकि परीक्षा खत्म होने के बाद परीक्षार्थी एक साथ बाहर निकलने, जिससे शारीरिक दूरी का क्रम टूट गया। सेंटर इंचार्ज युवराज गुप्ता के अनुसार परीक्षा देने के लिए 507 परीक्षार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। इसमें से 502 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। पांच परीक्षार्थी गैरहाजिर रहे।
कोरोना को लेकर जो डर था वह मेन्स परीक्षा में खत्म हो गया। पूरी एहतियात के साथ परीक्षा देने आए हैं। परीक्षा केंद्र में भी सुरक्षा के अच्छे इंतजाम किए गए थे। दाऊद तारिक - पहले और आज की स्थितियां काफी बदली हैं, लेकिन एग्जाम देना भी जरूरी है। आगे भविष्य में स्थिति क्या होंगी, पता नहीं। आगे पढ़ाई के लिए परीक्षा जरूरी है। प्रफुल्ल वर्मा
परीक्षाएं देर से शुरू हुई, लेकिन इससे पढ़ने को अधिक समय मिल गया। परीक्षा देने में पूरी सावधानी बरती गई है। मास्क व सैनिटाइजर का इस्तेमाल किया है। सुमित भंडारी - अब भविष्य का रास्ता खुल गया है। उम्मीद है कि रिजल्ट आने के बाद पढ़ाई भी शुरू हो जाएगी। कोरोना को लेकर पहले ही स्टूडेंट्स का काफी नुकसान हो चुका है। मयंक