चरस की तस्करी के लिए गर्भवती बनने वाली महिलाओं को एसटीएफ ने पकड़ा, सामने आया ये राज... Bareilly News
महिला तस्कर पेट में चरस की पोटली बांधकर खुद को गर्भवती बताते हुए दूसरे तस्कर की वैन में बैठकर रामपुर तक बिना चेकिंग पहुंच जाती थी।
बरेली, जेएनएन : नेपाल से रामपुर तक चरस तस्करी करने वाले गिरोह ने पुलिस को गच्चा देने के लिए नया तरीका निकाल लिया। इसके लिए महिला तस्कर पेट में चरस की पोटली बांधकर खुद को गर्भवती बताते हुए दूसरे तस्कर की वैन में बैठकर रामपुर तक बिना चेकिंग पहुंच जाती थी। जिस वैन से वह जाती थी, उसे एंबुलेंस की तरह बना दिया गया था इसलिए पुलिस को भी शक नहीं होता।
सोमवार को एसटीएफ को सुराग लगा तो नेपाल की दो महिला तस्कर व रामपुर के एक तस्कर को गिरफ्तार कर लिया। स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) की बरेली टीम को पिछले काफी समय से नेपाल से चरस तस्करी की सूचना मिल रही थी। सुराग लगाए तो पता चला कि रामपुर का तस्कर फिरोज नेपाल की तस्कर रितु चौधरी से चरस मंगाता है। दोनों के फोन नंबर तलाशने के बाद एसटीएफ ने बातचीत की निगरानी करनी शुरू की तो गिरोह के काम करने का तरीका पता चला।
मेडिकल कॉलेज के पास से महिलाओं को बैठाया: सोमवार शाम करीब पांच बजे नेपाल के जिला कैलाली के गांव भजनी निवासी रूपा और विसना पीलीभीत होते हुए बस से रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज मोड़ तक पहुंची। एसटीएफ को पहले ही पूरा प्लान पता चल चुका था मगर महिलाओं का चेहरा नहीं पहचानते थे। फिरोज की गाड़ी का नंबर ट्रेस था इसलिए उसका इंतजार किया जाने लगा। कुछ देर बाद फिरोज एंबुलेंस लेकर पहुंचा। रूपा के पेट में 18 किलो चरस बंधी हुई थी। खुद को गर्भवती दर्शाते हुए वह गाड़ी में लेट गई। वाहन जैसे ही आगे बढ़ा, एसटीएफ ने घेर लिया।
तीनों को गिरफ्तार कर तलाशी ली : तो रूपा से 16 किलो चरस बरामद हो गई। दोनों महिलाओं ने माना कि पेट में चरस बांधकर वे खुद को गर्भवती बताते हुए नेपाल से पीलीभीत पहुंचतीं। वहां से बस से बरेली आतीं। यहां फिरोज एंबुलेंस जैसी दिखने वाली वैन लेकर आता और जिसमें लेटकर रामपुर तक चरस पहुंचाते थे। उसके बाद फिरोज दूसरे लोगों को सप्लाई करता था। गिरोह के अन्य सदस्यों की जानकारी जुटाने के लिए एसटीएफ पूछताछ कर रही है।
नेपाल की तस्कर रितु की तलाश : पकड़ी गई नेपाल की दो महिला तस्कर तो डिलेवरी का काम करती है। मुख्य सरगना रितु चौधरी है। वह दूसरे वाहन से रुहेलखंड पहुंचकर एंबुलेंस से उनके साथ रामपुर जाती। रामपुर पहुंचने के बाद फिरोज उन्हें चरस की रकम देता लेकिन शायद रितु को सभी के पकड़े जाने की खबर लग गई थी। इसलिए वह रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज के बाहर नहीं पहुंची थी।