हलाला पीडि़ता बोली-ससुर ने हलाला के नाम पर किया दुष्कर्म
हलाला पहली बार दुष्कर्म मानकर दर्ज हो गया। इस मुद्दे पर आवाज उठाने वाली तलाक व हलाला पीडि़ता ने किला थाने मेें अपने 164 के बयान दर्ज कराए।
बरेली (जेएनएन)। अभी तक शरीया कानून के दायरे में आने वाला हलाला गुरुवार को पहली बार पुलिस दस्तावेज में दुष्कर्म मानकर दर्ज हो गया। इस मुद्दे पर आवाज उठाने वाली तलाक व हलाला पीडि़ता ने गुरुवार को किला थाने मेें अपने 164 के बयान दर्ज कराए। वह अपने रुख पर पूरी तरह कायम रही। ससुर पर हलाला के नाम पर दुष्कर्म करने का आरोप बार-बार दोहराए। बयान दर्ज करने के बाद पुलिस ने उसे मेडिकल के लिए भेज दिया। किला पुलिस ने पीडि़ता की शिकायत पर उसके पति, ससुर, सास, तीनों देवर व ननद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। ससुर पर दुष्कर्म करने की धारा में मामला दर्ज कराया। देश में अपनी तरह के पहले मामले पर बुधवार का दिन इस ऊहापोह में गुजर गया कि मुकदमा मीडिएशन में जाएगा या विवेचना होगी। शाम को एसएसपी के आदेश के बाद स्थिति स्पष्ट हो गई कि तफ्तीश होगी। इसके बाद गुरुवार को किला पुलिस ने पीडि़ता को बुलाया। बयानों में शिकायती पत्र का समर्थन करते हुए वही सब बातें कहीं जो तहरीर में कहीं थीं।
पहली बार इसलिए
अभी तक हलाला को शरीया कानून माना जाता था। इसके मुताबिक, तलाक के बाद अगर मियां-बीवी दोबारा साथ रहना चाहें तो महिला को हलाला की प्रक्रिया से गुजरना होता है। इसमें औरत को किसी दूसरे मर्द से शादी करनी होती है। जब वह तलाक देता है तभी दोबारा पहले वाले शौहर से निकाह करती है। हालांकि, इसको लेकर मुस्लिम महिलाएं विरोध काफी पहले से कर रही हैैं। सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है, मगर हलाला को दुष्कर्म बताकर पहला मुकदमा बरेली में दर्ज हुआ है। चूंकि, पुलिस को दी गई तहरीर में हलाला का जिक्र नहीं था। पीडि़ता मौखिक आरोप लगा रही थी लेकिन, गुरुवार को 164 के बयान होते ही हलाला दुष्कर्म के रूप में पहली बार दस्तावेज बन गया।
पीडि़ता से बोली डॉक्टर-तमाशा बना रखा
तलाक पीडि़ता को लेकर एक तरफ जहां तमाम बहस चल रही है। वहीं जिला अस्पताल के डॉक्टर हैं कि सुधरने का नाम नहीं ले रहे। मेडिकल कराने पहुंची पीडि़ता से डॉक्टर ने कहा- तमाशा बना रखा है तुम लोगों ने। इतना सुनकर पीडि़ता सहमकर बाहर आ गई। दरअसल, दोपहर करीब 12 बजे पीडि़ता को पुलिस ने महिला सिपाही के साथ मेडिकल के लिए महिला अस्पताल भेजा। चार बज गए लेकिन उसका मेडिकल नहीं हुआ। उसने अंदर जाकर डॉक्टर से कहा तो उसने हड़का दिया। उधर, जब इसका पता निदा खान को हुआ तो वह जिला अस्पताल पहुंचीं। उन्होंने डाक्टरों से बातचीत की। उनके इस रवैये पर नाराजगी जताई। इसके बाद शाम करीब छह बजे पीडि़ता का मेडिकल हो सका।
हलाला का आरोप झूठा, जांच की मांग
सबका हक आर्गेनाइजेशन का प्रतिनिधि मंडल राज्य अल्पसंख्यक आयोग की जांच टीम से मिला। बताया कि एक महिला ने अपने सुसर के साथ हलाला का आरोप लगाया है। इसकी जांच की जाए। अगर हलाला का आरोप झूठा निकले तो कड़ी सजा मिले। संगठन ने जांच टीम को सीडी में कुछ साक्ष्य भी दिए हैं। यह भी कहा कि कुछ महिलाएं कुंवारी लड़कियों को मीडिया के सामने शादीशुदा बताकर गलतबयानी कर रही हैं। जांच समिति ने आश्वस्त किया कि किसी के साथ अन्याय नहीं होगा। अध्यक्ष राफिया शबनम, महजबी, रविंद्र सहारा, शबाना आदि मौजूद रहे।