श्रीश्री के पैगाम पर बरेलवी मसलक की रजामंदी मुश्किल
जागरण संवाददाता, बरेली : अयोध्या में श्रीराम मंदिर-बाबरी मस्जिद प्रकरण में सुलह का पैगाम लेकर बर
जागरण संवाददाता, बरेली : अयोध्या में श्रीराम मंदिर-बाबरी मस्जिद प्रकरण में सुलह का पैगाम लेकर बरेली आ रहे आर्ट ऑफ लिविंग के प्रणेता श्रीश्री रविशंकर के सामने बरेलवी मसलक के मुसलमानों को राजी करने की चुनौती रहेगी। नाम न छापने की शर्त पर एक उलमा ने कहा कि दरगाह आला हजरत के नुमाइंदे या सुन्नियों के दीगर उलमा-बुद्धिजीवी कोर्ट से इतर सुलह के किसी भी फार्मूले पर शायद ही हामी भरेंगे।
बहरहाल, आइएमएसी के अध्यक्ष मौलाना तौकरी रजा खां ने साफ किया है कि समझौता मंदिर-मस्जिद के पक्षकारों में होगा। हम लोग इसके पक्षकार नहीं हैं। श्रीश्री देश-दुनिया में अमन का संदेश लेकर जाते हैं। इसी मंशा के साथ वो यहां भी आ रहे हैं। फिर भी अयोध्या मामले में अगर वो कोई बात रखेंगे तो इस पर स्थिति भी तभी स्पष्ट हो पाएगी। जब मौलाना तौकीर रजा खां ने सवाल किया कि आपके बुलावे पर श्रीश्री बरेली आ रहे हैं तो उन्होंने जवाब दिया कि आर्ट ऑफ लिविंग के निदेशक से लखनऊ में मुलाकात हुई थी। इसके बाद श्रीश्री से फोन पर बात हुई। उनका बरेली में एक कार्यक्रम है। उन्होंने इसमें आने की बात बताई। इसके साथ इच्छा जताई कि दरगाह और मदरसा भी जाएंगे। हमने बरेली में उनके आगमन का तहे दिल से स्वागत किया। जरूरी है कि देश में सौहार्द को लेकर चर्चा हो।
मौलाना सलमान नदवी ने की थी वकालत
-अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए सुलह की सलाह देने वाले मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना सलमान नदवी को बोर्ड से निष्कासित कर दिया गया था। नदवी पर कार्रवाई के बाद से ही मुसलमानों के बीच इस फार्मूले को ले जाने के रास्ते बंद दिखने लगे थे। अब बरेली में श्रीश्री के मशविरे को कितनी तवज्जो मिलेगी। इस पर सबकी निगाहें रहेंगी। क्योंकि दरगाह आला हजरत देश में सुन्नियों में का सबसे बड़ा केंद्र है।
सत्संग में भी लेंगे हिस्सा
-आर्ट ऑफ लिविंग के एबीसी सदस्य विशेष कुमार के मुताबिक श्रीश्री देश में अमन का पैगाम लेकर बरेली पहुंच रहे हैं। दरगाह आला हजरत भी जाएंगे। इसके बाद छह मार्च को ही रुहेलखंड मेडिकल कॉलेज मैदान पर शाम पांच बजे से सात बजे के बीच आयोजित सत्संग में शामिल होंगे। यहां संस्था के योग प्रशिक्षकों व वॉलंटियर्स से मुखातिब होंगे।