Move to Jagran APP

जाम से बचना है तो संजीदा आपको भी होना होगा

कुतुबखाना पर ओवरब्रिज का मुद्दा वक्ती तौर पर महज इसलिए मौजू है क्योंकि शहर का हर शख्स वहां जाम से जूझ रहा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 21 Oct 2018 02:10 PM (IST)Updated: Sun, 21 Oct 2018 02:10 PM (IST)
जाम से बचना है तो संजीदा आपको भी होना होगा
जाम से बचना है तो संजीदा आपको भी होना होगा

जेएनएन, बरेली: कुतुबखाना पर ओवरब्रिज का मुद्दा वक्ती तौर पर महज इसलिए मौजू है क्योंकि शहर का हर शख्स वहां जाम से जूझ रहा। शहर के सबसे पुराने इस बाजार की ओर जाने से पहले जाम की झिकझिक दिमाग में कौंध जाती है। निजात के लिए पहले भी कई बार ट्रैफिक प्लान बने मगर कारगार साबित नहीं हो सके। इसके पीछे भी तमाम वजहें रही। एसपी ट्रैफिक का कहना है कि ताली एक हाथ से नहीं बज सकती। ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारना है तो यहां के व्यापारियों और जनता को सहयोग करना होगा।ट्रैफिक को लेकर कोई भी रणनीति तभी सफल हो सकती है जब जनता साथ दे।

loksabha election banner

चौराहे से खदेड़े जाएंगे रिक्शे वाले

एसपी ट्रैफिक सुभाष चन्द्र गंगवार कुतुबखाना के हाल देख चुके हैं। चौराहा पर एक तरफ रिक्शे वाले खड़े हो जाते हैं जिसके बाद बमुश्किल आठ-दस फीट का रास्ता बचता है। चौराहा पर जाम की बड़ी वजह रिक्शे वालों का इस तरह खड़ा होना भी है। एसपी ट्रैफिक ने बताया कि जल्द ही उस चौराहे पर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ाकर रिक्शे वालों को वहां से खदेड़ा जाएगा।

वन-वे का हो सख्ती से पालन

वन-वे व्यवस्था लागू है मगर इसका पालन नहीं होता। कोहाड़ापीर की ओर से आने वाले वाले कुतुबखाना चौराहा से मोड़कर मेवा वाली गली से जिला अस्पताल रोड पर निकलते हैं। जबकि घंटाघर की ओर से आने वाले लोगों के लिए चौराहा का सीधा रास्ता तय है। मगर वन-वे का पालन नहीं होने पर दो पहिया वाहन तक जाम में फंस जाते हैं। सब्जी मंडी वाले रास्ते पर वन-वे का पालन नहीं होता। वहां होमगार्ड भी लगाया गया बावजूद इसके लोग नहीं मान रहे हैं। इधर से लोग आगे जाते हैं। जिससे मनिहारन गली वाले चौराहे पर जाम लग जाता है।

दुकानों के बाहर से हटाना होगा अतिक्रमण

किला की तरफ से कुतुबखाना या फिर बास मंडी की तरफ से कुतुबखाना वाले रास्ते पर दुकानों के बाहर अतिक्रमण हैं। ट्रैफिक पुलिस का मानना है कि इन रास्तों पर पहले से ही काफी कम जगह है। यहां दो-दो फुट भी जगह दब जाती है तो ट्रैफिक संचालन पर असर पड़ता है। लिहाजा दुकानदार नाली के आगे सड़क पर सामान न रखें इससे सड़क पर जगह बढ़ जाएगी। पैदल निकलने वाले आराम से निकलेंगे और ट्रैफिक लगातार चलता रहेगा। इससे जाम नहीं लगेगा। लेकिन यह तभी संभव होगा जब दुकानदार अतिक्रमण सड़क पर अतिक्रमण न करें।

अब गलियों के लिए भी ट्रैफिक प्लान की जरूरत

एसपी ट्रैफिक सुभाष चन्द्र गंगवार का कहना है कि शहर की आबादी काफी बढ़ चुकी है। सड़कें वहीं पुरानी हैं। अब जरूरत यह आन पड़ी हैं कि कुतुबखाने के आसपास की गलियों में ध्यान दिया जाए। इन गलियों को अगर पैदल चलने वालों के लिए छोड़ दिया जाए तो बेहतर रहेगा। पैदल वाला ट्रैफिक गलियों से गुजरेगा तो मुख्य सड़क पर दबाव कम होगा। इससे ट्रैफिक व्यवस्था सुधरेगी।

जनता साथ दे तो बने बात: सुभाष गंगवार

एसपी ट्रैफिक सुभाष चन्द्र गंगवार कहते हैं कि कुतुबखाना पर जाम की समस्या से निपटने के लिए पुलिस की मजबूत इच्छा शक्ति और व्यापारियों का सहयोग बेहद जरूरी है। महज दस साल में ही शहर में वाहनों की संख्या दोगुनी हो गई है। जनसंख्या भी बढ़ी है। वन-वे का पालन करें, अतिक्रमण हटाएं, चौराहा के आस पास रिक्शे वालों को न खड़े होने दें। पहले निकलने की जल्दबाजी न करें। कुछ सिपाहियों की मांग की गई है उन्हें चौराहा पर तैनात किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.