Smart City Scheme : करोड़ों का आइसीसीसी प्राेजेक्ट खास को देने के लिए किया गया ये खेल... Bareilly News
स्मार्ट सिटी योजना के तहत बड़े गड़बड़झाले की तैयारी कर दी गई। 15 जनवरी को स्मार्ट सिटी कंपनी की बैठक हुई जिसमें 188 करोड़ रुपये की डीपीआर के कई बिंदुओं को बदल दिया गया।
जेएनएन, बरेली : स्मार्ट सिटी योजना के तहत बड़े गड़बड़झाले की तैयारी कर दी गई। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) से डीपीआर पुनरीक्षण होने के बावजूद कई कई बिंदुओं को बदलकर आरएफपी (रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल) निकाल दिए। पीएमसी (प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंपनी) श्रेई की सहयोगी सी-नेट कंपनी ने पहले ही इस बाबत आपत्ति भी लगाई थी। सी-नेट ने बदले बिंदुओं की दोबारा एएमयू से पुनरीक्षण कराने का सुझाव दिया था। हालांकि अधिकारी पूरे मामले से बचने का प्रयास कर रहे हैं।
स्मार्ट सिटी योजना में प्रस्तावों की डीपीआर बनाने का काम पीएमसी का है। सरकार ने इसके सहयोग के लिए सी-नेट कंपनी को टेक्नीकल पार्टनर के रूप में अनुमति दे रखी है। दोनों कंपनियों ने मिलकर इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (आइसीसीसी) की डीपीआर तैयार की।
इसके बाद एएमयू ने डीपीआर का पुनरीक्षण किया और 25 दिसंबर 2019 को अपनी रिपोर्ट बरेली स्मार्ट सिटी कंपनी को दी। उसके बाद 15 जनवरी को स्मार्ट सिटी कंपनी की बैठक हुई, जिसमें 188 करोड़ रुपये की डीपीआर के कई बिंदुओंको बदल दिया गया।
सी-नेट के अधिकारी नागेश कटिया ने अगले ही दिन स्मार्ट सिटी कंपनी को भेजे पत्र में बदले गए बिंदुओं को विस्तार से बताते हुए दोबारा एएमयू से पुनरीक्षण कराने का सुझाव दिया था। उन्होंने एक बिंदु में यह भी कहा है कि ऐसा होने पर किसी खास वेंडर के साथ जाने का दबाव बन सकता है। इन खुलासों से नगर निगम में खलबली मची है।
लखनऊ में 15 फरवरी को होनी है बैठक, उठेगा मामला
स्मार्ट सिटी योजना के तहत 15 फरवरी को लखनऊ में बैठक होनी है। इसमें आइसीसीसी की डीपीआर से छेड़छाड़ करने का मामला उठने की संभावना है।