थप्पड़ प्रकरण : हंगामों से प्रभावित हुई बरेली कॉलेज की प्रवेश प्रक्रिया Bareilly News
नाराज शिक्षक संघ ने प्रवेश प्रक्रिया बंद कर दी। प्रवेश के लिए आए छात्र मायूस हो गए। इससे छात्र नेताओं का पारा चढ़ और उन्होंने जमकर हंगामा काटा। इसी बीच काॅलेज पहुंचे प्रचार्य का कार में ही बंधक बना लिया।
बरेली, जेएनएन : पढ़ाई से ज्यादा विवादों के लिए जाने वाला बरेली कॉलेज एक बार फिर विवादों में घिर गया है। छात्र के साथ कथित मारपीट के मामले में शिक्षक के विरुद्ध मुकदमा दर्ज होने से नाराज शिक्षक संघ ने प्रवेश प्रक्रिया बंद कर दी। प्रवेश के लिए आए छात्र मायूस हो गए। इससे छात्र नेताओं का पारा चढ़ और उन्होंने जमकर हंगामा काटा। इसी बीच काॅलेज पहुंचे प्रचार्य का कार में ही बंधक बना लिया। अभद्रता करते हुए कार में लाते मारी। सुरक्षा के मद्देनजर कॉलेज में पुलिस बला ली गई तो छात्रनेता पुलिस से भिड़ गए। मौके पर प्राॅक्टोरियल बोर्ड ने मोर्चा संभाला। चीफ प्रॉक्टर ने किसी तरह प्राचार्य को घटनास्थल से निकाला।
छात्र नेता को थप्पड़ मारने पर प्रवेश समन्वयक पर हुआ था मुकदमा
प्रवेश संबंधी जानकारी करने पहुंचे छात्र नेता को शिक्षक ने थप्पड़ मारा तो बरेली कॉलेज में बखेड़ा हो गया। गुस्साए छात्र नेताओं ने प्राचार्य को उनके कक्ष में घेर लिया। तीन घंटे हंगामा करते रहे। जब शिक्षक पर मुकदमा दर्ज हो गया, इसके बाद ही छात्र वहां से हटे।
छात्र पवन कुमार को एलएलबी में प्रवेश का ऑफर लेटर मिल गया, लेकिन कॉलेज में दाखिला नहीं मिल रहा था। शुक्रवार दोपहर दो बजे उन्होंने इसकी शिकायत छात्र नेता मोहित सिंह से की। मोहित उन्हें लेकर प्रवेश इंचार्ज डॉ. अनुराग मोहन भटनागर के पास पहुंचे थे। उस वक्त डॉ. अनुराग प्राचार्य के कक्ष में बैठे थे। उनसे समस्या समाधान को कहा तो उन्होंने कह दिया कि प्राचार्य से बात करें। मोहित ने पलटकर सवाल किया कि प्रवेश इंचार्ज आप हैं, समाधान तो आपको करना चाहिए।
आरोप है कि इससे गुस्साए डॉ. भटनागर ने मोहित को थप्पड़ मार दिया। जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल किया। इसी दौरान वहां मौजूद अन्य छात्रों ने वीडियो बना लिया जोकि कुछ ही देर में अन्य छात्रों के बीच वायरल हो गया। इससे गुस्साए छात्र संघ के पूर्व महामंत्री ह्देश यादव व अन्य दर्जनों छात्र नेता प्राचार्य कक्ष में पहुंचकर हंगामा करने लगे। तब तक डॉ. भटनागर वहां से जा चुके थे।
छात्र नेताओं ने प्राचार्य डॉ. अजय शर्मा से कहा कि अभद्रता करने वाले प्रवेश इंचार्ज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाए। प्राचार्य ने बारादरी थाने में मामला भेजने को कहा तो छात्र नेता इस बात पर अड़ गए कि प्रकरण पुलिस के पास न भेजें, कॉलेज में मारपीट हुई है इसलिए सीधे एफआइआर के लिए पत्र भेजा जाए। शोर शराबे और नारेबाजी के बीच तीन घंटे बाद शिक्षक पर मुकदमा दर्ज हुआ, तब शाम पांच बजे छात्र नेता वहां से हटे।
प्रवेश समन्वयक ने दी सफाई, मैं मोबाइल रोकने के लिए उठा था
बरेली कॉलेज के प्रवेश समन्वयक डॉ. अनुराग मोहन ने कहा कि छात्र प्रवेश संबंधी कार्य के बहाने अभद्रता कर रहा था। विभागीय अभिलेख भी मेरी ओर उछाले। मोबाइल से वीडियो बनाने लगा। वीडियो न बनाए इसलिए मोबाइल रोकने के लिए मैं तेजी से उठा था। जिसे मारपीट का नाम देकर झूठा आरोप लगाया है।
दो बार बदला गया लेटर, तब दर्ज हुआ मुकदमा
मोहित के शिकायती पत्र पर प्राचार्य ने बारादरी पुलिस को लिखा कि आवश्यक कार्रवाई करें। छात्र नेताओं ने इस पर एतराज जताया। कहा कि साक्ष्य के तौर पर वीडियो दिया है, पत्र में इसका हवाला देते हुए लिखा जाए कि आरोपित शिक्षक डॉ. अनुराग मोहन पर मुकदमा दर्ज किया जाए। प्राचार्य पहले नहीं माने, हंगामा हुआ तब अन्य शिक्षकों से बात की और दोबारा लेटर लिखा।
प्राचार्य ने की इस्तीफे की पेशकश तो साथ आए छात्र नेता
हंगामा बढ़ता गया तो प्राचार्य डॉ. अजय शर्मा कहने लगे कि यदि इस तरह हंगामा होता रहा तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। इस पर छात्रों ने कहा कि वह इस्तीफा न दें, संबंधित शिक्षक पर कार्रवाई करें।
कर्मचारी लेकर आया थाने से एफआइआर की प्रति
कार्रवाई के बाबत लेटर देने के बाद प्राचार्य डॉ. अजय शर्मा वहां से चले गए मगर छात्र नेता जमे रहे। तब तक बारादरी थाने से बड़ी संख्या में पुलिस भी पहुंच सके। पुलिसकर्मियों ने समझाने की कोशिश की मगर छात्र नेता इस पर अड़े रहे कि मुकदमे की प्रति आएगी, तभी वहां से हटेंगे। बाद में कॉलेज से कर्मचारी थाने पहुंचा और एफआइआर की प्रति लेकर वापस आया।
एक दिन पहले भी हुआ था हंगमा
बरेली कॉलेज की प्रवेश प्रक्रिया शुक्रवार को विवादों में घिरी रही। सुबह जैसे ही प्रक्रिया शुरू हुई तो सामान्य वर्ग में ईब्ल्यूएस कोटे के आरक्षण की मांग को लेकर छात्रों ने हंगामा किया। चीफ प्राक्टर ने किसी तरह यह छात्रों को समझाकर मामला शांत कराया। फिर सफाईकर्मी के जहर खाने की घटना से प्रक्रिया पर असर पड़ा। तो दोपहर में प्रवेश समन्वयक से हुए विवाद के बाद प्राचार्य कक्ष में हुए जमकर हंगामे पर प्रवेश प्रक्रिया फिर से रोक दी गई। ऐसे में पूरे दिन नाम मात्र के ही प्रवेश हो सके। प्रवेश समिति की ओर से प्रवेश का आंकड़ा भी नहीं बताया गया।
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