Pilibhit Tiger Reserve में शिकार और पेड़ों के अवैध कटान की जांच करेगी एसआइटी, कई अफसरों पर शिकंजा कसने की आशंका
Pilibhit Tiger Reserve पीलीभीत टाइगर रिजर्व में एसआइटी जांच के आदेश को लेकर टाइगर रिजर्व के अधिकारियों और कर्मचारियों में तमाम तरह की चर्चाएं हो रही हैं। यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि एसआइटी जांच में कई और लोगों के भी शिकंजे में आने की आशंका है।
बरेली, जेएनएन। Pilibhit Tiger Reserve : पीलीभीत टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों के शिकार तथा अवैध रूप से पेड़ों के कटान मामलों की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष जांच दल गठित किए जाने के आदेश से यहां खलबली मच गई है। हालांकि इस मामले में गंभीर आरोपों से घिरे चर्चित रेंजर आरिफ जमाल को विगत दिनों लखनऊ मुख्यालय से संबद्ध किया जा चुका है। वहीं दियोरिया रेंज के रेंजर के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति शासन को भेजी जा चुकी है। फिलहाल एसआइटी जांच के आदेश को लेकर टाइगर रिजर्व के अधिकारियों और कर्मचारियों में तमाम तरह की चर्चाएं हो रही हैं। यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि एसआइटी जांच में कई और लोगों के भी शिकंजे में आने की आशंका है।
राज्य में तैनात एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी जिले में तैनात रह चुके हैं। फिलहाल वह शासन में अहम जिम्मेदारी संभाले हैं। कुछ माह पहले उन्होंने शासन को पीलीभीत टाइगर रिजर्व तथा दुधवा टाइगर रिजर्व में लंबे समय से तैनात वन विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों द्वारा वन्यजीवों के शिकार तथा पेड़ों के कटान मामले में भूमिका पर संदेह जताते हुए जांच कराने का सुज्ञाव दिया था। जिसके बाद शासन ने पेड़ों के अवैध कटान व वन्यजीवों का शिकार करने के आरोपों की प्रारंभिक जांच कराई थी। जिसमें टाइगर रिजर्व में वन्यजीव शिकार का मामला तो सामने नहीं आया लेकिन पेड़ों के कटान के मामलों की पुष्टि हुई थी।
टाइगर रिजर्व में लंबे समय तक तैनात रहे महोफ रेंज के पूर्व रेंजर आरिफ जमाल को पहले रेंज से हटाया गया था। कुछ दिन पहले आरिफ जमाल को लखनऊ मुख्यालय से संबद्ध किया गया है। उनके आदेश में साफ तौर पर गंभीर अनियमितताओं के चलते संबद्ध किए जाने की बात लिखी थी। टाइगर रिजर्व के दियोरिया रेंज के रेंजर वीके गुप्ता के खिलाफ भी पेड़ों के कटान का मामले में कार्रवाई किए जाने के लिए शासन को संस्तुति भेजी गई है। इधर,अब इस मामले की विस्तृत पड़ताल तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआइटी) करेगा। जल्द ही आयोग के सदस्य दोनों टाइगर रिजर्व में जाकर तथ्यों की पड़ताल करेंगे। इसके बाद एसआइटी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। शासन के इस फैसले से यहां वन विभाग स्टाफ में खलबली मच गई है।