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मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के Lockdown में फंसी बरेली की दाल, एमएसपी में बढ़ोतरी से सरसों तेल के दाम बढ़े

कोरोना संक्रमण बढ़ते मामले के बीच खाद्य पदार्थों के दामों में भी बढ़ोत्तरी हुई है। बीते आठ दिनों से बढ़े दामों के पीछे कई तरह की आशंकाएं व्यक्त की जा रहीं थी। कोरोना संक्रमण के चलते मप्र छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के चलते बंदी चल रही है।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Sun, 18 Apr 2021 07:40 AM (IST)Updated: Sun, 18 Apr 2021 07:40 AM (IST)
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ के Lockdown में फंसी बरेली की दाल, एमएसपी में बढ़ोतरी से सरसों तेल के दाम बढ़े
छत्तीसगढ़ में बंद हुआ तो मध्य प्रदेश में 50 फीसद हुआ दालों का प्रोडक्शन।

बरेली, जेएनएन। कोरोना संक्रमण बढ़ते मामले के बीच खाद्य पदार्थों के दामों में भी बढ़ोत्तरी हुई है। बीते आठ दिनों से बढ़े दामों के पीछे कई तरह की आशंकाएं व्यक्त की जा रहीं थी। शनिवार को इसकी वजह जानी तो पता चला कि कोरोना संक्रमण के चलते मप्र, छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के चलते बंदी चल रही है। ऐसे में छत्तीसगढ़ में प्रोडक्शन पूरी तरह बंद जबकि मध्यप्रदेश में भी प्रोडक्शन आधा हो गया है।

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जिले में अधिकतर दालें इन्हीं प्रदेशों से आती हैं। प्रोडक्शन प्रभावित होने के चलते महंगाई बढ़ी है। वहीं सरसों के तेल के बढ़ने के पीछे सरसों की एमएसपी बढ़ जाना बताई जा रही है। इससे भले किसानों को भले ही लाभ हो, लेकिन तेल के दामों में बढ़ोत्तरी हो रही है। वहीं अन्य खाद्य तेलों की महंगाई पॉम ऑयल की आपूर्ति कम होने की वजह से हुई है। हालांकि कुछ व्यापारी इसे सीजनल महंगाई भी बता रहे हैं।

जिले में ही नहीं बल्कि देश के कई राज्यों में कोरोना संक्रमण बहुत तेजी से बढ़ रहा है। जिले में अधिकतर दाल मप्र के इंदौर, जबलपुर आदि शहरों और दिल्ली से आती है। इन दिनों इन शहरों में संक्रमण का प्रकोप अधिक है। इसके चलते वहां बंदी चल रही है। ऐसे में वहां होने वाला प्रोडक्शन न के बराबर हो रहा है। जिले में इस समय में सिर्फ मध्यप्रदेश से ही दाल आ रही है। दालों की आवक कम होने का असर उनके दामों पर भी पड़ा है।

बीते एक सप्ताह में दाल की कीमतों में 10 से 20 रुपये तक का फर्क पड़ा है। इसके अलावा खाद्य तेलों में महंगाई है। इसमें सरसों के तेल कीमतें सबसे अधिक बढ़ी है। सरसो की नई फसल आने के बाद भी तेल के दाम बढ़ने के पीछे एमएसपी की कीमते बढ़ना है। बीते साल सरसों की एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) 4400 रुपये था जो इस बार 4800 रुपये हो गया है। इसके चलते मंडी में सरसों के दाम 5600 से 5800 रुपये प्रति क्विंटल में बिक रही है। सरसों के तेल में महंगाई की बड़ी वजह यही है। अन्य खाद्य तेलों में महंगाई की वजह मलेसिया से पॉम ऑयल की आपूर्ति पर प्रतिबंध बताया जा रहा है।

गुटखा, सिगरेट के दाम भी बढ़े

शनिवार रात से सोमवार सुबह तक की बंदी से पहले शनिवार को गुटखा और सिगरेट की थोक दुकानों से जमकर माल उठाया गया। इसके चलते शनिवार दोपहर से ही थोक दुकानदारों ने गुटखा और सिगरेट के दाम बढ़ा दिए थे। सभी कंपनियों के गुटखों के पैकेट पर दस रुपये तक अतिरिक्त लिए गए। इसके चलते फुटकर दुकानदारों ने भी एक रुपये दाम बढ़ा दिए हैं ।

विटामिन सी दवा की हुई शार्टेज

कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद से इम्युनिटी बढ़ाने वाली और संक्रमण रोकने में इस्तेमाल होने वाली दवाओं में कमी आने लगी है। फैविपिरावीर फार्मूले की दवा बाजार से एक दिन पहले ही गायब हो गई थी, अब विटामिन सी दवा की भी शार्टेज हो गई है। हालांकि ड्रग इंस्पेक्टर इन कंपनियों से संपर्क कर दवाओं की आपूर्ति कराने में लगे हैं, लेकिन शनिवार देर शाम तक फैविपिरावीर फार्मूले की दवा उपलब्ध नहीं हो सकी।


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