दारोगा ने अपने सुसाइड नोट में लिखा, 'मैं अपने आप को मृत्युदंड दे रहा हूं'
दारोगा सत्यवीर त्यागी ने मौत को गले लगाने से पहले डायरी में सात पेज का सुसाइड नोट लिखकर आत्मघाती कदम की वजह विस्तार से लिखी।
बरेली(जेएनएन)। दारोगा सत्यवीर त्यागी ने मौत को गले लगाने से पहले डायरी में सात पेज का सुसाइड नोट लिखकर आत्मघाती कदम की वजह विस्तार से लिखी। कहा-मैं अपने आप को मृत्युदंड दे रहा हूं जो शायद अदालत भी नहीं देती। मेरी मौत के पीछे कोई और नहीं बल्कि होमगार्ड वेदप्रकाश है। उसने मालखाने में रखे लाखों रुपये गायब कर दिए। नोटों की जगह अखबार व जाली नोट रख दिए। होमगार्ड ने करीब चार-पांच लाख रुपये से ज्यादा का घोटाला किया था, जिसे सत्यवीर बर्दाश्त नहीं कर पाए।
होमगार्ड ने किया विश्वासघात
दारोगा ने सुसाइड नोट में लिखा है कि जब उन्होंने थाने का चार्ज लिया तब होमगार्ड वेदप्रकाश ने काफी मदद की। पूरा थाना उस पर विश्वास करता था। पुराने हेडमोहर्रिर भी। इसलिए उन्होंने भी उस पर विश्वास करना शुरू कर दिया। 2016 में पत्नी की तबीयत खराब हुई तो उन्हें अस्पताल आना-जाना पड़ता था। इधर, बरसात होने के कारण कमरे में सीलन आ गई। जिस कारण माल को बाहर रखकर सुखाना पड़ा। इसमें वेदप्रकाश की मदद ली। इसी दौरान नोटबंदी हो गई। 1000 व 500 नोट भी रखे थे। सत्यवीर ने इसे बैंक में जमा करने के लिए कोर्ट से आदेश भी करा लिए। जब मालखाने में खोलकर देखा तो पता चला कि नोट की जगह अखबार की गड्डी रखी है। यह देखकर वह दंग रह गए। उन्होंने वेदप्रकाश से कहा तो वह भाग गया। 20 दिसंबर 2016 के बाद वह थाने नहीं आया। नौकरी फंसते देख सत्यवीर ने 2.65 लाख रुपये अपनी जेब से जमा किए। इतना ही नहीं सात-आठ मुकदमों मे 1000-500 के नोट थे। जिसे वेदप्रकाश ने गायब कर दिए। वह थाने से एक मोटर साइकिल व गैस का सिलिंडर भी चोरी करके ले गया। 2009 के एक मुकदमे के संबंध में 59 हजार रुपये थाने के मालखाने में जमा था। उसकी जगह वेदप्रकाश ने जाली नोट रख दिए। दारोगा सत्यप्रकाश ने लिखा है कि होमगार्ड वेदप्रकाश करीब चार-पांच लाख रुपये का गबन मालखाने से कर गया। अगर इसका पता चलता तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाता और जेल भेजा जाता। वह जेल जाना नहीं चाहते थे।
हद से ज्यादा भरोसा किया
अपने सात पेज के सुसाइड नोट में दारोगा सत्यवीर ने लिखा है कि उन्होंने होमगार्ड वेदप्रकाश पर हद से ज्यादा विश्वास किया। वेदप्रकाश ने जिंदगी बर्बाद कर दी। इसके लिए वह खुद का मृत्युदंड दे रहे हैं जो शायद अदालत भी उन्हें नहीं देती।