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शाहजहांपुर के सांसद ने यूपी के इस अधिकारी की सीएम से की शिकायत, एसई ने दी क्लीनचिट

लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) ओपी वर्मा को विभाग के अधीक्षण अभियंता (एसई) देवेश कुमार तिवारी ने क्लीनचिट दे दी है।

By Ravi MishraEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 10:35 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 10:35 PM (IST)
शाहजहांपुर के सांसद ने यूपी के इस अधिकारी की सीएम से की शिकायत, एसई ने दी क्लीनचिट
शाहजहांपुर के सांसद ने यूपी के इस अधिकारी की सीएम से की शिकायत, एसई ने दी क्लीनचिट

शाहजहांपुर, जेएनएन। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के अधिशासी अभियंता (एक्सईएन) ओपी वर्मा को विभाग के अधीक्षण अभियंता (एसई) देवेश कुमार तिवारी ने क्लीनचिट दे दी है। मुख्य अभियंता के माध्यम से शासन को भेजी अपनी जांच रिपोर्ट में उन्होंने सांसद अरुण सागर की ओर से लगे आरोपों को गलत बताते हुए एक्सईएन की कार्यप्रणाली को प्रथम दृष्टया निष्पक्ष व पारदर्शी बताया है। वहीं सांसद ने इस बारे में कोई भी जानकारी होने से इन्कार करते हुए मुख्यमंत्री से दोबारा इस संबंध में मिलने की बात कही है।

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सांसद अरुण सागर ने पिछले दिनों पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन ओपी वर्मा की मुख्यमंत्री से शिकायत की थी, जिसमें उन्होंने एक्सईएन पर ई टेंडरिंग की पूलिंग कराने समेत अन्य गड़बड़ियों के आरोप लागते हुए जिले में दोबारा तैनाती पर भी सवाल उठाए थे। हालांकि सांसद के पत्र पर भाजपा के तिलहर, कटरा, पुवायां व ददरौल के विधायकों ने एक्सईएन के पक्ष में मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था, जिसमें उन्हें पूरी तरह से ईमानदार बताया था।

दैनिक जागरण ने इस खबर को 26 जून के अंक में सांसद ने एक्सईएन को बताया भ्रष्ट, विधायक बोले ईमानदार खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इस मामले में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने उच्चस्तरीय जांच कमेटी कर विभागीय जांच के लिए पत्र लिखा था, जिसके बाद प्रमुख सचिव व सचिव लोक निर्माण ने एक्सईएन को तलब कर उनका पक्ष जाना था। इस मामले में बरेली के अधीक्षण अभियंता देवेश कुमार तिवारी ने मुख्य अभियंता के माध्यम से शासन को अपनी जांच रिपोर्ट भेजी है, जिसमें उन्होंने एक्सईएन पर लगे आरोपों को गलत बताया है।

एसई ने दी यह रिपोर्ट

एसई ने मुख्य अभियंता को जो रिपोर्ट भेजी है उसमें एक्सईएन ओपी वर्मा के स्थानांतरण को शासन की स्थानांतरण नीति के तहत होना बताया है। अपनी रिपोर्ट में उन्होंने कहा है कि किसी भी कार्य के लिए प्राप्त निविदा की जांच करने के बाद ही ठेकेदारों को तकनीकी रूप से क्वालीफाइ या डिस्क्वालीफाइ किया जाता है, जिसकी सूचना विभागयी वेबसाइट पर अपलोड की जाती है। एसई ने एक्सईएन वर्मा के कार्यकाल में सभी निविदाओं की प्रक्रिया को पूरी तरह निष्पक्ष व पारदर्शी बताया है।

इसमें किसी तरह के अनियमितता न बताते हुए ई टेंडरिंग में नियमों की अनदेखी के आरोप को तथ्यहीन बताया है। निविदा आमंत्रण से लेकर उसके निस्तारण तक की प्रकिया को नियमानुसार होना लिखा है। एसई ने अपनी रिपोर्ट में एक्सईएन के निर्धारित प्रक्रिया के विपरीत भुगतान का कोई मामला संज्ञान में न आने बात भी कही है।

सांसद ने लगाए हैं ये आरोप

सांसद ने पत्र में एक्सईएन पर नियमों को अनदेखा कर ई टेंडरिंग में पूलिंग कराने, बिड क्वालीफाई में अनियमितता बरतने का आरोप लगाया है। कई कार्यों के भुगतान भी अन्य दूसरे कार्यों के लिए आवंटित धनराशि से करने की शिकायत करते हुए दोनों कार्यकाल की विभागीय जांच कराकर उनके खिलाफ कार्रवाई व स्थानांतरण की मांग की है। 


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