Gas Cylinder Fire: मंगलगीतों की जगह मातमी चीखों से गूंजने लगा आंगन, एक झटके में खो गईं सोनाक्षी की खुशियां
Gas Cylinder Fire विक्रमपुर गांव निवासी रामनिवास व उनके परिवार के अन्य सदस्य एक ही घर में संयुक्त परिवार की तरह रहते थे। करीब दस वर्ष पूर्व रामनिवास का निधन हो गया तो भाभी मुन्नी देवी व भतीजे ओमवीर ने परिवार को संभाला। गांव में परिवार की साख अच्छी है।
शाहजहांपुर, जागरण संवाददाता। मंडप लग चुका था। हाथों में मेहंंदी सजाए सोनाक्षी सहेलियों व बहनों से घिरी बैठी थी। आगे की रस्मों की तैयारी चल रही थी। बहुत दिन बाद सोनाक्षी के जीवन में खुशियों का मौका आया था। शादी को लेकर उसने भी काफी तैयारियां की थीं, लेकिन कुछ ही पल में सबकुछ बदल गया। कुछ देर पहले जिस घर में हंसी ठिठोली हो रही थी वहां क्रंदन सुनाई दे रहा था। जिस सोनाक्षी के चेहरे पर खुशी से दमक रहा था, वह रोते बिलखते हुए बदहवास हो चुकी थी।
विक्रमपुर गांव निवासी रामनिवास व उनके परिवार के अन्य सदस्य एक ही घर में संयुक्त परिवार की तरह रहते थे। करीब दस वर्ष पूर्व रामनिवास का निधन हो गया तो भाभी मुन्नी देवी व भतीजे ओमवीर ने परिवार को संभाला। गांव में परिवार की साख अच्छी है। इस बार चुनाव में रामनिवास की पत्नी गुड्डी देवी प्रधान बनीं। बेटी की शादी तय कर दी थी। पूरा परिवार तैयारियों में जुटा हुआ था। शनिवार को अधिकांश रिश्तेदार पहुंच चुके थे। घर में ढोलक पर बज रहे मंगलगीतों के साथ-साथ बीच-बीच में हंसी ठिठोली हो रही थी। तभी अचानक बाहर से चीख पुकार मची। कमरे में बैठी सोनाक्षी को समझ नहीं आया। बाहर आई तो वहां का दृश्य देख उसे गश ही आ गया। किसी तरह उसको साथ में मौजूद लोग बाहर लेकर आए। कुछ देर बाद सामान्य हुई तो अंदर फंसे लोगों के बारे में पूछने लगी। बार-बार अंदर जाने की जिद करने लगी। आग बुझने के बाद दादी, नानी व ममेरी बहनों की मृत्यु के बारे में पता चला तो खुद को कोसने लगी। उसे यकीन नहीं हो रहा था जो नानी व ममेरी बहनें उसकी शादी में शामिल होने आईं थीं। कुछ देर पहले जो दादी उसके पास बैठी थीं वे अब इस दुनिया में नहीं रहीं।
गांव में छाया मातम: शनिवार शाम हुई इस घटना के बाद विक्रमपुर गांव में मातम सा माहौल है। बड़ी संख्या में लोग देर रात तक गुड्डी देवी के घर के बाहर जमा थे। आसपास के गांवों से भी लोगों के पहुंचने का सिलसिला जारी था।