रुहेलखंड में नशे से बढ़ते युवाओं के दिल का दर्द देख बरेली के कार्डियाेलाॅजिस्ट बाेले- बात सिर्फ सिद्धार्थ शुक्ला पर खत्म नहीं हाेती
Bareilly cardiologist said the matter does not end only with Siddharth Shukla टेलीविजन की दुनिया में नामी चेहरा रहे अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला की हाल में हार्ट अटैक पड़ने से मौत हो गई। महज 40 साल की उम्र में जानलेवा दिल का दौरा पड़ना।
बरेली, दीपेंद्र प्रताप सिंह। Bareilly Cardiologist said the matter does not end only with Siddharth Shukla : टेलीविजन की दुनिया में नामी चेहरा रहे अभिनेता सिद्धार्थ शुक्ला की हाल में हार्ट अटैक पड़ने से मौत हो गई। महज 40 साल की उम्र में जानलेवा दिल का दौरा पड़ना आधुनिक युग में युवाओं की जीवनशैली पर कई सवाल खड़े कर रहा है। बात महज अभिनेता सिद्धार्थ तक जाकर खत्म नहीं होती है। रुहेलखंड में भी युवाओं का दिल अब ‘दर्द’ दे रहा है। इसकी वजह कोई और नहीं खुद युवा हैं।
श्री राममूर्ति स्मारक (एसआरएमएस) मेडिकल कालेज में प्रोफेसर और वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ (सीनियर कार्डियोलाजिस्ट) ने दो शोधार्थियों चारू पिपलानी और शशि सक्सेना के साथ कुछ समय पहले एक अध्ययन किया। इसमें पिछले साल जुलाई से दिसंबर महीने के बीच हृदय रोग संबंधी 200 केसों का अध्ययन किया। हैरानी की बात रही कि इसमें से 52 युवा हृदय संबंधी समस्याओं से परेशान थे। इन सभी की उम्र 20 से 40 साल के बीच थी। 50 युवा सिगरेट, शराब के लती थे। यह रिपोर्ट देश के प्रख्यात इंडियन जर्नल आफ क्लीनिकल प्रैक्टिस में भी प्रकाशित हुई है।
सिगरेट इस तरह करती है दिल का नुकसान
डा.दीप पंत बताते हैं कि सिगरेट हार्ट अटैक का सबसे बड़ा कारक है। तंबाकू में निकोटीन होता है। यह धीरे-धीरे हृदय की धमनी के अंदरूनी हिस्से को नुकसान पहुंचाती है। इस वजह से यहां कोलेस्ट्राल जमा होने लगता है और धीरे-धीरे धमनियों में ब्लाकेज हो जाते हैं। वहीं, एक दूसरी तरह निकोटीन की वजह से खून का थक्का जमने लगता है, जो धमनियों को ब्लाक कर देता है। इससे दिल का दौरा पड़ता और कई बार इंसान की मौत भी हो जाती है।
शराब भी करती हृदय की मांसपेशियां कमजोर
शराब के दिल पर असर के बारे में डा.पंत बताते हैं कि अल्कोहल का हार्ट अटैक से सीधे और तत्काल कोई असर नहीं डालता। लेकिन लगातार शराब पीने से अल्कोहल इंसान के हृदय की मांसपेशियों को धीरे-धीरे कमजोर कर देता है। जिससे दिल की खून पंप करने की क्षमता में कमी आती है और इससे भी हार्ट अटैक पड़ता है और मौत भी हो सकती है।
मानसिक तनाव और तैलीय पदार्थ से मामले भी खूब बढ़े
हार्ट अटैक या हार्ट फेल होने के कुछ और भी कारण हैं। इनमें अधिक तैलीय पदार्थ, जंक फूड का सेवन के अलावा अनियमित दिनचर्या और मानसिक तनाव भी सबसे अहम हैं। युवा उम्र में इसका असर भले ही नहीं समझ आता लेकिन 40 साल की उम्र पार करने के बाद धीरे-धीरे यह हृदय रोग के साथ कई दूसरी बीमारियों की वजह बनता है। इसके अलावा कुछ मामले वंशानुगत भी देखने को मिलते हैं। यानी, परिवार में माता-पिता किसी को हृदय रोग रहा हो।