Move to Jagran APP

बरेली में रामायण कान्क्लेव में खाली रहीं सीटें, दर्शक बने पुलिस कर्मी, जानिए क्या कह रहा पर्यटन और सांस्कृतिक विभाग

Ramayana Conclave in Bareilly पर्यटन और सांस्कृतिक विभाग की ओर से शहर में आयोजित हुए रामायण कांक्लेव का प्रचार-प्रसार ठीक से नहीं किया गया। इस कारण सभागार की कुर्सियां खाली रह गई। भगवान श्रीराम के जीवन से जुड़े प्रसंगों को देखने के लिए लोग आइएमए हाल नहीं पहुंचे।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sat, 23 Oct 2021 12:34 PM (IST)Updated: Sat, 23 Oct 2021 12:34 PM (IST)
बरेली में रामायण कान्क्लेव में खाली रहीं सीटें, दर्शक बने पुलिस कर्मी, जानिए क्या कह रहा पर्यटन और सांस्कृतिक विभाग
बरेली में पर्यटन और सांस्कृतिक विभाग की हुई किरकिरी, रामायण कान्क्लेव में खाली रहीं सीटें

बरेली, जेएनएन। Ramayana Conclave in Bareilly : पर्यटन और सांस्कृतिक विभाग की ओर से शहर में आयोजित हुए रामायण कांक्लेव का प्रचार-प्रसार ठीक से नहीं किया गया। इस कारण सभागार की कुर्सियां खाली रह गई। भगवान श्रीराम के जीवन से जुड़े प्रसंगों को देखने के लिए लोग आइएमए हाल नहीं पहुंचे। बावजूद इसके पर्यटन व सांस्कृतिक विभाग अपनी कमी मानने को तैयार नहीं है।

loksabha election banner

नब्बे के दशक में टीवी पर प्रसारित होने वाली रामायण को देखने के लिए सड़कें खाली हो जाया करती थी। बीते दिनों लाकडाउन के दौरान जब इसका दोबारा प्रसारण किया गया तो भी लोगों ने इसे खूब देखा। भक्ति, शक्ति, वचनबद्धता, त्याग आदि को समाहित करने वाले इस काव्य को हमेशा ही लोगों ने सराहा है। इधर, बीते दिनों शासन ने प्रदेश के 16 जिलों में रामायण कांक्लेव करने का फैसला लिया।

जिन 16 शहरों को चुना गया, उनमें बरेली भी एक है। यहां के धार्मिक, सांस्कृतिक महत्व और नाट्य प्रेमियों की संख्या को देखते हुए यह आयोजन शहर में किया गया। इसके आयोजन की जिम्मेदारी पर्यटन विभाग और सांस्कृतिक विभाग के हवाले कर दी। इन विभागों ने आयोजन का रत्ती भर भी प्रचार-प्रसार नहीं किया। नाट्य मंचन के लिए रंग विनायक रंग मंडल को आमंत्रित किया गया।

कलाकारों ने भरतनाट्यम की भी खूबसूरत प्रस्तुति दी, लेकिन इन्हें देखने वालों की भीड़ विभाग ने जुटा सका। गुरुवार को हुए आयोजन में आइएमए हाल पूरा खाली रहा। इस पर फरीदपुर विधायक प्रो. श्याम बिहारी लाल ने भी आपत्ति जताई थी। कार्यक्रम की शुरुआत ही एक घंटा देर से हुई। दोपहर तीन बजे महंत कमल नयन दास पहुंच गए, लेकिन घंटा भर तक इंतजार करने के कारण नाराज हुए। कई जनप्रतिनिधि कार्यक्रम में नहीं पहुंचे।

पहले ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को बनाया दर्शक

रामायण कान्क्लेव की शुरुआत में एक ऐसा वक्त भी था, जब दर्शक दीर्घा लगभग खाली पड़ी थी। जनप्रतिनिधियों के अलावा प्रशासनिक अधिकारी भी न पहुंचने की वजह से वीआइपी के साथ आने-जाने वाले लोग नहीं पहुंचे। तब पहले आयोजनकर्ताओं ने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को ही दर्शक बनाकर कान्क्लेव में बैठाया गया। हालांकि बाद में धीरे-धीरे दर्शक बढ़ने लगे। जिसके बाद महिला पुलिसकर्मी वापस ड्यूटी पर तैनात हुईं।

ढलती शाम में नृत्य से सुनाया राम का नाम

रामायण को शब्दों की जरूरत नहीं, ये ऐसा महाकाव्य है जो महज शारीरिक हावभाव के जरिए इंसानी मन-मस्तिष्क पर उतर जाता है। भरतनाट्यम के जरिए बरेली में पहली बार आयोजित रामायण कान्क्लेव में इसका नजारा भी दिखाई दिया। आयोजित समारोह में जैसे ही राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त विख्यात भरतनाट्यम कलाकार अर्जुन सिन्हा व सहयोगियों ने नृत्य मुद्राओं और अपनी भाव-भंगिमाओं के जरिए कान्क्लेव पर रामायण को सजीव कर दिया।

लखनऊ के संस्कृति विभाग व पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित समारोह के शुरुआती दौर में वैसे तो मुट्ठी भर लोग ही जमा थे, लेकिन आयोजन का असली रस शुरु होते ही दर्शकों की भीड़ बढ़ने लगी थी। देर शाम तक आइएमए हाल की अधिकांश कुर्सियां भर चुकी थीं और लोग नृत्य मुद्रा से दिखाई गई रामायण में सराबोर हो चुके थे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.