सच आएगा बाहर : शहला पर शिकंजा, प्रमुख सचिव करेंगे जांच Bareilly News
शहला ताहिर ने विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालय के लिए आई राशि में गड़बड़ी की है। पूरे शौचालय बनने के पहले ही इस मद में आई 41 लाख रुपये की राशि निकाल ली।
बरेली, जेएनएन : नवाबगंज नगर पालिका परिषद की अध्यक्ष शहला ताहिर पर शासन से शिकंजा कसता जा रहा है। वित्तीय अधिकार सीज करने के बाद अब शौचालय निर्माण में गड़बड़ी की भी जांच होगी। यह जांच खुद प्रमुख सचिव नगर विकास करेंगे। वह 21 अगस्त को नवाबगंज आएंगे। दस्तावेजों से लेकर मौके पर पड़ताल करेंगे।
भाजपा नेता नीरेंद्र राठौर ने शिकायत की थी कि शहला ताहिर ने विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालय के लिए आई राशि में गड़बड़ी की है। पूरे शौचालय बनने के पहले ही इस मद में आई 41 लाख रुपये की राशि निकाल ली। जबकि, उस समय सिर्फ 30-40 शौचालय की किस्त ही जारी हुई थी। शिकायत होने पर 116 फोटो अपलोड कर दिए और 31 शौचालयों का काम शुरू होना भी दिखा दिया था।
जो टकराया वह रुक न पाया
नवाबगंज नगर पालिका अध्यक्ष की दबंगई और मनमानी कार्यशैली का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीते आठ महीने में पांच अधिशासी अधिकारी आए, लेकिन कोई नहीं टिका। दो ने तो ज्वाइन नहीं किया। 31 दिसंबर 2018 को गुलशन सूरी के हटने के बाद विजयपाल की नियुक्ति हुई। शहला ने उन्हें ज्वाइन ही नहीं करने दिया। इसके बाद वंदना शर्मा की तैनाती हुई, लेकिन हालात पहले से पता चलने पर खुद ही ज्वाइन नहीं किया। फिर राजेश कुमार सक्सेना आए। दो-तीन दिन में ही इनकी तनातनी इतनी बढ़ी कि ईओ ने डीएम तक से शिकायत की। उन्हीं के कार्यकाल में डीएम ने पालिका अध्यक्ष के वित्तीय अधिकार सीज करने की संस्तुति शासन से की। राजेश ज्यादा दिन नहीं रुक सके। तब शासन से बलवीर सिंह नियुक्त हुए। दस दिन के कार्यकाल में ही शहला से जान का खतरा बताकर वह छुट्टी लेकर अपने घर चले गए।
अब एसडीएम चलाएंगे पालिका
जानकारों का कहना है कि वित्तीय अधिकार सीज होने के बाद विकास कार्यो में किस तरह की कोई परेशानी न हो। इसके लिए एसडीएम और अधिशासी अधिकारी की देखरेख में काम होगा।
पालिकाध्यक्ष शहला ताहिर जा सकती हैं हाईकोर्ट
वित्तीय अधिकार सीज होने के बाद अब शहला ताहिर कोर्ट की शरण में जाएंगी। बताया जा रहा है कि शहला ताहिर मंगलवार को हाईकोर्ट में वित्तीय अधिकार सीज करने के फैसले के विरोध में याचिका दायर कर सकती हैं।
एसडीएम ने कब्जे में लिए दस्तावेज
चेयरमैन शहला ताहिर के वित्तीय अधिकार सीज होने के बाद प्रशासन ने नगर पालिका परिषद के दस्तावेज अपने कब्जे में लेना शुरू कर दिया है। सोमवार को एसडीएम कमलेश कुमार ईओ बलवीर सिंह, सीओ पीतमपाल पुलिस बल के साथ नपा कार्यालय पहुंचे। एसडीएम ने वहां मौजूद क्लर्क रघुवर सिंह से पालिका के अभिलेख तलब किए। इस पर क्लर्क सिर्फ उपस्थिति पंजिका और कुछ दस्तावेज दिखा सके। दूसरे अभिलेख मांगने पर लिपिक ने बताया कि दूसरे सभी अभिलेख मुहम्मद अरशद के पास हैं।
एसडीएम के निर्देश पर ईओ ने मोहम्मद अरशद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। मुहम्मद अरशद एसडीएम के आवास पर अपनी सफाई देने पहुंचा तो पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। इसके बाद पुलिस उसे लेकर उसके घर पहुंची और सभी दस्तावेजों को कब्जे में ले लिया। पार्षदों से पूछताछ करके फाइलों का भी मिलान किया जा रहा है। इसके पहले तत्कालीन ईओ राजेश सक्सेना ने डीएम से शिकायत की थी कि मोहम्मद अरशद ज्यादातर फाइलों को अपने पास रखता है। उन्होंने उन फाइलों को दिलाने के लिए अध्यक्षा शहला ताहिर से भी कहा था। इसके बाद भी फाइलें मोहम्मद अरशद ने नहीं दी थी।
निलंबित सफाई कर्मियों को ईओ ने किया बहाल
नवाबगंज नगर पालिका अध्यक्ष शहला ताहिर के अधिकार सीज होते ही प्रशासन ने उनके लिए फैसले पलटना शुरू कर दिया। अधिशासी अधिकारी बलवीर सिंह ने निलंबित चल रहे सफाई कर्मियों को बहाल कर दिया। इन्हें 15 दिन पहले अध्यक्ष ने निलंबित किया था। इसी के विरोध में यह कर्मचारी हड़ताल कर धरना प्रदर्शन कर रहे थे।
सफाई कर्मियों के बयान दर्ज
पुलिस ने भी उस प्रकरण की जांच शुरू कर दी है, जिसमें शहला ताहिर के पति मोहम्मद ताहिर पर सफाई कर्मचारियों ने मारपीट का आरोप लगाया था। सोमवार को सीओ पीतमपाल सिंह ने पालिका कार्यालय पहुंच सफाई कर्मचारियों के बयान दर्ज किए।
डीएम के निर्देश न मानना पड़ा भारी
डीएम ने अध्यक्ष को वेतन बांटने के निर्देश दिए थे। निर्देश न माने जाने पर ही शहला के वित्तीय अधिकार सीज किए जाने की शासन में संस्तुति भेजी थी।
कई मामलों में चल रही जांच
- शहला ताहिर के खिलाफ पहले से ही जिले में कई मामलों में जांच चल रही है।
- बिना अधिशासी अधिकारी के हस्ताक्षर के 47 लाख रुपये निकालना
- शौचालय निर्माण में गड़बड़ी की जांच एडीएम प्रशासन कर रहे हैं
- बिना मंजूरी के प्रस्ताव पास कराने की पार्षदों की शिकायत के बाद कमिश्नर ने डीएम को प्रकरण भेजा
- कथित लिपिक मुहम्मद अरशद की फर्जी नियुक्ति का भी आरोप है।