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कोरोना काल में 25 फीसद कोर्स कम कर चुके सीबीएसई बोर्ड को स्कूलों ने दिया सुझाव, बोले- कम न करें सिलेबस

कोविड-19 की वजह से सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) जुलाई में 25 फीसद सिलेबस कम कर चुका है। अब बोर्ड ने सभी सिटी कोआर्डिनेटर के जरिए स्कूलों से और सिलेबस कम करने बोर्ड प्रैक्टिकल और एग्जाम शुरू कराने सहित 11 बिंदुओं पर सुझाव मांगे हैं।

By Ravi MishraEdited By: Published: Sat, 10 Oct 2020 09:19 PM (IST)Updated: Sat, 10 Oct 2020 09:19 PM (IST)
कोरोना काल में 25 फीसद कोर्स कम कर चुके सीबीएसई बोर्ड को स्कूलों ने दिया सुझाव, बोले- कम न करें सिलेबस
कोरोना काल में 25 फीसद कोर्स कम कर चुके सीबीएसई बोर्ड को स्कूलों ने दिया सुझाव

बरेली, जेएनएन। कोविड-19 की वजह से सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) जुलाई में 25 फीसद सिलेबस कम कर चुका है। अब बोर्ड ने सभी सिटी कोआर्डिनेटर के जरिए स्कूलों से और सिलेबस कम करने, बोर्ड प्रैक्टिकल और एग्जाम शुरू कराने सहित 11 बिंदुओं पर सुझाव मांगे हैं। शनिवार को इस मामले में सिटी कोआर्डिनेटर ने बरेली के सभी सीबीएसई स्कूलों के प्रिंसिपल के साथ ऑनलाइन मीटिंग कर सुझाव मांगे। सिटी कोआर्डिनेटर वीके मिश्रा के मुताबिक सभी स्कूलों का कहना है कि जो सिलेबस कम हो चुका है। वह स्कूलों में पढ़ाया गया है। अब और कम करने की जरूरत नहीं है। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिहाज से सिलेबस कम करना सही नहीं है। अब यह सभी सुझाव 12 अक्टूबर को बोर्ड को भेजे जाएंगे।

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ये आए सुझाव

अब सिलेबस कम करने की जरूरत नहीं है।

कक्षा 9 से 12 तक में 77 से 80 फीसद कोर्स ऑनलाइन पढ़ाया जा चुका है।

70 से 75 फीसद छात्र-छात्राएं ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं।

रेगुलर स्कूल खोलने में समय तय करके शारीरिक दूरी के अनुसार कक्षाएं चलाई जा सकती हैं।

कोविड की गाइड लाइन का पालन कर 15 जनवरी से 15 फरवरी के बीच प्रैक्टिकल एग्जाम कराए जा सकते हैं।

मार्च के पहले सप्ताह से बोर्ड परीक्षाएं कराई जा सकती हैं। हर विषय की परीक्षा में अंतराल जरूरी है।

अब तक स्कूलों में दो असेसमेंट हो चुके हैं।

ऑनलाइन टेस्ट में छात्र-छात्राएं 75 से 80 फीसद अंक पा रहे हैं।

कोविड-19 की वजह से सीबीएसई सहित सभी बोर्ड ने कुछ सिलेबस कम किया है। लेकिन 12वीं के छात्र-छात्राओं के लिए इसे कम करना मेरे हिसाब से ठीक नहीं है। इससे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी पर फर्क पड़ सकता है। सिलेबस से पूरे पाठ की जगह बिना महत्वपूर्ण भाग हटाए जाने चाहिए। डॉ. आरती गुप्ता, अभिभावक

जिस तरह की परिस्थितियां चल रही हैं, उस आधार पर सिलेबस कम किया जाना ठीक है। अंकों से ज्यादा बच्चों की नॉलेज जरूरी है।प्रवेश उपाध्याय, अभिभावक

बोर्ड ने कोविड की वजह से सभी विषयों में कुछ टॉपिक हटाए हैं। जिससे बच्चों पर ज्यादा दबाव न पड़े। छात्रों की जानकारी के लिए स्कूल में वह पढ़ाया भी गया है।अर्नव नरूला, छात्र 11वीं क्लास

सिलेबस पूरा होना चाहिए। इसकी तैयारी बच्चों पर है। ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन की सुविधा मिल रही है। इसलिए पूरा सिलेबस पढ़ना चाहिए। इस बार कुछ के टॉपिक और कुछ विषय में चैप्टर हटाए गए हैं। मैं प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए पूरा पढ़ रही हूं।आद्या अग्रवाल, छात्रा 11वीं क्लास 


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