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छात्रवृत्ति घोटाला : बदायूं में बॉब का बैंक मित्र गिरफ्तार, 64 लाख की हेराफेरी कुबूली

बदायूं में बैंक ऑफ बड़ौदा (बॉब) के ग्राहक सेवा केंद्र में जितना सोच रहे थे कि उससे कई गुना अधिक घोटाला हुआ था।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Jul 2018 01:01 PM (IST)Updated: Tue, 03 Jul 2018 01:01 PM (IST)
छात्रवृत्ति घोटाला : बदायूं में बॉब का बैंक मित्र गिरफ्तार, 64 लाख की हेराफेरी कुबूली
छात्रवृत्ति घोटाला : बदायूं में बॉब का बैंक मित्र गिरफ्तार, 64 लाख की हेराफेरी कुबूली

बरेली (जेएनएन)। बैंक ऑफ बड़ौदा (बॉब) के ग्राहक सेवा केंद्र में जितना सोच रहे थे कि उससे कई गुना अधिक घोटाला हुआ था। बॉब की वजीरगंज ब्रांच के मैनेजर और बैंक मित्र ने जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की मिलीभगत से फर्जी एटीएम बनाकर छात्रवृत्ति का 64 लाख रुपया डकार लिया। यह खुलासा बैंक मित्र सुहेल ने सोमवार को गिरफ्तारी के बाद किया। पुलिस पूछताछ में उसने घोटाले की सभी परतें खोलीं। पूरे खेल में बैंक मैनेजर, जिला अल्पसंख्यक अधिकारी को भी संलिप्त बताया। अलबत्ता, खुलासे के बाद से बॉब प्रबंधन पर भी सवालिया निशान लग गया है क्योंकि मैनेजर के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय उसने अपनी जांच में महज 87 हजार का ही घपला बताया था।

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बॉब के सैदपुर स्थित ग्राहक सेवा केंद्र के बैंक मित्र खालिद उर्फ सुहेल ने वजीरगंज ब्रांच मैनेजर की साठगांठ से सैकड़ों खाताधारकों के फर्जी एटीएम जारी करवाकर उनके खातों से रकम निकाल ली थी। 'दैनिक जागरण' ने मामले का खुलासा किया तो बैंक प्रबंधन के साथ प्रशासन भी सकते में आ गया था। दरअसल, बैंक मित्र और मैनेजर के गठजोड़ ने एटीएम जारी करते वक्त खुद का मोबाइल नंबर लिंक कर लिया था, ताकि किसी भी खाताधारक को जालसाजी की भनक न लग सके। फर्जीवाड़े की पोल खुली तो आरोपित मैनेजर व बैंक प्रबंधन इस मामले को दबाने में जुट गया। उधर, जागरण लगातार परत दर परत घपले को उजागर करता रहा जिस पर पुलिस ने बैंक मैनेजर एंटनी एमरोन, बैंक मित्र खालिद व उसके सहयोगी तालिब के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। बैंक की साख पर बनी तो प्रबंधन ने भी दिखावे के नाम पर जांच शुरू की। हालांकि, तब महज 87 हजार की हेराफेरी दिखाई गई। जबकि पुलिस ने आरोपित खालिद के सहयोगी तालिब को गिरफ्तार कर उससे 55 एटीएम बरामद कर बहुत बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा होने का दावा किया। इतना ही नहीं, तफ्तीश में गाजीपुर स्थानांतरित हुए तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी जहीर अब्बास के अलावा विभाग में तैनात संविदा कर्मी दीपक अग्रवाल की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई। इन सभी ने केंद्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय की योजना के तहत छात्रवृत्ति की रकम पात्र लाभार्थियों के खातों में न भेजकर सैदपुर के लोगों के खातों में डालकर बंदरबांट कर लिया। धोखाधड़ी में गाजीपुर के एक विद्यालय का नाम भी उजागर हुआ है। पुलिस ने सोमवार को फरार चल रहे बैंक मित्र खालिद को सैदपुर से गिरफ्तार कर लिया।

-योजना के जरिये की गोलमाल : आरोपित बैंक मित्र ने बताया कि ग्राहक सेवा केंद्र में संचालित 2077 खातों में से 430 खातों को चिह्नित कर योजना के तहत 64 लाख से अधिक की सरकारी धनराशि मंगाकर फर्जी तरीके से जारी किए गए एटीएम के जरिये निकाली थीं। निकाली गई रकम का 70 फीसदी हिस्सा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारी व बैंक मैनेजर को जाता था। जबकि 20 फीसदी रकम उसे व 10 फीसदी उसके सहयोगी तालिब को मिलती थी।

-बैंक मैनेजर व तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी की गिरफ्तारी के प्रयास तेज : बैंक घोटाले में आरोपित बैंक मित्र को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसने 64 लाख रुपये घपले की बात स्वीकार भी की है। उसने घपले में किसकी कितनी हिस्सेदारी थी, उसे भी बताया है। आरोपित बैंक मैनेजर व जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। - आकाश कुमार, एसओ वजीरगंज


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