सीएम को दिखाई रिश्वत की सीडी, लेखपाल पर मुकदमा
आखिरकार भ्रष्टाचारी लेखपाल पर सात महीने बाद कानून का चाबुक चल ही गया। 21 दिसंबर को यह वीडियो वायरल हुआ था।
जेएनएन, बरेली। आखिरकार भ्रष्टाचारी लेखपाल पर सात महीने बाद कानून का चाबुक चल ही गया। 21 दिसंबर 2017 को वायरल हुए लेखपाल के रिश्वतखोरी वाले वीडियो को सियासी रसूख के चलते अधिकारियों ने भले ही क्लीन चिट दे दी हो। लेकिन पीड़ित लेखपाल की करतूत वाली सीडी लेकर मुख्यमंत्री के जनता दरबार में पेश हो गया। तब जाकर बुधवार को शासन के निर्देश पर लेखपाल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई है।
मामला बदायूं जिले के गूरा बरैला इलाके का है। यहां रहने वाले गयादीन पुत्र कैलाश ने पिछले साल 21 दिसंबर को लेखपाल नेत्रपाल के खिलाफ डीएम को रिश्वत लेने का शिकायती पत्र दिया था। पत्र में कहा गया था कि लेखपाल ने प्लाट की पैमाइश के बदले उससे रिश्वत में तीस हजार रुपये मांगे। एक हजार रुपये एडवांस ले भी लिए। गयादीन ने लेखपाल को रुपये देते समय वीडियो भी बना लिया। बाद में यही वीडियो सोशल साइट्स पर वायरल हुआ तो मामला मीडिया ने भी उछाला। आनन-फानन में तत्कालीन तहसीलदार ने लेखपाल की जांच की, लेकिन वीडियो उधारी के लेनदेन का बताते हुए लेखपाल को दूध का धुला साबित कर दिया।
--जिले के अधिकारी मान चुके थे बेगुनाह : लेखपाल पर कार्रवाई को लेकर पीड़ित इतना दृढ़ नहीं होता और मामले को जनता दरबार तक नहीं ले जाता तो लेखपाल पर कोई कार्रवाई नहीं होती। क्योंकि जिले के आला अधिकारी लेखपाल को बेगुनाह मान चुके थे। गयादीन ने बताया कि लेखपाल पर कार्रवाई में भले ही देरी लग गई, लेकिन उसकी मेहनत रंग लाई और सच सामने आ गया। वह भूखा-प्यासा अधिकारियों की परिक्रमा करता रहा, लेकिन उसकी एक न सुनी गई। हजारों रुपये किराए भाड़े में खर्च कर दिए थे।
--पीड़ित से मांगी गई वीडियो, जांच शुरू : प्रभारी इंचार्ज अनिल कुमार राना ने बताया कि शिकायतकर्ता की तहरीर पर लेखपाल के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत अभियोग पंजीकृत किया गया है। पीड़ित द्वारा बनाई गई वीडियो उससे मांगी है। वीडियो मिलते ही पुलिस जांच शुरू कर देगी।