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Terror Funding : CJM कोर्ट ने पेशी से पहले आरोपित सदाकत बोला- मैं बेकसूर हूं Bareilly News

सीजेएम कोर्ट ने ठगी मामले में सुनवाई करते हुए टेरर फंडिंग में आरोपित सदाकत की 14 दिन की न्यायिक हिरासत और बढ़ा दी। अब 16 नवंबर को इस मामले की फिर से सुनवाई होगी।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Fri, 01 Nov 2019 10:47 PM (IST)Updated: Sun, 03 Nov 2019 05:23 PM (IST)
Terror Funding : CJM कोर्ट ने पेशी से पहले आरोपित सदाकत बोला-  मैं बेकसूर हूं Bareilly News
Terror Funding : CJM कोर्ट ने पेशी से पहले आरोपित सदाकत बोला- मैं बेकसूर हूं Bareilly News

जेएनएन, बरेली : टेरर फंडिंग मामले में आरोपित सदाकत शनिवार को ठगी के मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) की कोर्ट में पेश हुआ। सीजेएम ने मामले की सुनवाई करते हुए 14 दिन की न्यायिक हिरासत और बढ़ा दी। अब 16 नवंबर को इस मामले की फिर से सुनवाई होगी। वहीं, पेशी से पहले सदाकत ने मीडिया से बात करते हुए खुद को बेकसूर बताया। बोला- टेरर फंडिंग में नाम आने पर दो बार हार्ट अटैक पड़ चुका है। 

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विगत 11 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में टेरर फंडिंग के आरोप में बरेली के सलीम सलमानी सहित चार लोग पकड़े गए थे। इन चारों ने बरेली के सदाकत, फहीम और सिराजुद्दीन को टेरर फंडिंग का सरगना बताया था। इसके बाद से एटीएस तीनों की तलाश कर रही थी। सिराजुद्दीन और फहीम को तो एटीएस ने बरेली से गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन सदाकत ने एटीएस को चकमा देकर नौ साल पुराने ठगी के मामले में जमानत कटवाई और उसी केस में जेल चला गया। उसी मामले में उसकी बरेली के सीजेएम कोर्ट में पेशी हुई। सुनवाई करते हुए सीजेएम ने सदाकत की न्यायिक हिरासत 14 दिन के लिए और बढ़ा दी। इसके बाद पुलिस उसे लेकर जिला जेल चली गई। सदाकत के कोर्ट आने की जानकारी पर उसके परिजन व अन्य लोग मिलने पहुंचे थे। टेरर फंडिंग से नाम जुडऩे के चलते लोग उसे देखना चाहते थे। 

बोला- जेल न जाता तो फंसा देती पुलिस

पेशी से पहले सदाकत ने बताया कि अगर वह पुलिस के हत्थे चढ़ जाता तो वे टेरर फंडिंग की रिकवरी दिखाकर उसे फंसा देते। उसने बताया कि वह लखीमपुर खीरी कोर्ट में ही सरेंडर करना चाहता था। उसने वहां अर्जी भी लगाई थी, लेकिन पुलिस और एटीएस ने उसे अदालत के बाहर पकडऩे के लिए जाल बिछाया था। इसके चलते वह बरेली की कोर्ट से ही जेल चला गया। 

नाम आने पर तनाव में दो बार पड़ा हार्ट अटैक

सदाकत पेशी पर जाते वक्त मीडिया को सामने देख अपनी बात कहने को लपक पड़ा। खुद को बेकसूर बताकर कई तर्क गिना दिए। कहा कि तनाव में आकर दो बार हार्ट अटैक पड़ चुका है। पहली बार नाम आने पर,दूसरी बार जेल में। बोला मेरा टेरर फंडिंग से कोई लेना देना नहीं है। सिराजुद्दीन व फहीम ही नेपाल जाते थे। फहीम उसका नहीं बल्कि सिराजुद्दीन का ड्राइवर था। सिराजुद्दीन से फहीम ने बहन की शादी के लिए डेढ़ लाख रुपये लिए थे, वह पैसे चुकाने के लिये ही उसकी ड्राइवरी करता था। सिराजुद्दीन भट्ठे के काम में उसका पार्टनर था। उसने कई बार माल भिजवाया था, जिसका 37 लाख रुपये दबा लिया था और दे नहीं रहा था। इसका उसने मुकदमा भी दर्ज कराया था। एक साल से सिराजुद्दीन से बोलचाल नहीं है।

मेरा एक-एक पैसा मेहनत का

जल्द धनवान बनने का सवाल पर कहा कि पहले चप्पल की कारीगरी की। फिर जरदोजी का काम किया। एक एक पैसा जोड़ के उसने भट्ठे का व्यापार शुरू किया था।

जीजा के चक्कर में फंसा समीर सलमानी

टेरर फंडिंग में पकड़े गए समीर सलमानी के बारे में सदाकत ने बताया कि वह उसकी बिरादरी का ही है। समीर लखीमपुर खीरी निवासी अपने जीजा के चक्कर में इस काम में फंस गया।

विदेशी ही नहीं कई आइपीएस और नेता भी मित्र हैं

टेरर फंडिंग में पकड़े गए लोगों के नेपाल लिंक के बारे में बोला, पांचवीं पास हूं, बच्चा नहीं। उन्हीं के बीच रहता हूं तो जानकारी होनी थी। फेसबुक चलाना जानता हूं। नाइजीरियन और विदेशी ही नहीं फेसबुक पर मेरे तो कई आइपीएस और नेता भी मित्र हैं।


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