Urban Land Policy : रुविवि के प्रोफेसर का पीएम और सीएम को सुझाव, बंजर भूमि पर टाउनशिप से मिल सकेगा रोजगार
अर्बन लैंड पॉलिसी में बदलाव करते हुए बंजर भूमि पर टाउनशिप बनाने और गांव में छोटे लघु उद्योगों को शुरू करने का प्लान तैयार करने का सुझाव प्रमुख है।
बरेली, जेएनएन। हजारों प्रवासी मजदूर रोजगार के लिए गांव-घर लौट रहे। अब उन्हें रोजगार मुहैया कराना भी सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। ऐसे में रुहेलखंड विश्वविद्यालय के माइक्रो बायोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष और डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. एके जेटली ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को लॉकडाउन के बाद आर्थिक व्यवस्था में सुधार के लिए सुझाव दिए हैं।
जिसमें अर्बन लैंड पॉलिसी में बदलाव करते हुए बंजर भूमि पर टाउनशिप बनाने और गांव में छोटे लघु उद्योगों को शुरू करने का प्लान तैयार करने का सुझाव प्रमुख है। इससे गांव लौट रहे प्रवासी मजदूरों को रोजगार मिलेगा। साथ ही गांव की आर्थिक उन्नति होगी।
प्रो. जेटली ने बताया कि हर साल शहर तीन से चार किलोमीटर अपनी चारो दिशाओं में बढ़ जाता है। सारी खेती की जमीन इसमें उपयोग में लाई जाती है। अगर हम इसकी जगह बंजर भूमि पर टाउनशिप बनाएं तो गांव के लोगों को रोजगार मिलेगा। आर्थिक सुधार भी होगा। किसान भी अपनी उपज इसी टाउनशिप के लोगों को सीधे बेचकर मुनाफा काम सकेंगे।
ये हैं सुझाव :
-किसानों के साथ-साथ दूसरे राज्यों से लौट रहे मजदूरों को छोटो उद्योगों को विकसित करने के लिए आइटीआइ ट्रेनिंग देना
-प्रवासी मजदूरों के हुनर को निखारने के लिए स्किल डवलपमेंट प्रोग्राम शुरू करना।
-गांव में छोटे लघु उद्योगों की शुरुआत।
-अर्बन लैंड पालिसी के तहत शहर बढ़ाने के लिए खेती की जमीन की जगह बंजर जमीन पर 10 गांव के बीच 30 किलोमीटर के शहर में टाउनशिप बनाना, जिससे मजदूरों को वहीं रोजगार मिल सके।