सरकारी अस्पतालों में पिलाई जाएगी रोटा वायरस की खुराक
टीकाकरण अभियान में रोटा वायरस वैक्सीन को भी शामिल किया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, बरेली: डायरिया से बच्चों में होने वाली मौत की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य महकमा अपने टीकाकरण अभियान में रोटा वायरस वैक्सीन को भी शामिल करने जा रहा है। जुलाई से यह खुराक सरकारी अस्पतालों में भी निश्शुल्क पिलाई जाएगी। वैक्सीन रोटा वायरस के कारण होने वाले गंभीर दस्त से बच्चे की सुरक्षा करेगी। बच्चे को रोटा वायरस वैक्सीन की खुराक के बाद अन्य कारणों से दस्त हो सकते हैं। क्या है रोटावायरस
रोटावायरस एक अत्यधिक संक्रामक वायरस है। यह वच्चों में दस्त पैदा करने का सबसे बड़ा कारण है जिसके कारण बच्चे को अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ सकता है। संक्रमण अधिक होने पर बच्चे कि मृत्यु भी हो सकती है। रोटावायरस के लक्षण
रोटावायरस संक्त्रमण की शुरुआत हल्के दस्त से होती है, जो आगे जाकर गंभीर रूप ले सकता है। सही इलाज न मिलने के कारण शरीर में पानी व नमक की कमी हो सकती है। इसमें बुखार और उल्टियां भी होती हैं। कभी-कभी पेट में दर्द भी होता है। इसके लक्षण लगभग तीन से सात दिनों तक रहते हैं। क्या कहते हैं आकड़े
भारत में बच्चों की होने वाली कुल मौतों में से सबसे अधिक मौतें डायरिया के कारण होती हैं। आकड़ों के अनुसार भारत में 5 वर्ष तक के बच्चों में दस प्रतिशत मौतें डायरिया के कारण होती हैं। देश में जो बच्चे दस्त के कारण अस्पताल में भर्ती होते हैं उनमें से 40 प्रतिशत बच्चे रोटा वायरस संक्त्रमण से ग्रसित होते हैं। टीकाकरण अभियान में होगा शामिल
स्वास्थ्य विभाग के टीकाकरण अभियान में अब तक बच्चों को नौ प्रकार की बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण किया जाता था। अब तक रोटा वायरस वैक्सीन टीकाकरण अभियान में शामिल नहीं थी। अब जुलाई से सरकारी अभियान में रोटा वायरस की खुराक भी बच्चों को पिलाई जाएगी। वर्जन
पैदा हुए से पांच वर्ष तक के बच्चो में डायरिया के कारण होने वाली मौतों को रोकने के लिए रोटा वायरस वैक्सीन अब सरकारी अस्पतालों में भी पिलाई जाएगी। इस वैक्सीन को नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल किया जा रहा है। रोटा वायरस वैक्सीन की पाच बूंदे जन्म के 6, 10 और 14 हफ्ते की आयु पर पिलाई जाएंगी।
डॉ. विनीत कुमार शुक्ल, सीएमओ