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UP Lok Sabha Election Results 2019: चुनाव में मतदाताओं के दो अलग मिजाज का गवाह बना रुहेलखंड

बरेली और मुरादाबाद मंडल रुहेलखंड के अंतर्गत आते हैं। बरेली मंडल में पीएम मोदी का मैजिक सिर चढ़कर बोला तो मुरादाबाद मंडल में साइकिल-हाथी की जुगलबंदी कमाल दिखा गई।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Mon, 27 May 2019 11:58 AM (IST)Updated: Mon, 27 May 2019 11:58 AM (IST)
UP Lok Sabha Election Results 2019: चुनाव में मतदाताओं के दो अलग मिजाज का गवाह बना रुहेलखंड
UP Lok Sabha Election Results 2019: चुनाव में मतदाताओं के दो अलग मिजाज का गवाह बना रुहेलखंड

बरेली, जेएनएन। बरेली और मुरादाबाद मंडल रुहेलखंड के अंतर्गत आते हैं। कानून व्यवस्था और शिक्षा के नक्शे पर एक-दूसरे जुड़े हुए हैैं। बरेली में बैठने वाले एडीजी जोन और एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय का क्षेत्र बिजनौर तक है। भाषा रहन-सहन और जीने का अंदाज भी एक जैसा है। दोनों की धरती अपने सीने में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान से जुड़े अनगिनत किस्से समेटे है। इतनी तमाम समानता के बाद दोनों मंडलों में चुनाव का अलग ट्रेंड सामने आया। बरेली मंडल में पीएम मोदी का मैजिक सिर चढ़कर बोला तो मुरादाबाद मंडल में साइकिल-हाथी की जुगलबंदी कमाल दिखा गई। इससे राजनीतिक समीक्षक और तीनों पार्टियों के बड़े पदाधिकारी भी हैरान हैं कि दोनों मंडलों के नतीजे इतने जुदा क्यों रहे? प्रमुख दलों में इन नतीजों को लेकर मंथन हो रहा है।
दोनों मंडलों में लोकसभा की 11 सीट हैं। बरेली मंडल में पांच जबकि मुरादाबाद में छह सीट हैं। बरेली के चुनावी नतीजे की बात करें तो भाजपा ने सभी सीटों पर कब्जा जमाया है। बरेली से लेकर आंवला, शाहजहांपुर, पीलीभीत और बदायूं सीट पर कमल खिला है। पिछले चुनाव में जब हर तरफ मोदी-मोदी की गूंज सुनाई दे रही थी, तब सपा बदायूं सीट बचाने में कामयाब रही थी। भाजपा ने इस बार यह सीट भी उससे छीन ली। इससे इतर मुरादाबाद मंडल की सभी छह सीट सपा-बसपा गठबंधन के खाते में चली गईं। रामपुर से लेकर मुरादाबाद, संभल, अमरोहा, बिजनौर और नगीना में हाथी-साइकिल के मेल से कमल मुरझा गया। नतीजों से स्पष्ट हुआ कि बरेली मंडल में गठबंधन के बावजूद सपा-बसपा का वोट भाजपा उम्मीदवारों के खाते में चला गया, जबकि मुरादाबाद मंडल में गठबंधन का वोट उसके उम्मीदवारों को ट्रांसफर हुआ है। यही वजह है कि वहां कि छह सीट गठबंधन ने जीत ली। बरेली मंडल में पांचों सीट गवाना पड़ गईं। ये आंकड़ें खुद सपा और बसपा नेताओं के लिए चौंकाने वाले हैैं। इस पर मंथन भी किया जा रहा है। वजह तलाशी जा रही है कि जब मुरादाबाद मंडल में सपा-बसपा उम्मीदवारों को एक-दूसरे का वोट मिला तो फिर बरेली में ऐसा क्यों नहीं हुआ? दोनों दलों के बड़े पदाधिकारी बात करने पर कई कारण तो गिनाते हैं लेकिन सटीक उत्तर फिलहाल उनके पास नहीं हैैं। उसके लिए समीक्षा बैठकों का इंतजार हो रहा है।

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किसने क्या कहा
दोनों दलों के बीच चुनाव से पहले समझौता तो हो गया लेकिन भाईचारे का संदेश निचले स्तर तक नहीं पहुंच पाया। यही वजह रही कि बरेली मंडल में एक दल का वोट दूसरे दल के प्रत्याशी को पूरी तरह ट्रांसफर नहीं हुआ। मुरादाबाद मंडल में वोट ट्रांसफर हुआ तो हम जीत गए।
संजीव सागर, मंडल जोन कोआर्डिनेटर

-भाजपा नेता बरेली मंडल में मतदाताओं के बीच ध्रुवीकरण करने में कामयाब हो गए। चुनाव को सांप्रदायिक बना दिया, जिससे गठबंधन का कुछ वोट उनकी तरफ चला गया। मुरादाबाद में भाजपा ऐसा कर नहीं पाई, जिससे वहां उसे हार का सामना करना पड़ा।
अताउर्रहमान, प्रदेश प्रवक्ता सपा

कहां से कौन बना सांसद
बरेली मंडल

संतोष गंगवार - बरेली
धर्मेंद्र कश्यप - आंवला
डॉ. संघमित्रा मौर्य - बदायूं
वरुण गांधी - पीलीभीत
अरुण सागर - शाहजहांपुर

मुरादाबाद मंडल
एचटी हसन - मुरादाबाद
मुहम्मद आजम खां - रामपुर
शफीकुर्रहमान बर्क - सम्भल
कुंवर दानिश अली - अमरोहा
मलूक नागर - बिजनौर
गिरीश चंद्र - नगीना  

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