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Botanical Garden : बरेली के बांस को सहेजेगा रुहेलखंड विश्वविद्यालय, मिलेंगी कई प्रजा‍‍तियां Bareilly News

उलटे बांस बरेली... अपने शहर के लिए मशहूर ये कहावत तो आपने जरूर सुनी होगी। अब इसे सहेजने का काम रुहेलखंड विश्वविद्यालय करेगा। कुलपति प्रो. अनिल शुक्ला ने प्लांट साइंस विभाग के शिक्षकों को इसकी जिम्मेदारी दी है।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Wed, 18 Dec 2019 04:03 PM (IST)Updated: Wed, 18 Dec 2019 05:47 PM (IST)
Botanical Garden : बरेली के बांस को सहेजेगा रुहेलखंड विश्वविद्यालय, मिलेंगी कई प्रजा‍‍तियां Bareilly News
Botanical Garden : बरेली के बांस को सहेजेगा रुहेलखंड विश्वविद्यालय, मिलेंगी कई प्रजा‍‍तियां Bareilly News

 जेएनएन, बरेली : उलटे बांस बरेली... अपने शहर के लिए मशहूर ये कहावत तो आपने जरूर सुनी होगी। अब इसे सहेजने का काम रुहेलखंड विश्वविद्यालय करेगा। कुलपति प्रो. अनिल शुक्ला ने प्लांट साइंस विभाग के शिक्षकों को इसकी जिम्मेदारी दी है। तय खाका के तहत विश्वविद्यालय के चारों तरफ बांस की 20 से अधिक प्रजातियां लगाई जाएंगी।

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मंगलवार को कुलपति प्रो. अनिल शुक्ला ने विश्वविद्यालय के बॉटेनिकल गार्डन का मुआयना भी किया। इस दौरान उन्होंने गार्डन को अधिक विकसित करने के लिए आदेश दिया। गार्डन अब पांच एकड़ जमीन पर विकसित किया जाएगा।

प्लांट साइंस विभाग के प्रो. आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि कुलपति के आदेश पर दीवारों के किनारे बांस लगाने का काम शुरू हो गया है। इसमें काला बांस, सफेद बांस, नर बांस, बैंब्यूसा, स्पायनेासा, वलगैरिस, डेंड्रोकैलेमस, मैलोकेना, बैंब्यूसा नूटैंस जैसी कई प्रजातियां लगाई जाएंगी।

खास बात है कि हर बांस की खासियत अलग होगी। उसकी खासियत भी लोगों को मालूम चले इसके लिए बांस के सामने बोर्ड पर उसका नाम और उसकी खासियत लिखकर चस्पा किया जाएगा।

लगाए जाएंगे पहाड़ी पौधे 

पांच एकड़ में विकसित हो रहे गार्डन में पहाड़ों पर होने वाले कई पौधे भी लगाए जाएंगे। इसमें ब्रायोफाइट और टैरिडो फाइट जैसे महत्वपूर्ण पौधे शामिल हैं। डॉ. आलोक ने बताया कि सिंदूर के पौधे विकसित हो रहे हैं। इसके अलावा बीच गार्डन में फव्वारा भी बनाया जाएगा। एक तालाब भी होगा जिसमें जलीय पौधे लगाए जाएंगे।  


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