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Higher Education : रुहेलखंड विश्वविद्यालय छात्रों के लिए अगले सत्र से खोलेगा लॉ व मेडिकल में नए विकल्प Bareilly News

रुहेलखंड विश्वविद्यालय परिसर में मेडिकल लॉ व अन्य विधा के दस नए कोर्स अगले सत्र से शुरू होंगे। बीएससी नर्सिंग पैरामेडिकल साइबर लॉ मीडिया लॉ सहित अन्य कोर्स इसमें शामिल हैं।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Tue, 17 Dec 2019 10:08 AM (IST)Updated: Tue, 17 Dec 2019 01:29 PM (IST)
Higher Education : रुहेलखंड विश्वविद्यालय छात्रों के लिए अगले सत्र से खोलेगा लॉ व मेडिकल में नए विकल्प Bareilly News
Higher Education : रुहेलखंड विश्वविद्यालय छात्रों के लिए अगले सत्र से खोलेगा लॉ व मेडिकल में नए विकल्प Bareilly News

जेएनएन, बरेली : रुहेलखंड विश्वविद्यालय परिसर में मेडिकल, लॉ व अन्य विधा के दस नए कोर्स अगले सत्र से शुरू होंगे। बीएससी नर्सिंग, पैरामेडिकल, साइबर लॉ, मीडिया लॉ सहित अन्य कोर्स इसमें शामिल हैं। सोमवार को विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित हुई अकादमिक काउंसिल की बैठक में इन प्रस्तावों को हरी झंडी मिल गई। साथ ही कई अन्य अहम प्रस्ताव भी पास हुए। अगले सत्र से एमएससी गणित में अब सौ अंकों की मौखिक परीक्षा होगी। वहीं बीएससी गणित में मौखिक परीक्षा का मुद्दा अगली बैठक के लिए टाल दिया गया। इसी तरह एमए राजनीति शास्त्र में रिसर्च मैथेडेलॉजी को अनिवार्य कर दिया गया है।

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पीएचडी का सत्र भी अब आरडीसी होने के बाद माना जाएगा। अभी तक कोर्स वर्क शुरू होते ही सत्र शुरू मान लिया जाता था। इसका कई शिक्षकों ने विरोध किया था। जिसके बाद इसे बदल दिया गया। बैठक में लिए गए सभी फैसले को अगले सत्र यानी 2020-21 से लागू किया जाएगा। बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो. अनिल शुक्ला ने की। इस दौरान रजिस्ट्रार डॉ. सुनीता द्विवेदी, रुहेलखंड यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन के डॉ. स्वदेश सिंह, प्रो. एके जैतली, प्रो. बृजेश त्रिपाठी, डॉ. संजीव आदि मौजूद रहे।

शुरू होंगे ये नौ नए कोर्स

बीएससी नर्सिंग

पैरामेडिकल

बीएससी माइक्रोबायोलॉजी

एमएससी बायोटेक्नोलॉजी

बीबीए का कोर्स 40 सीटों से शुरू होगा

पीजी डिप्लोमा इन लीगल एंड पैरालीगल एडवोकेसी

पीजी डिप्लोमा इन ह्यूमन राइट्स एंड ड्यूटीज

पीजी डिप्लोमा इन साइबर लॉ एंड साइबर फॉरेंसिक

पीजी डिप्लोमा इन मीडिया लॉ

बीए संस्कृत ऑनर्स (विवि के परिनियमावली में जोडऩे के बाद)

इन कोर्सो से हटा एप्लायड शब्द

एप्लायड केमिस्ट्री, एप्लायड दर्शनशास्त्र, एप्लायड अंग्रेजी, एप्लायड भौतिक विज्ञान एंड क्लिनिकल साइकोलॉजी, एप्लायड मैथमेटिक्स और एप्लायड एंड रीजनल इकनॉमिक्स विषय से अब एप्लायड शब्द हटा दिए गए हैं। इसे विश्वविद्यालय के परिनियमावली में भी जोड़े जाएंगे।

कई कोर्स के बदले गए पाठ्यक्रम

एमएससी माइक्रोबायोलॉजी, एमएससी पशुपालन एवं दुग्ध उद्योग, एलएलएम द्वितीय वर्ष, बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियङ्क्षरग, एलएलबी तीन वर्षीय व एलएलबी पंचवर्षीय, एमएड, शिक्षा एवं सहबद्ध विज्ञान के पाठ्यक्रमों को आधुनिक जरूरतों के मुताबिक बदल दिया गया है। इन पाठ्यक्रमों को अगले सत्र से लागू किया जाएगा।

इन कोर्स का बदल दिया गया नाम

आयुर्विज्ञान वाचस्पति (आयुर्वेद) का नाम बदलकर आयुर्वेद वाचस्पति (एमडी आयुर्वेद) कर दिया गया। इसे अंग्रेजी में डॉक्टर ऑफ मेडिसिन (एमडी आयुर्वेद) लिखा जाएगा। इसी तरह विश्वविद्यालय में संचालित डिपार्टमेंट ऑफ बीएड, एमएड का नाम बदलकर डिपार्टमेंट ऑफ एजुकेशन कर दिया गया है।

पीएचडी के लिए मिला अतिरिक्त मौका

शोध अध्यादेश 2013 के तहत 2016 में पीएचडी कोर्स करने वाले छात्रों को पीएचडी पूरा करने के लिए एक और मौका प्रदान किया जाएगा। यह वह छात्र थे जो पहली परीक्षा में फेल हो गए थे लेकिन बाद में पास हो गए थे। अब इनमें तीन साल का अंतराल हो चुका है। समिति ने इस अंतराल को कवर करते हुए इन्हें अनुमति देने पर सहमति बनाई है।

इन बिंदुओं पर नहीं हो पाया फैसला

बीएड प्रथम वर्ष में मौखिक परीक्षा शुरू कराने का प्रस्ताव।

बीएड द्वितीय वर्ष के मौखिक और प्रायोगिक परीक्षा का पैनल गठित करना व पैटर्न बदलाव का प्रस्ताव

बीकॉम के दाखिले में किसी भी स्ट्रीम की मंजूरी।

बीकॉम ऑनर्स में ग्रेस अंक प्रदान करने का प्रस्ताव।


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