Rohilkhand University: मूल्यांकन से अटका तीन लाख छात्रों का अगली कक्षा में प्रमोशन
महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय की मूल्यांकन व्यवस्था ने स्नातक और परास्नातक के करीब तीन लाख छात्र-छात्राओं को अगली कक्षा में प्रमोट करने का मामला लटका दिया है।
बरेली, जेएनएन। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय की मूल्यांकन व्यवस्था ने स्नातक और परास्नातक के करीब तीन लाख छात्र-छात्राओं को अगली कक्षा में प्रमोट करने का मामला लटका दिया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के निर्देश के बाद विश्वविद्यालय में पहले और दूसरे साल के छात्र-छात्राओं को बिना परीक्षा अगली कक्षा में भेजने का आदेश जारी कर दिया गया था। यह भी कहा गया कि जिन विषयों की परीक्षाएं हो चुकी हैं, उनके अंक दिए जाएं। ऐसे में अभी तक विश्वविद्यालय ने कॉपियों का मूल्यांकन नहीं शुरू कराया है। जिसकी वजह से अगली कक्षा में प्रमोशन न होने से छात्र भी परेशान हैं।
रुहेलखंड विश्वविद्यालय से सम्बद्ध 548 महाविद्यालय संचालित हैं। इनमें पढ़ने वाले चार लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं की परीक्षाएं बीते 25 फरवरी से शुरू हो गईं थीं। लेकिन कोविड-19 की वजह से 18 मार्च से परीक्षाएं रोक दी गईं। अब अनलॉक-3 में स्नातक व परास्नातक अंतिम वर्ष की ही परीक्षाएं कराने के आदेश जारी किए गए। पहले और दूसरे वर्ष की जितनी परीक्षाएं बची हैं, उन्हें आयोजित न कराने के लिए कहा गया। जिन विषय की परीक्षाएं हो चुकी हैं, उनमे मिले अंकों के आधार पर बचे हुए विषयों में भी अंक दिए जाने हैं।
20 दिन पहले लिया फैसला, मूल्यांकन अब तक नहीं
बीते 23 जुलाई को विश्वविद्यालय में समिति की बैठक में यह निर्णय हो चुका है। लेकिन 20 दिन बाद भी हो चुकी परीक्षाओं की कॉपियों का मूल्यांकन नहीं शुरू हो पाया है। बिना मूल्यांकन के नतीजे जारी नहीं किए जा सकेंगे। ऐसे में छात्र भी परेशान हैं। विश्वविद्यालय के कई शिक्षकों का कहना है कि नतीजे न जारी होने की वजह से छात्रों के दूसरे व तीसरे वर्ष में दाखिले की प्रक्रिया भी नहीं हो पा रही है।
बिना मूल्यांकन कराए पहले और दूसरे वर्ष के विद्यार्थियों के नतीजे जारी नहीं किए जा सकते। इसकी कार्ययोजना बन गई है। मूल्यांकन कब से शुरू कराएं, इस पर विचार किया जा रहा है।
संजीव कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक, रुविवि