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ईवीएम पर उठ रहे सवालों पर रुविवि के आइटी प्रोफेसर ने कही ये बड़ी बात

एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय में आइटी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. एसएस बेदी ईवीएम की विश्वसनीयता पर उठे सवालों को खारिज करते हैैं।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Fri, 24 May 2019 09:38 PM (IST)Updated: Sat, 25 May 2019 03:15 PM (IST)
ईवीएम पर उठ रहे सवालों पर रुविवि के आइटी प्रोफेसर ने कही ये बड़ी बात
ईवीएम पर उठ रहे सवालों पर रुविवि के आइटी प्रोफेसर ने कही ये बड़ी बात

बरेली, जेएनएन। लोकसभा चुनाव में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिलने के विपक्षी दलों के तमाम नेताओं ने ईवीएम को लेकर सवाल खड़े करना शुरू कर दिया है। कई नेता ईवीएम हैक किए जाने तो कई ईवीएम बदले जाने के आरोप लगा रहे हैं। एमजेपी रुहेलखंड विश्वविद्यालय में आइटी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. एसएस बेदी ईवीएम की विश्वसनीयता पर उठे सवालों को खारिज करते हैैं।

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उनका कहना है, इलेक्ट्रोनिक डिवाइस पूरी तरह से चेक करके ही उपयोगिता में लाई जाती हैं। पूरी जांच पड़ताल कर प्रमाणिकता के बाद ही 14 साल से ईवीएम से मतदान कराया जा रहा है। अब वीवी पैट लगाकर एक नए फीचर से पारदर्शिता बढ़ी है। आने वाले समय में ईवीएम को नए फीचर के साथ और अधिक प्रबल बनाना होगा।

सौ प्रतिशत टेंपर प्रूफ

डॉ. बेदी के अनुसार, भारत में मतदान के लिए इस्तेमाल की जाने वाली ईवीएम में एडवांस इंक्रेप्शन तकनीक प्रयोग की गई है। यह सौ प्रतिशत टेंपर प्रूफ है। इसमें ट्रैकिंग का सॉफ्टवेयर भी है। यह दूसरी डिवाइस, नेटवर्क, मोबाइल के साथ कनेक्ट नहीं हो सकती है। इसकी कंट्रोल यूनिट में वन टाइम ओटीपी माइक्रो कंट्रोलर लगा है। मतदान के समय बटन दबाने पर तुरंत समय, दिनांक दर्ज हो जाता है।  

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