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    यूपी में सड़क सुरक्षा के अलग-अलग नतीजे : बरेली में हादसों में कमी, पीलीभीत में 40% से ज्यादा उछाल

    Updated: Fri, 14 Nov 2025 04:00 AM (IST)

    जनवरी से अक्टूबर 2025 तक बरेली में सड़क दुर्घटनाएं 44% और मृतकों की संख्या 46% घटी, लेकिन पीलीभीत में हादसे 40.6% बढ़े। शाहजहांपुर और बदायूं में मामूली उतार-चढ़ाव दर्ज हुआ। कोहरे के मौसम में सुरक्षा बढ़ाने व रिफ्लेक्टर अभियान से हादसों पर रोक लगाने की योजना बनाई जा रही है।

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    कमलेश शर्मा, जागरण बरेली। सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन विभाग और यातायात पुलिस की ओर से किए जा रहे प्रयास का असर बरेली में सकारात्मक रहा है। दुर्घटनाओं की संख्या कम होने के साथ मृतकों की संख्या में 46 प्रतिशत की कमी आई है। शाहजहांपुर और बदायूं में मामूली वृद्धि हुई है, लेकिन पीलीभीत जिले की स्थिति चिंताजनक है। जनवरी से लेकर अक्टूबर तक के जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार पीलीभीत में दुर्घटनाएं बढ़ने के साथ असमय होने वाली मौतों में 40.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

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    सड़कों की स्थिति में सुधार आया है। मंडल में हाईवे और एक्सप्रेस का निर्माण चल रहा है। इससे सड़क मार्ग से आवागमन सुगम हुआ है।दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सड़क और यातायात नियमों का सख्ती से पालन कराने के लिए चलाए जा रहे अभियान का भी सकारात्मक असर दिखाई पड़ रहा है। बरेली जिले में अक्टूबर 2024 में 118 सड़क दुर्घटनाएं हुईं थी, जबकि इस साल अक्टूबर में 66 दुर्घटनाएं हुईं। इन सड़क दुर्घटनाओं में 44.1 प्रतिशत की कमी आई है।

    पिछली साल हादसों में 63 लोगों की जान गई थी, जबकि इस वर्ष मृतकों की संख्या 34 रही, इसमें 46 प्रतिशत की कमी आई है। जनवरी से लेकर अक्टूबर तक की बात करें तो 2024 में 969 दुर्घटनाओं में 402 लोगों की जान गई थी। जबकि इस साल 769 दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या 359 रही, इसमें 10.7 प्रतिशत की कमी आई है।

    शाहजहांपुर में अक्टूबर 2024 में 66 सड़क दुर्घटनाओं में 33 लोगों की मौत हुई थी। इस साल भी 66 दुर्घटनाएं हुईं जिनमें 22 लोगों की मौत हुई है। असमय जान जाने वाली घटनाओं में 33.3 प्रतिशत की कमी आई है। जनवरी से अक्टूबर तक की बात करें तो 679 दुर्घटनाओं में 357 लोगों की जान गई थी। इस साल 738 दुर्घटनाओं में 367 लोगों की मौत हुई है। जानलेवा हादसों में 2.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

    बदायूं में अक्टूबर 2024 में 58 सड़क दुर्घटनाओं में 42 लोगों की जान गई थी। इस साल 34 लोगों की मौत हुई है। जानलेवा दुर्घटनाओं में 19 प्रतिशत की कमी आई है। अक्टूबर से जनवरी तक पिछली साल 496 दुर्घटनाओं में 314 लोगों की मौत हुई थी। इस साल 537 दुर्घटनाओं में 329 लोगों की जान गई है। जान लेने वाली दुर्घटनाओं में 40.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

    पीलीभीत में अक्टूबर 2024 में 38 सड़क दुर्घटनाओं में 21 लोगों की मौत हुई थी, जबकि इस साल 65 दुर्घटनाओं में 35 लोगों की जान गई है। जानलेवा दुर्घटनाओं में 66.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जनवरी से अक्टूबर तक की बात करें तो पिछली साल 375 सड़क दुर्घटनाओं में 175 लोगों की मौत हुई थी, जबकि इस साल 436 दुर्घटनाओं में 246 लोगों की जान गई है।

    जानलेवा दुर्घटनाओं में 40.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मंडल के तीन जिलों की अपेक्षा पीलीभीत जिले की स्थिति चिंताजनक है। परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि निगरानी तो पूरे मंडल में बढ़ाई जा रही है, लेकिन पीलीभीत में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए जाएंगे। जन जागरूकता अभियान चलाने के साथ यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

     

    माह जनवरी से जून तक की तुलना में माह जनवरी से अक्टूबर तक के आंकड़ों में प्रदेश रैकिंग में बरेली मंडल के बरेली, शाहजहांपुर, बदायूं जिलों की रैंकिंग सराहनीय सुधार हुआ है। केवल पीलीभीत की रैंकिंग में गिरावट आई है, उसका मुख्य कारण विगत दो माह में दुर्घटनाओं में असाधारण वृद्धि है। जिसकी सतत मानीटरिंग की जा रही है। कोहरे के सीजन में निगरानी रखने के लिए सभी एआरटीओ प्रवर्तन की बैठक ली गई है। गन्ना विभाग, सामाजिक संगठनों के सहयोग से गन्ना लदी ट्रालियों और ट्रालों पर रिफ्लेक्टर लगवाकर दुर्घटनाओं में कमी लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

    - प्रणव झा, आरटीओ प्रवर्तन