मंदिर-मस्जिद से एक साथ गूंजी श्रद्धा-अकीदत की सदा Bareilly News
बागबानों की नस्लें अपने पुरखों की विरासत को ज्यों का त्यों संजोए हैं। वर्तमान और इतिहास दोनों ऐसी कई अनूठी मिसालों के साक्षी हैं।
बरेली [अतीक खान] : वह शहर जिसकी पहचान आला हजरत से है। जो सात नाथों की नगरी है...उसमें अमन (सौहार्द) का ऐसा चमन है, जिसकी साखें मुहब्बत के फूलों से झुकी हैं। बागबानों की नस्लें अपने पुरखों की विरासत को ज्यों का त्यों संजोए हैं। वर्तमान और इतिहास, दोनों ऐसी कई अनूठी मिसालों के साक्षी हैं। सोमवार को फिर शहर की फिजा को मुहब्बत की खुशबू से तर करने का मौका मिला।
बकरीद पर सौहार्द के सावन की घटा यही संदेश लेकर आई है। सोमवार की किरण भक्ति (रूहानियत) की बहार लाई। नजारा, बेहद दिलचस्प रहा। एक तरफ मंदिरों से घंटियों की आवाजें गूंजीं। गंगा से जल लाए भोले के भक्तों का रैला जलाभिषेक करता रहा। दूसरी ओर मस्जिदों से अजान की सदा आई। अकीदतमंद ईदगाह-मस्जिदों में ईद-उल-अजहा (बकरीद) की नमाज अदा करने जुटे। भारतीय संस्कृति में रची-बसी गंगा-जमुनी तहजीब के ये वो अनमोल लम्हें रहे, जब हिंदू-मुस्लिम एक साथ अपनी भक्ति-अकीदत मेंं लीन रहे। आइए, इस दिन को सामाजिक सौहार्द की मिसाल बना दें।
नमाज का वक्त
- 7:00 बजे : दरगाह शाह शराफत मियां, काजी टोला की इमामबाड़ा मस्जिद, बालजती की गुलड़ वाली मस्जिद, सैलानी-हबीबिया मस्जिद, हजियापुर में खजूर वाली मस्जिद।
- 7:15 बजे : मलूकपुर-तंबाकू वाली मस्जिद, कांकर टोला-खैरातियान मस्जिद।
- 7:30 बजे : कांकर टोला-नूरानी व गौसिया मस्जिद, शहामतगंज-दरगाह हबीब शाह, रेलवे जंक्शन-नूरी मस्जिद, कुतुबखाना वाली मस्जिद, मुहल्ला खन्नू-अबू बकर मस्जिद, आकाशपुरम-गार्डन सिटी मस्जिद, बानखाना-अब्दुल्ला मस्जिद, नरकुला गंज-मौला अली मस्जिद।
- 7:45 बजे : किला-थाने मस्जिद, बिहार कला की ईदगाह।
- 8:00 बजे : दरगाह वली मियां, जसोली-पीराशाह मस्जिद, सैलानी-बारादरी मस्जिद, फाइक इंक्लेव-खातून फातिमा, जखीरा-बाग वाली मस्जिद, एजाज नगर-पुरानी मस्जिद, न्यू कठघर-सकलैनी मस्जिद, कोट-खेत वाली मस्जिद।
- 8:15 बजे : गली मनिहारन-नूरानी मस्जिद।
- 8:30 बजे : दरगाह बशीर मियां, कैंट-हाथी खाना मस्जिद, लोधी टोला-मस्जिद जहान खान।
- 9:00 बजे : किला-शाही जामा मस्जिद, सिविल लाइंस-नौमहला मस्जिद, चौकी चौराहा-मस्जिद, कलेक्ट्रेट मस्जिद, मलूकपुर-मुफ्ती-ए-आजम मस्जिद, गढ़ैया-नूरी मस्जिद।
- 9:30 बजे : खानकाह-ए-नियाजिया
- 10:00 बजे : दरगाह शाहदाना वली मस्जिद।
- 10:30 बजे : गुलाब नगर-मस्जिद दलेर खान, हुसैन बाग-फातिमा मस्जिद।
श्रवण मास का अंतिम सोमवार और बकरीद दोनों एक दिन है। दोनों ही समुदाय एक दूसरे की भावनाओं का पूरा ख्याल रखते अपना अपना त्योहार मनाए। -देवकी नंदन जोशी, आचार्य, ठाकुरद्वारा श्री धोपेश्वरनाथ मंदिर
गंगा जमुनी तहजीब शहर की पहचान रही है। श्रवण मास के अंतिम सोमवार को ही बकरीद है। दोनों समुदाय के लोग एक दूसरे की भावनाओं का ख्याल रखते हुए सम्मान दें। प्रदूषण नहीं फैलाया जाए। इससे शहर का सौहार्द कायम रहे। - महंत कमल नयन दास, मठ तुलसी स्थल
बकरीद आज, बाजार गुलजार
ईदउल-अजहा (बकरीद) सोमवार को है। रविवार को ईदगाह से लेकर मस्जिदों तक तैयारियां का दौर चला।शाम को मस्जिदों से एलान हुआ कि नमाज के लिए वक्त से पहले पहुंचें। शहर की मस्जिदों में बकरीद की नमाज का सिलसिला सुबह सवा छह बजे से लेकर साढ़े दस बजे तक चलेगा। सबसे पहले साहूकारा की अनार वाली मस्जिद में सुबह 6.15 बजे नमाज होगी, जबकि सबसे आखिर में दरगाह आला हजरत स्थित मस्जिद में 10:30 बजे नमाज अदा की जाएगी। बाकरगंज स्थित ईदगाह में दरगाह ताजुश्शरिया के सज्जादानशीन मुफ्ती असजद मियां नमाज अदा कराएंगे। यहां बड़ी तादाद में अकीदतमंद नमाज अदा करेंगे। रविवार को ईदगाह कर्बला प्रबंध समिति की ओर से यहां तैयारियां पुख्ता कर ली हैं।
दो सौ में बिकी बकरे की रस्सी
बकरीद की रात को बकरा बाजार गुलजार रहा। पुराना शहर के सैलानी से लेकर किला और अन्य स्थानों पर लोग कुर्बानी के लिए बकरों की खरीद-फरोख्त में जुटे रहे। अकीदतमंदों ने दस हजार से लेकर सवा लाख रुपये तक के बकरे खरीदे हैं। बकरीद की रात को बाजार में भाव और भी चढ़े नजर आए। स्थिति यह रही कि बकरों की रस्सी का भाव भी दो सौ रुपये रहा।
मायावी जाल से रहें आजाद
सोशल मीडिया एक मायावी जाल है, जो भ्रामक संदेश, फोटो-वीडियो से भरा है। ऐसी किसी भी वीडियो-फोटो और संदेश को न तो शेयर करें, न ही उस पर ध्यान दें, जो आपके सौहार्द के बाग को कीड़े की तरह चाटने का कारण बने। सारी कड़वाहट मिटाकर अपनी भक्ति-अकीदत में आनंदित रहें।
सौहार्द का जल : तुम भी पियो-हम भी पिएं रब की मेहरबानी-प्यार के कटोरे में गंगा का पानी..। भारतीय संस्कृति की गंगा-जमुनी तहजीब को दर्शातीं शायर मंजर भोपाली की यह लाइनें रविवार को जीवंत हो उठीं। भोले के भक्तों का काफिला गंगाजल लेकर शहर में दाखिल हुआ। उनकी सेवा के लिए मुस्लिम समाज के बजुर्ग-नौजवान जुटे थे। इसी में यह मुस्लिम बुजुर्ग एक शिव भक्त को बड़ी आत्मीयता के साथ पानी पिलाते नजर आए। सौहार्द के सावन का खूबसूरत नजारा कैमरे में कैद हो गया। - फोटो उमेश शर्मा
फख्र की कीजिए इन मिसालों पर
- चुन्ना मियां का मंदिर
कटरा मानराय स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर है। इसे सेठ फजलुर्रहमान उर्फ चुन्ना मियां ने बनवाया है। उस नाजुक वक्त में जब भारत-पाक बंटवारे से सौहार्द चोटिल था। सेठ फजलुर्रहमान ने 16 मई 1960 को देश को तोहफे में एक मंदिर दिया, जो आज चुन्ना मियां के मंदिर के नाम से जाना जाता है। तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने इसका उद्घाटन किया था।
- हिंदू समाज खोल देता दरवाजे
मुहल्ला सौदागरान, ङ्क्षहदू बाहुल्य क्षेत्र है। यहीं, आला हजरत की दरगाह है। उर्स-ए-रजवी में लाखों अकीदतमंदों का हुजूम हाजिरी के लिए पहुंचता। ङ्क्षहदू समाज के बुजुर्ग-नौजवान अकीदतमंदों के लिए अपने घरों के दरवाजे खोल देते हैं। उर्स स्थल इस्लामिया मैदान में भी उनकी सेवा के लिए स्टॉल लगाते। ईद-बकरीद और रमजान पर भी वह मुसलमानों की खुशियों के सहभागी बनते हैं।
- मंदिर को रक्षा को अड़े मुसलमान
सात साल पहले शहर के सौहार्द को नजर लग गई। फसाद के बाद कफ्र्यू लगा। मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र कसाई टोला में मंदिर है। कुछ असामाजिक तत्व मंदिर को नुकसान पहुंचाने पर आमदा थे। मुहल्ले के मुस्लिम बुजुर्ग-नौजवान मंदिर की रक्षा के लिए भीड़ के सामने दीवार बनकर खड़े हो गए। किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचने दिया।
कुर्बानी में उलमा की हिदायत
- बंद घर में ही करें कुर्बानी।
- खुले में न फेंकें कुर्बान किए पशु के अवशेष।
- प्रतिबंधित पशुओं को किसी भी सूरत में न करें कुर्बान। यह कानूनन अपराध है।
- कोई नई परंपरा न डालें।
- कुर्बानी का दौर तीन दिन तक चलेगा।
- नाबालिक बच्चों के हाथों ने न बटवाएं मीट।
- कुर्बानी करते समय ख्याल रखें कि कोई फोटो न खींचें, न बनाएं वीडियो।
- कुर्बानी के बाद बतौर तबरुक गरीबों को दें एक हिस्सा।
- सोशल मीडिया पर कोई भी आपत्तिजनक टिप्पणी-पोस्ट डालने से बचें।
अधिकारियों ने लोगों से ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में ही अवशेष फेंकने की अपील की है। वहां से ट्रॉली में अवशेष तिरपाल से ढककर बाकरगंज ले जाया जाएगा। बाकरगंज में अवशेष गड्डे में दबा दिया जाएगा।
- कंट्रोल रूम नंबर - 0581-2550076
- नगर स्वास्थ्य अधिकारी - 7055519614
अपर नगर आयुक्त ईश शक्ति कुमार सिंह ने बताया कि कही भी गंदगी होने पर तुरंत कंट्रोल रूम या फिर नगर स्वास्थ्य अधिकारी के मोबाइल नंबर पर सूचना दी जा सकती है। समस्या का समाधान कराया जाएगा।
आओ नजीर पेश करें
अमन-चैन, सुकून बना रहे, इसी में त्योहार का मजा है। इंसानियत पहले है। खुशगवार माहौल रखें। ऐसा कोई काम न करें जिससे किसी को तनिक भी तकलीफ पहुंचे। ईद-सावन एक साथ है। भाईचारे की ऐसी मिसाल पेश करें जो नजीर बने। यही हमारी गंजा-जमुनी तहजीब की पहचान है। सब खुश रहें। - शब्बू मियां नियाजी, प्रबंधक खानकाह-ए-नियाजिया
दूसरों की भावनाओं का ध्यान रखें
ईद-उल-अजहा (बकरीद) पर मुसलमानों को गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल पेश करनी है। नमाज के बाद बंद घर में कुर्बानी करें। दूसरों की धार्मिक भावना का ख्याल रखें। कोई भी शख्स न तो नई परंपरा न डाले न ही प्रतिबंधित पशु कुर्बान करें। यह आला हजरत का शहर है। सभी इसके अमन की जिम्मेदारी निभाएं। - मुफ्ती असजद मियां, सज्जादानशीन दरगाह-ए-ताजुश्शरिया
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