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UP board result: सुविधाओं से नहीं संकल्प से बने टॉपर

गुरुजनों के दिखाए गए सपने और संकल्प को पूरा करने की मुहिम ने विद्यालय के चार छात्रों को मंडल की टॉप टेन लिस्ट में स्थान दिला दिया।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Mon, 29 Apr 2019 12:33 PM (IST)Updated: Mon, 29 Apr 2019 12:33 PM (IST)
UP board result: सुविधाओं से नहीं संकल्प से बने टॉपर
UP board result: सुविधाओं से नहीं संकल्प से बने टॉपर

जेएनएन, बरेली: गुरुजनों के दिखाए गए सपने और संकल्प को पूरा करने की मुहिम ने विद्यालय के चार छात्रों को मंडल की टॉप टेन लिस्ट में स्थान दिला दिया। इन सभी टॉपर्स का कहना है कि टॉपर बनने के लिए सुविधाओं की नहीं संकल्प की जरूरत होती है। योजनाबद्ध से पढ़ाई करना पढ़ी। सुबह उठने से लेकर रात सोने तक का समय तय किया। उसी आधार पर सभी काम पाबंदी के साथ किए।  

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टाइम टेबल बना मददगार 

88.8 प्रतिशत अंक पाकर इंटरमीडिएट की परीक्षा में मंडल में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले भरत जी सरस्वती इंटर कॉलेज के छात्र उदय अग्रवाल का कहना है, स्कूल की पढ़ाई के साथ ही उन्होंने विषयों के अनुरूप अपना टाइम टेबल बनाया था जो काफी मददगार हुआ। गणित में उनकी विशेष दिलचस्पी थी उसे ज्यादा समय दिया। अन्य विषयों के लिए भी समय निर्धारित किया। आमतौर पर मनोरंजन के साधन के रूप में टीवी होती है,जो उनके घर में नहीं है। पढ़ाई के कारण उनके पिता घर में टीवी नहीं लाए। पापा के मोबाइल पर गूगल आदि की सहायता भी पढ़ाई के लिए ली। 

मोबाइल का सही इस्तेमाल शिक्षा में सहायक 

87.2 प्रतिशत अंक पाकर इंटरमीडिएट में दूसरे स्थान पर रहीं भरत जी सरस्वती इंटर कॉलेज की छात्रा अदिति बताती हैं कि जब आप लक्ष्य निर्धारित कर लेते हैं तो उसे पाने के लिए प्रत्येक प्रयास भी किया जाता है, जैसे कि यदि मोबाइल का प्रयोग शिक्षा के लिए किया जाए तो उपयोगी भी हो सकता है। पापा के मोबाइल पर इंटरनेट का इस्तेमाल जरूरी जानकारी हासिल करने में किया। स्कूल के अलावा 6 से 7 घंटे पढ़ाई की। मनोरंजन के लिए टीवी भी देखती हूं। वह मैथ को वह बहुत दिलचस्प विषय बताती हैं। कहा, गणित में अच्छे अंक मिलते हैं। नियमित अध्ययन से सफलता प्राप्त की जा सकती है।

मोबाइल, टीवी से दूर रहकर पढ़ाई पर दिया ध्यान

मोबाइल व टीवी से दूर रहकर पढ़ाई पर ध्यान देने वाले सौरभ कुमार इंटरमीडिएट परीक्षा में 87 फीसद अंक हासिल करके जिले के तीसरे टॉपर रहे हैं। श्री लालता प्रसाद सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज नवाबगंज के छात्र सौरभ कुमार मूल रूप से ग्राम पंडरी निवासी हैं। सौरभ ने बताया, टीवी, मोबाइल और सोशल मीडिया से दूर रहकर पढ़ाई की। पिता आर्मी में थे। उन्होंने पढ़ाई पूरी कर आर्मी में अधिकारी बनने की ठान ली। कभी कभी फुर्सत होने पर वह टीवी पर खबरें देख लेते हैं। इंटरमीडिएट की परीक्षा देने के 20 दिनों बाद उन्होंने मोबाइल खरीदा है। 

मनोरंजन के लिए सामान्य ज्ञान के लिए देखा टीवी  

यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट परीक्षा में 421अंक प्राप्त कर जिले की टॉपटेन सूची में 7वें स्थान पर रहीं चंचल ङ्क्षसह कहती हैं कि उनका गांव रामगंगा नदी खादर क्षेत्र में होने से वह सोशल मीडिया और सिनेमा से दूर रहीं। बिना कोङ्क्षचग की सफलता हासिल की। चंचल कस्बा मीरगंज स्थित संतमंगल पुरी इंटर कॉलेज की छात्रा हैं। बताया कि दसवीं के बाद पढ़ाई और पढ़ाई का तरीका बदला। पढ़ाई 10-12 घंटे से बढ़कर 16-17 घंटे तक जा पहुंची। चंचल ने बताया कि घर पर टीवी तो है मगर जब भी कभी मौका मिला तो मनोरंजन के लिए नहीं बल्कि सामान्य ज्ञान के लिए देखी।

पढ़ाई के साथ खेल का भी रखा ध्यान 

हाईस्कूल की टॉपटेन सूची में जगह बनाने वालीं मानसी गंगवार ने 89.83 प्रतिशत अंक हासिल किए। उन्होंने बताया, रोजाना पांच घंटे पढ़ाई करती और एक घंटा मात्र खेलती थीं। सुबह पांच बजे उठकर रूटीन कार्य करती हैं। घरेलू कार्य में मां का सहयोग करती हैं। 7:30 बजे स्कूल निकल जाती हैं। दो बजे स्कूल से घर आती हैं। भोजन के बाद एक घंटा हल्की नींद लेती हैं। फिर तीन बजे से छह बजे तक पढ़ती हैं। उसके बाद वह दोस्तों के साथ घर के बाहर या छत पर खेलने चली जाती हैं। सात बजे वह एक बार फिर घर के काम में मां का हाथ बंटाती हैं। रात नौ बजे खाना खाने के बाद वह पुन: पढऩे बैठ जाती हैं। 11 बजे सो जाती हैं।

सोशल मीडिया से रहे दूर, बिना कोचिंग पाई सफलता

हाईस्कूल परीक्षा में 90 फीसदी अंक लाकर जिले की टॉप टेन सूची में नाम दर्ज कराने वाले मीरगंज स्थित स्वामी दयानंद सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज के छात्र सुधांशु कुमार कहते हैं कि उनका गांव ढकिया डाम थाना शीशगढ़ के कुल्ली नदी के समीप है। पिता राजेंद्र कुमार गंगवार सेना से रिटायर्ड हैं। गांव में नियमित बिजली न मिलने से वह सोशल मीडिया, टीवी से दूर ही रहे। बिना कोचिंग के सफलता पाई। उन्होंने बताया कि कक्षा आठ के बाद पढ़ाई का तरीका बदला। 10-11 घंटे से बढ़कर 15-16 घंटे तक पढ़ाई की। अब आइएएस बनकर देश सेवा करना चाहते हैं। 


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