बताओ, मनमानी फीस लेने वाले स्कूलों पर क्या कार्रवाई की
शुल्क निर्धारण अधिनियम के तहत अब तक की गई कार्रवाई पर शासन ने रिपोर्ट मांगी है।
जागरण संवाददाता, बरेली : सीबीएसई और आइसीएसइ स्कूलों में अभिभावकों से मनमानी फीस वसूली पर सख्त प्रदेश सरकार की ओर से बनाए गए शुल्क निर्धारण अधिनियम के तहत अब तक की गई कार्रवाई पर शासन ने रिपोर्ट मांगी है। इसके लिए शासन के अपर मुख्य सचिव संजय अग्रवाल ने अधिकारियों को फरमान जारी किया है। पूछा है कि स्कूलों में अधिनियम में निर्धारित मानकों के विरुद्ध किन स्कूलों ने अभिभावकों से ज्यादा फीस ली और अतिरिक्त ली और उनके खिलाफ मंडलीय तथा जिला कमेटी ने क्या कार्रवाई की। यह भी पूछा है कि कितने स्कूलों ने फीस स्ट्रक्चर, ली गई फीस और शिक्षकों को दिए गए वेतन आदि का ब्यौरा अपने स्कूल में अपलोड किया है।
शासन की ओर से रिपोर्ट मांगे जाने के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग के अफसरों में खलबली इसलिए है क्योंकि अभी तक मनमानी करने वाले स्कूलों की जांच अटकी हुई है। अभिभावकों से ली गई अतिरिक्त फीस समायोजित या वापस करने पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। वहीं, कमिश्नर के बार-बार निर्देश के बाद भी अधिकांश स्कूलों ने अपनी वेबसाइट पर फीस का रिकॉर्ड अपलोड नहीं किया है। पिछले दिनों हुई मंडलीय समिति की मीटिंग में यह खुलासा भी हो चुका है कि सिर्फ दो ही स्कूलों ने वेबसाइट पर रिकॉर्ड अपलोड किया है। बाकी ने नहीं इसीलिए कमिश्नर डॉ. वीपी जगममोहन ने सप्ताह भर का मौका स्कूल संचालकों को दिया है लेकिन अभी भी स्कूलों की ओर से ऐसा करने से आनाकानी की जा रही है। शासन के आदेश के अनुपालन के लिए शिक्षा निदेशक माध्यमिक ने भी संयुक्त शिक्षा निदेशक और जिला विद्यालय निरीक्षक को अब तक की गई कार्रवाई से जल्द अवगत कराने को कहा गया है। शासन इसके आधार पर तय करेगा कि शुल्क निर्धारण के अध्यादेश का पालन किया जा रहा है या नहीं।