Ayodhya Case Verdict : पढिए Hightech policing से social media पर किस तरह से रोका खुराफात Bareilly News
अयोध्या मामले पर फैसले के बाद सबसे बड़ा अंदेशा सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर था। खुराफात हुई भी मगर खुराफातियों के मंसूबे इस बार हाईटेक पुलिसिंग से पार नहीं पा सके।
जेएनएन, बरेली : अयोध्या मामले पर फैसले के बाद सबसे बड़ा अंदेशा सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर था। खुराफात हुई भी मगर खुराफातियों के मंसूबे इस बार हाईटेक पुलिसिंग से पार नहीं पा सके। दो दिन के अंदर 77 ऐसी आपत्तिजनक पोस्ट को तुरंत ट्रेस किया गया। साइबर टीम ने आनन-फानन ट्विटर, फेसबुक मुख्यालय को रिपोर्ट कर ऐसी पोस्ट हटवा दी गईं।
फैसला आने से पहले ही सक्रिय हो गए थे cyber cell थानें
नौ अक्टूबर को अयोध्या पर फैसला आने से पहले ही साइबर सेल थानों तक सक्रिय कर दिया गया था। इसके साथ ही एसएसपी आवास में 24 घंटे सक्रिय साइबर सेल में 11 लोगों का स्टाफ लगाया गया।
You-Tube,Twitter,Facebook मुख्यालय के संपर्क में रही टीम
आठ नवंबर से ही साइबर सेल यू-ट्यूब, ट्विटर और फेसबुक मुख्यालय के सीधे संपर्क में थी। फैसला आने से पहले और उसके तुरंत कुछ पोस्ट हुईं। साइबर सेल को इसकी जानकारी पुलिस मित्र, सिविल डिफेंस और खुद कई ग्रुप में जुड़े पुलिसकर्मियों के जरिये मिली तो उन्होंने तुरंत साइबर सेल को सूचित किया। वहां से सोशल मीडिया के संबंधित मुख्यालय को हाथों-हाथ ई-मेल कर पोस्ट हटवा दी गईं। चूंकि पहले ही इस बाबत साइबर सेल का संवाद हो चुका था इसलिए तुरंत कार्रवाई हुई।
Public से मिली information, Police ने तीन को भेजा जेल
अयोध्या मामले को लेकर इस बार पब्लिक भी जागरूक दिखी। पांच गंभीर मामलों की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमे दर्ज किए। सीबीगंज में दो, बारादरी, भोजीपुरा व नवाबगंज में एक-एक मुकदमा दर्ज किया गया। सीबीगंज व बारादरी क्षेत्र में दो को गिरफ्तार किया गया।
132 whatsapp groups में जुडे़ है cyber cell के member
निगरानी के लिए साइबर सेल के सदस्य शहर के विभिन्न संगठनों के 132 वाट्सएप ग्रुप से जुड़े हुए हैं। हालांकि उनमें इनकी पहचान पुलिसकर्मी के तौर पर नहीं है।