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हनुमान जी को अपनी शक्ति का स्मरण होते ही रामदल में छाई खुशी

भगवान श्रीराम जब मित्रता का धर्म निभाते हुए सुग्रीव को राजपाठ सौंपते हैं तो सुग्रीव भगवान से माता सीता को ढूंढने में हर संभव मदद करने का अश्वासन देते हैं। इधर सुग्रीव राजपाठ पाकर भगवान से किया हुआ वादा भूल जाते है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 02:30 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 02:30 AM (IST)
हनुमान जी को अपनी शक्ति का स्मरण होते ही रामदल में छाई खुशी
हनुमान जी को अपनी शक्ति का स्मरण होते ही रामदल में छाई खुशी

बरेली,जेएनएन : भगवान श्रीराम जब मित्रता का धर्म निभाते हुए सुग्रीव को राजपाठ सौंपते हैं तो सुग्रीव भगवान से माता सीता को ढूंढने में हर संभव मदद करने का अश्वासन देते हैं। इधर सुग्रीव राजपाठ पाकर भगवान से किया हुआ वादा भूल जाते है। काफी दिनों तक इंतजार करने के बाद भी जब सुग्रीव नहीं आते हैं तो भगवान कुपित हो जाते हैं और लक्ष्मण को भेजते हैं। लक्ष्मण को देखते ही उन्हें भगवान से किए हुए वादे की याद आती है और वह भगवान से क्षमा याचना करते हैं। भगवान दयालुता दिखाते हुए उनको माफ कर देते हैं। इस पर सुग्रीव भाव विभोर हो जाते हैं उनके चरणों से लिपट जाते हैं। इसके बाद सुग्रीव अपनी सेना बुलाकर मा सीता को ढूंढने के लिए चारों दिशाओं में अपने सैनिकों को भेजते हैं। तब पता चलता है कि मा सीता को रावण उठा हरण कर उठा ले गया है। इस पर भगवान प्रसन्न हो जाते है लेकिन यह खुशी बहुत देर तक नहीं रहती है क्योंकि मा सीता तक पहुंचने के लिए सौ योजन का समुद्र लाघना पड़ेगा और यह कार्य कोई आसान काम नही है। ऐसे में संकटमोचक हनुमान को उनकी शक्ति का स्मरण कराया जाता है। हनुमान को अपनी शक्ति का स्मरण होते ही वह विशालकाय रुप मे आ जाते है और उनके इस रूप को देखकर भगवान राम के साथ पूरे खेमे में खुशी की लहर दौड जाती है। भगवान राम हनुमान को एक मुद्गिका देते हैं और कहते हैं कि हनुमान अगर सीता तुम्हें पहचान न पाए तो यह मुद्गिका दिखाना तो उसे विश्वास हो जाएगा कि तुम मेरे द्रारा भेजे गए हो। हनुमान समुद्र लाघकर लंका पहुंचते हैं और जिस अशोक वाटिका में मा सीता एक पेड़ के नीचे बैठी हैं। उसी पेड़ पर बैठ जाते हैं। फिर वह धीरे से भगवान राम की दी हुई मुद्गिका को नीचे गिरा देते हैं। जिसे देखकर मा सीता विह्ल हो जाती हैं। इसके बाद हनुमान पूरा हाल सुनाते हैं। यह प्रसंग देखकर रामलीला मंचन को देखकर दर्शक भी भाव विभोर हो जाते हैं। यह मंचन गुरुवार को श्री रानी लक्ष्मीबाई रामलीला समिति के तत्वाधान में हो रही रामलीला में किया गया। कलाकारों की प्रस्तुति को सभी दर्शकों ने सराहा।

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