Move to Jagran APP

Raksha Bandhan 2020 : पारंपरिक रूप से मनाया गया रक्षाबंधन पर्व, मास्क का उपहार

सावन पूर्णिमा पर भाई बहन के पवित्र प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व जिले भर पांरपरिक रूप से धूमधाम पूर्वक मनाया जा रहा है। घरों में बहनों ने भाइयों के हाथ पर रक्षा सूत्र बांधा।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Mon, 03 Aug 2020 01:22 PM (IST)Updated: Mon, 03 Aug 2020 01:22 PM (IST)
Raksha Bandhan 2020 : पारंपरिक रूप से मनाया गया रक्षाबंधन पर्व, मास्क का उपहार
Raksha Bandhan 2020 : पारंपरिक रूप से मनाया गया रक्षाबंधन पर्व, मास्क का उपहार

शाहजहांपुर, जेएनएन : सावन पूर्णिमा पर भाई बहन के पवित्र प्यार का प्रतीक रक्षाबंधन पर्व जिले भर पांरपरिक रूप से धूमधाम पूर्वक मनाया जा रहा है। घरों में बहनों ने भाइयों के हाथ पर रक्षा सूत्र राखी बांधकर दीर्घायु की कामना की। पर्व पर कोविड संक्रमण का प्रभावी असर दिखा। महिलाओं के समेत आमन मास्क लगाकर घरों से बाहर निकले। बहनों ने भाइयों को राखी के साथ मास्क भी उपहार स्वरूप भेंट किए। रोडवेज स्टेशन पर रक्षाबंधन का प्रभावी असर दिखा। यहां मास्क लगाकर पहुंची भीड़ से फिजिकल डिस्टेसिंग तार तार हो गई। परिवहन निगम प्रबंधन को कोविड गाइड लाइन का पालन कराना मुश्किल हो गया।

loksabha election banner

सोमवार तड़के से ही घरों में रक्षाबंधन की तैयारियां शुरू हो गई। नन्हेें मुन्ने बच्चों ने रंग बिरंगे नए कपड़े पहनकर बहनों से राखी बंधवाई। बहनों ने रक्षासूत्र बांधने के साथ माथे पर दीर्घायु को टीका लगाया। लंबी उम्र की कामना की। भाइयों बहनों को उपहार भेंट किए। बाजार में सजी राखियों की दुकानों पर भीड़ रही।

उल्लास में फिजिकल डिस्टेसिंग तार तार

रक्षाबंधन पर मिठाई की दुकानों पर भी खरीददारी को तांता लगा रहा। लोग पर्व के उल्लास में फिजकल डिस्टेसिंग को भूल गए। कई मौके पर पुलिस को सख्ती करनी पड़ी।

बसों में सैनिटाइज के साथ मुफ्त यात्रा

रक्षाबंधन पर रोडवेज पर भीड़ रही। महिलााअों ने मुफ्त यात्रा कराई गई। कोविड गाइड लाइन के मुताबिक यात्रियों को मास्क के साथ बसो में सैनिटाइज कराकर स्थान दिया गया।

जिला कारागार पर सन्नाटा, मायूस होकर लौटी बहने

यह पहला मौका था जब रक्षाबंधन पर जिला कारागार के बाहर सन्नाटा पसरा रहा। कोविड संक्रमण को देख जेल प्रशासन ने इस बार बहनों को रक्षाबंधन के लिए जेल में प्रवेश की अनुमति नहीं दी। कई बहने राखी लेकर कारागार गेट पर पहुंची। उन्हें भाई की कलाई पर राखी बांधे बिना ही मायूस होकर लौटना पड़ा। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.